कोटा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से रविवार को जनता कर्फ्यू लगाने की अपील की थी. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को फैसला लेते हुए प्रदेश में गत 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. जिसका असर आज कोटा शहर में देखने को मिल रहा है.
शहर में महज ट्रैफिक पुलिस या पुलिस के जवान ही चौराहे पर नजर आ रहे हैं. पूरा शहर बंद है. जरूरत के सामान दूध, सब्जी, राशन, पेट्रोल पंप और मेडिकल स्टोर ही खुले हुए हैं. इसके अलावा पूरा शहर बंद है. यहां तक कि सड़कों पर लोग भी नजर नहीं आ रहे हैं. इक्के-दुक्के वाहन ही संचालित हो रहे हैं. बस, सिटी बस, ट्रक और रेल सभी बन्द है. यहां यक की ऑटो, मिनी, बस टैक्सी और कैब सभी यूनियनों ने अपना समर्थन इसमें दिया है.
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कोटा व्यापार महासंघ ने भी आह्वान कर दिया है कि पूरी तरह से शहर को बंद रखा जाएगा. इसके तहत कोटा जिले के 148 व्यापारिक संस्थानों की एक लाख से ज्यादा दुकानें बंद है. पूरा प्रदेश हाई अलर्ट पर कोटा में भी सतर्कता बरती जा रही है.
सब कुछ ही बंद है
शहर में सुबह जल्दी खुल जाने वाली नाश्ते और कचौरी की दुकानें भी बंद हैं. यहां तक कि सभी रेस्टोरेंट्स को पूरी तरह से बंद रखा गया है. इसके चलते लोग घरों के बाहर भी नहीं निकल रहे हैं, क्योंकि पूरा बाजार बंद है. ऐसे में जो इमरजेंसी की ड्यूटी करने जिनमें अस्पताल कार्मिक, पुलिस के जवान, होमगार्ड, पेट्रोल पंप या फिर अन्य जरूरी स्थानों पर ड्यूटी करने वाले लोग ही नजर आ रहे हैं. सफाई कर्मी जो नगर निगम के हैं, वे भी मास्क पहनकर ही सफाई करते हुए नजर आ रहे हैं.
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ये सेवाएं है बन्द
- कोटा जिले में करीब 780 बसें बन्द
- 1654 ऑटो टैक्सी भी नहीं चल रही
- कोटा होकर चलने वाली करीब 35 से ज्यादा ट्रेनें रहेगी बंद
- 100 से ज्यादा रोडवेज बसें बंद
- 72 कोचिंग संस्थान और 2030 विद्यालय में लॉक डाउन
- एक लाख से ज्यादा दुकानें बंद
- 500 करोड़ का होगा कारोबार ठप
- डेढ़ लाख श्रमिकों को नहीं मिलेगा रोजगार
- 148 व्यापारिक संगठन बंद में शामिल
- 1200 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं पूरे कोटा में बंद