कोटा. जेके लोन अस्पताल में मृत नवजात पैदा होने के बाद परिजनों ने बुधवार को हंगामा कर दिया था. परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था. इस मामले में अब राजस्थान सरकार ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि मेडिकल एजुकेशन निदेशालय जयपुर ने नवजात के मृत पैदा होने के मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. जिसके लिए जेके लोन अस्पताल प्रबंधन को सूचित कर दिया है.
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दूसरी तरफ जेके लोन अस्पताल प्रबंधन ने भी मामले की जांच के लिए 3 सदस्यों की कमेटी गठित कर दी है. कमेटी में गायनी विभागाध्यक्ष डॉ. निर्मला शर्मा, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अमृता मयंगर और नर्सिंग अधीक्षक रामरतन कुशवाहा को शामिल हैं. इन्हें जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रबंधन को सौंपने को कहा है. जेके लोन अधीक्षक डॉ. अशोक मूंदड़ा ने बताया कि मृत नवजात पैदा होने के मामले में परिजनों ने किसी तरह की कोई शिकायत प्रबंधन को नहीं की है.
बता दें कि डीसीएम इंदिरा गांधी नगर निवासी माधुरी की बुधवार दोपहर 1:30 बजे नॉर्मल डिलीवरी हुई थी. लेकिन उन्होंने मृत नवजात का जन्म दिया था. जबकि परिजन ऑपरेशन करने के लिए डॉक्टरों से कह रहे थे. नवजात के मृत पैदा होने के बाद परिजनों ने अधीक्षक डॉ. अशोक मूंदड़ा की टेबल पर बच्चे के शव को रखकर पूछा था कि आखिर हमारा नवजात कैसे मरा. परिजन नवजात का शव लेकर कलेक्ट्रेट भी गए थे. लेकिन उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने वापस भेज दिया.
अधीक्षक बोले पैसे मांगने कि नहीं कि मुझे शिकायत
मृत नवजात की दादी कमला नामा ने अधीक्षक से कहा था कि उससे लेबर रूम में पैसे मांगे गए थे. वहां पर मौजूद स्टाफ ने उससे कहा था कि उन्हें खुश करना होगा. तब उसने कहा कि वह पैसा दे देगी. जिसके बाद परिजनों ने अधीक्षक से पैसे मांगने की बात कही थी लेकिन इस पर किसी भी तरह की कोई जांच या पैसे मांगने की शिकायत से ही अधीक्षक डॉ. अशोक मूंदड़ा इनकार कर दिया.
परिजनों ने पुलिस में दिया परिवाद
परिजनों ने नयापुरा थाना पुलिस को एक परिवाद दिया है. जिसमें डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. शिकायत में परिजनों ने कहा कि माधुरी की सिजेरियन डिलीवरी के बात हमने कही थी, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया. इस पूरे प्रकरण को नयापुरा थाना पुलिस ने जांच में रखा है और एमबीएस चौकी प्रभारी मुकेश गुर्जर को जांच सौंपी है. दूसरी तरफ, भारतीय जनता युवा मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल भी जिलाध्यक्ष गिरीराज गौतम के नेतृत्व में अस्पताल पहुंचा. उन्होंने अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कहा है. ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.