कोटा. शहर के दशहरा मैदान में 129वां राष्ट्रीय दशहरा मेले का आयोजन किया जा रहा है. यहां रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के बड़े पुतले लगाए जा रहे हैं. 24 घंटों की मशक्कत के बाद पुतलों को खड़ा कर दिया गया है. इसके लिए दो बड़ी क्रेन मंगवाई गई. जिनमें एक हाइड्रोलिक क्रेन है. इस बार रावण दहन रिमोट कंट्रोल से किया जाएगा.
रावण बनाने के लिए नीचे बांस व बल्लियों का एक स्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है, जिसका निर्माण सोमवार देर रात से ही शुरु कर दिया गया था. यह स्ट्रक्चर अब बनकर तैयार हुआ है. जिसके बाद हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से रावण के कुनबे के पुतलों को खड़ा किया जा रहा है. रावण का पुतला खड़ा किया जा चुका है. साथ ही देर रात तक मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले भी सीधे खड़े कर दिए जाएंगे. इस कार्य में 150 से ज्यादा मजदूर लगे हुए हैं. इसकी मॉनिटरिंग नगर निगम के अभियंता कर रहे हैं. पुतले पूरी तरह से खड़े हो जाने के बाद इनमें पटाखे, आतिशबाजी व बारूद भरने का काम होगा. यह काम बुधवार दोपहर तक होगा.
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रिमोट कंट्रोल से होगा रावण दहन: मेला समिति के सदस्य और नगर निगम दक्षिण के उपमहापौर पवन मीणा का कहना है कि रावण का पुतला पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से जलेगा. रिमोट से पुतले की आतिशबाजी पर कंट्रोल होगा. जिसमें रावण के अलग-अलग हिस्से का दहन रिमोट से एक-एक करके किया जाएगा. इसमें रावण के मुंह से चिंगारी निकलना, नाक और कान से धुआं उगलना, सिर पर स्काई शॉट से आसमान में रोशनी होना, सिर पर स्थित ताज में चकरी घूमना, एक हाथ में तलवार लहराना व हाथ में ढाल में चकरी चलना व फूटेगी. इसके साथ ही कान की बालियों, कमर पेटी और पेट में भी बारूद भरा जा रहा है. गले की माला भी आतिशी नजारे के जलती हुई नजर आएगी. पुतले में चक्कर, फायर, स्मोक समेत 500 से अधिक बम लगाए गए हैं.
खड़ा करने में सीना फटा, गर्दन भी हुई टेढ़ी- रावण को काफी मशक्कत के साथ खड़ा किया गया है. हालांकि खड़े किए गए रावण में कुछ कमियां भी नजर आ रही है. इस रावण के 10 की जगह केवल 9 ही सिर नजर आ रहे हैं. जिसमें एक बड़ा सिर है, वहीं दाएं और बाएं तरफ 4-4 सिर ही है. वहीं दूसरी तरफ रावण को खड़ा करने के दौरान क्रेन की मदद से उसे लटका कर उठाया गया था. इस दौरान सीने पर क्रेन का पट्टा बांधा गया था. जिससे रावण के सीने में एक बड़ा छेद हो गया है. साथ ही रावण की गर्दन भी टेढ़ी हो गई है. देर रात तक रावण को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं और यह क्रम आज भी रावण दहन के पहले तक जारी रहेगा.
पुतलों पर निगम के खर्च किए 15 लाख: रावण बनाने की लागत साढ़े पांच लाख रुपए आई (Cost of Ravan effigy in Kota) है. रावण को खड़ा करने के लिए भी 5 लाख रुपए का खर्चा हुआ है. इसमें एक लाख रुपए किराए में 3 क्रेन मंगवाई गई. इनमें एक हाइड्रोलिक क्रेन है, जो 150 फीट ऊंचाई पर जाकर रावण को खड़ा कर रही है. इसके साथ साढ़े तीन लाख रुपए की लेबर और रावण को खड़ा करने के लिए बल्लियों व बांस का स्ट्रक्चर तैयार करवाया है. साथ ही रावण में साढ़े 5 लाख रुपए के पटाखे भी लगाए गए हैं. ऐसे में यह राशि कुल मिलाकर करीब 15 लाख 50 हजार रुपए हो गई है.
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साढ़े 5 लाख रुपए के लगेंगे 10000 फटाखे: रावण दहन के पहले 20 मिनट तक लगातार आतिशबाजी होगी. नगर निगम के अधिकारी और मेला समिति का कहना है कि रावण 15 मिनट तक जलेगा. इसके लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगाया गया है. इसे रिमोट से जलाया जाएगा. इसमें उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में आग लगेगी. रावण में साढ़े पांच लाख रुपए के 10000 पटाखे लगाए गए हैं. रावण दहन के बाद होने वाले लंका दहन में भी आतिशी नजारे होंगे. इसके अलावा आतिशबाजी में आसमान में रंगीन अशर्फियां सबको रोमांचित करेंगी. गोल्डन शॉट से सोने की लंका के जलने का दृश्य उपस्थित किया जाएगा.
5000 टन वजनी है रावण: बीते करीब 40 दिनों से रावण बनाने का काम दशहरा मैदान में चल रहा था. इसमें 1 क्विंटल रस्सी और एक हजार बांस लगाई गई. यह करीब 5000 टन वजनी रावण है. जिसमें काजग की रद्दी और चमकीला पेपर भी सैकड़ों किलो लगाया गया है. इसे आटे की लुगदी से चिपकाया गया है. रावण की ऊंचाई 75 फीट है, जबकि कुंभकरण और मेघनाथ 50-50 फीट के बनाए गए हैं.
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अस्थाई थाने के साथ हजारों जवान करेंगे निगरानी: मेले में सुरक्षा के लिए पुलिस, होमगार्ड, स्काउट गाइड के स्वयंसेवकों के हजारों जवानों के साथ 84 सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी की (Security in Kota Dussehra mela) जाएगी. मेले में एक अस्थाई थाना और 7 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं. मेले में रोज करीब 50 हजार से 1 लाख के बीच लोग देखने पहुंचते हैं. निगरानी करने के लिए 9 वाच टावर व अनहोनी से बचाने के लिए अग्निशमन कैम्प की स्थापना कर दी गई है. परिसर में 5 अग्निशमन वाहन तैनात रहेंगे. हालांकि रावण दहन समेत संवेदनशील दिनों में 8 वाहन तैनात होंगे. इसके लिए 40 लोगों की टीम अलग—अलग शिफ्ट में अलर्ट रहेगी.
रात 7:40 से 8:40 के बीच होगा दहन: रावण दहन के पहले परंपरानुसार भगवान लक्ष्मीनारायणजी की सवारी गढ़ पैलेस से 6.30 बजे रवाना होगी. इसके पहले दरीखाने की रस्म गढ़ पैलेस में आयोजित होगी. वहीं दशहरा मैदान पर रियासत कालीन परंपरा से ज्वारा पूजन और श्रीसीताजी के पाने का पूजन किया जाएगा. इसके बाद रात 7.40 से 8.40 के मध्य रावण दहन किया जाएगा.
कहां पर होगी पार्किंग: घोड़े वाले बाबा सर्किल से सीएडी की तरफ आने वाले दुपहिया व चोपहिया वाहनों की पार्किंग पुराना पशुमेला ग्राउण्ड व सीएडी ग्राउण्ड में रहेगी. दादाबाड़ी तिराहे व महावीर नगर की तरफ आने वाले वाहनों की पार्किंग सीएडी ग्राउण्ड में रहेगी. रावतभाटा रोड एवं चम्बल गार्डन की तरफ से आने वाले वाहनों की पार्किंग व्यवस्था आशापाला मंदिर के पास व छप्पन भोग मंदिर परिसर में की गई है. किशोरपुरा गेट की तरफ से आने वाले समस्त वाहनों की पार्किंग सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट परिसर में होगी. चाट बाजार पुलिस चौकी के पीछे मेला ग्राउण्ड में पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
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यहां रहेगा ट्रैफिक डायवर्ट:
- घोड़े वाले बाबा सर्किल से रावतभाटा की तरफ जाने वाले समस्त प्रकार के भारी वाहन व रोडवेज बसें शाम 5 बजे के बाद घोड़ा सर्किल से महाराव भीमसिंह मार्ग से रंगबाड़ी चौराहा होकर नयागांव से रावतभाटा की तरफ जाएंगे.
- रावतभाटा की तरफ से शहर में आने वाले भारी वाहन सरस डेयरी तिराहा से जीएडी सर्किल, घटोत्कच्छ सर्किल, गोबरिया बावडी होते हुए झालावाड़ रोड पर से जाएंगे.
- नगरीय परिवहन सेवा के वाहन मिनीबस, मिनीडोर, टेम्पो, ऑटो रिक्शा केशवपुरा, महावीर नगर की तरफ जाने वाले एरोड्राम सर्किल से आईएल चौराहा, कॉमर्स कोलेज होकर केशवपुरा की तरफ जाएंगे. महावीर नगर, केशवपुरा की तरफ से आकर नयापुरा, रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाले केशवपुरा चौराहा से तलवंडी चौराहा आईएल चौराहा, कामर्स कोलेज, विज्ञान नगर तिराहा होकर एरोड्राम की तरफ आएंगे.
- भगवान श्रीलक्ष्मीनारायणजी की सवारी विमान व झांकियों के साथ शोभायात्रा शाम 5 बजे से निकाली जाएगी. इस दौरान किशोरपुरा मुक्तिधाम से गढ़ पैलेस की तरफ, सीएडी से गढ़ पैलेस, टीचर्स कॉलोनी से गढ़, कैथूनीपोल थाने से गढ़पैलेस की तरफ शाम 5 बजे से शोभायात्रा के चलते समस्त प्रकार के वाहनों का आवागमन बंद रहेगा.