कोटा. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा कोटा दौरे के दौरान जिले की बैठक ली. बैठक के दौरान चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर और संयुक्त निदेशक डॉ. सतीश खंडेलवाल पर नाराज हो गए और उन्हें मीटिंग से बाहर भेज दिया. मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि डॉ. तंवर और डॉ. खंडेलवाल तैयारी करके नहीं आए थे. उन्हें निर्देशित किया है कि तैयारी करके आएं. जानकारी के अभाव में विधायकों का रोष हमें झेलना पड़ा. वहीं, पीपल्दा से कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने एसीबी पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया है.
मीटिंग में मौजूद पीपल्दा के विधायक रामनारायण मीणा ने भी सीएमएचओ पर जमकर कटाक्ष किए. इस दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ (Pipalda MLA Big Statement) प्रदेश में काम करने वाली राजस्थान एसीबी पर ही उन्होंने भ्रष्ट होने का आरोप लगा दिया. साथी प्रदेश सरकार के मंत्रियों के दबाव में काम करने की बात भी विधायक रामनारायण मीणा ने मीडिया से कही है. रामनारायण मीणा ने कहा कि 'मैं हर भ्रष्ट अधिकारी को हटाने के पक्ष में हूं, मुझे ताज्जुब होता है कि हम सीबीआई के खिलाफ आरोप लगाते हैं कि सीबीआई प्रीजूरिस्ट है'. प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के कहने पर काम करती है, लेकिन राजस्थान में एसीबी के खिलाफ ऐसी शिकायतें नहीं थी.
उन्होंने कहा कि कोटा के सीएमएचओ के केस में दो मुकदमे दर्ज होने के बाद भी एफआर लगाना निश्चित तौर पर भ्रष्टाचार है. विधायक ने कहा कि एसीबी को कमजोर नहीं होना चाहिए. यह कमजोर हो गई तो यह लोग पकड़े जा रहे हैं, उनका कोई मायने नहीं रह जाता है. उन्होंने कहा कि वे जनता की तरफ से कहना चाहता हैं कि करप्ट आदमियों के खिलाफ एसीबी कार्रवाई नहीं कर रही है. वह ईमानदार आदमियों को फंसा रही है. जब विधायक मीणा से मीडिया ने पूछा कि कौन उन्हें बचा रहा है, तब उन्होंने जवाब दिया कि यह मुझे पता नहीं है, लेकिन बचाने वाला फ्री में नहीं बचा रहा होगा. उन्होंने बिना नाम लेते हुए कहा कि कहा कि कोटा में दो पावरफुल व्यक्ति हैं. जिनमें एक देश चलाने वाले शक्तिनगर निवासी और दूसरे नवरंग होटल के पास में रहते हैं.
सबसे जूनियर और जिला स्तरीय अधिकारियों में सबसे ज्यादा शिकायतः मंत्री रामनारायण मीणा ने कहा कि (MLA Ramnarayan Meena Targeted Gehlot Government) मंत्री जी ने मीटिंग में माना है कि सीएमएचओ जानकारियां मीटिंग में नहीं दे पा रहे थे. वे गांवों का दौरा नहीं करते हैं. सर्वाधिक शिकायत जिला स्तरीय अधिकारियों में उनकी है. साथ ही यह भी माना है कि वह जूनियर भी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं के द्वारा एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. यह सब जानकारी मंत्री परसादी लाल मीणा के पास है. उन्होंने इसी बात को देखते हुए सबक सिखाने के लिए उन्हें मीटिंग से बाहर निकाला है.