कोटा. उदयपुर के कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के विरोध में कोटा में 2 जुलाई को बंद का आह्वान किया गया था. इस संबंध में सर्व समाज की तरफ से प्रदर्शन भी किया गया था. इस मामले में पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन के मामले में 15 नामजद और अन्य के खिलाफ किशोरपुरा थाने में मुकदमा दर्ज किया है. इसमें विधायक, पूर्व विधायक और हिंदू संगठन से जुड़े लोग शामिल (FIR filed in Kota bandh and protest) हैं. हालांकि प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेता राखी गौतम और भाजपा विधायक कल्पना देवी का नाम इस मुकदमे में नहीं है.
पुलिस उप अधीक्षक अंकित जैन का कहना है कि 2 जुलाई को हुए प्रदर्शन के बाद मुकदमा दर्ज किया गया (Protest in Kota against Udaipur murder case) है. किशोरपुरा थाने में दर्ज मुकदमे के अनुसार इसमें धारा 143 गैर कानूनी जनसमूह एकत्रित करना, 188 महामारी एक्ट का उल्लंघन व धारा 283 में रास्ते जाम करना शामिल है. आरोपियों में विधायक संदीप शर्मा, मदन दिलावर, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, हीरालाल नागर, भवानी सिंह राजावत, भाजपा जिला उपाध्यक्ष, भाजयुमो शहर जिला अध्यक्ष सुदर्शन गौतम, भाजयुमो देहात के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर खटाना, विश्व हिंदू परिषद के हौसला प्रसाद, योगेश रेनवाल, सुधीर तांबी, रमेश राठौर, मुकेश जोशी, मुकेश शर्मा, धीरेंद्र शर्मा व अन्य को नामजद किया है.
विधायक बोले-सरकार हिंदू विरोधी: भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने इस मामले पर सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने सरकार को हिंदू विरोधी बताया है. शर्मा का आरोप है कि सरकार एक तरफ तो एक समुदाय को पूरी तरीके से सहयोग करती है. वहीं हिंदू समाज पर सरकार द्वेषतापूर्ण व्यवहार कर रही है. सर्व समाज पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन पर मुकदमा दर्ज किया है. यह निश्चित रूप से सरकार की ओछी और पक्षपातपूर्ण मानसिकता का परिचायक है.
महिला विधायक और नेता के खिलाफ एफआईआर नहीं: नामजद आरोपियों में अधिकांश ज्ञापन देने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान भाजपा नेता और हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने संभागीय आयुक्त को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपा था. जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव व कोटा दक्षिण सीट से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रही राखी गौतम शामिल थीं. हालांकि एफआईआर में लाडपुरा विधायक कल्पना देवी व राखी गौतम को नामजद रूप में नहीं लिखा गया है.