कोटा. जिला विधिक प्राधिकरण की तरफ से लंबित मामलों को लेकर राष्ट्रीय लोक अदालत परिसर में बैठक आयोजित हुई. इस दौरान लंबित मामलों को लेकर बड़ी संख्या में लोग न्यायालय परिसर में पहुंचे. जिसमें जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की फ्रेंचाइजी कंपनी के रूप में काम कर रही कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के मामले भी थे.
इस दौरान काफी देर तक बिजली कंपनी केईडीएल के अधिकारियों से लोग उलझते रहे. साथ ही उन्होंने बिजली कंपनी पर आरोप भी लगाए हैं. जिनको लेकर भी कुछ लोगों ने वहां पर हंगामा किया. उन्होंने कहा कि बिजली कंपनी ने उनकी गलत वीसीआर भर दी है.
महिला कविता चौबदार का कहना है कि उनका बोरखेड़ा थाना इलाके की गोकुल कॉलोनी में मकान है, लेकिन पड़ोसी बिजली चोरी कर रहा था. जिसका पूरा वीडियो भी उनके पास है, लेकिन बिजली कंपनी ने उनकी वीसीआर भेज दी है और 55 हजार रुपए का नोटिस देकर जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है. इसके अलावा
एक अन्य व्यक्ति मांगीलाल ने भी इसी तरह की शिकायत की. उसने कहा कि उसकी बिजली के मीटर के पास से घंटी का तार जा रहा था, जिससे कि बिजली चोरी भी नहीं की जा सकती है, लेकिन बिजली कंपनी ने उसकी वीसीआर बना दी है और अब उससे किसी भी तरह का कोई समझौता भी नहीं किया जा रहा है उससे 35 हजार रुपए जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है. जब कि अगर बिजली विभाग के अधिकारी पूरे मामले की मौके पर जांच करने भी आएंगे, तो भी कुछ उन्हें नहीं मिलेगा लेकिन कोई भी अधिकारी जांच करने नहीं आया. इसके अलावा बैंकों सहित अन्य कई शिकायतें भी यहां पर लोगों को थी. जिनमें सैकड़ों मामलों में समझौता भी राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ है.
8500 पेंडिंग और 5500 लिटिगेशन के मामले
कोटा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास का कहना है कि कोटा क्षेत्र में राष्ट्रीय लोक अदालत में 8500 पेंडिंग और 5500 लिटिगेशन के मामले रखे गए हैं. राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक, दीवानी दावे, फौजदारी प्रकरण, चेक अनादरण, बिजली लिटिगेशन, एमएससीटी, पारिवारिक और बीएसएनएल संबंधित मामले हैं.
कोटा न्याय क्षेत्र में कुल 38 बेंचों का गठन किया है. जिसमें न्यायिक अधिकारी शामिल है. पक्षकारों को नोटिस जारी किए गए थे. काफी बड़ी संख्या में पक्षकार भी उपस्थित हैं. लोगों में उत्साह भी इसको लेकर है. न्यायिक अधिकारी प्रकरणों में राजीनामे के लिए पक्षकारों के मध्य आपसी समझाइश का काम कर रहे है. सभी न्यायिक अधिकारी पूरी रुचि से सकारात्मक सार्थक प्रयास कर रहे हैं, इसमें सहयोग कर रहे हैं.