कोटा. जिले की कालीसिंध नदी पर बन रहे नोनेरा-ऐबरा बांध निर्माण कार्य का पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ जायजा लिया गया. जहां उन्होंने जल संसाधन विभाग और सिंचाई विभाग के अलावा बांध का निर्माण कर रही दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों के साथ डेढ़ घंटे तक बैठक लेकर आवश्यक जानकारी ली और विस्तार से बांध के बारे चर्चा की. इस मौक पर सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता साबिर हुसैन और अधीशाषी अभियंता आर.के. जेमिनी से बांध के निर्माण कार्य के बारे मे जानकारी ली.
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जहां अधीक्षण अभियंता ने बताया कि यह एक डायवर्जेशन डेम है यहां से पानी का डायवर्जन होगा. वहीं जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता दुलीचंद और अनिल यादव से बांध की भराव क्षमता, डायवर्जन, गहराई और डूब क्षेत्र के किसानों को मिलने वाले मुआवजे आदि के बारे मे जानकारी ली.जायजे के दौरान कंपनी के कस्ट्रक्शन मैनेजर निलेश उमक भी मौजूद रहे.
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विधायक मीणा ने कहा कि राजस्थान में पीने के पानी की बहुत समस्या है. समस्या को दूर करने के लिए नोनेरा बांध का निर्माण करवाया जा रहा है. जो 601 करोड रुपए की लागत से बांध बनेगा. इसमें जहां जहां डूब क्षेत्र आएगा वहां किसानों को सरकार द्वारा उचित मुआवजा भी दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बांध का निर्माण होने के बाद राजस्थान के 13 जिलों को पीने और सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और यह पानी क्षेत्र के लोगों को भी मिले.
उन्होंने बताया कि नोनेरा एबरा बांध निर्माण कार्य का जल्द ही मुख्यमंत्री का दौरा कराया जाएगा. ताकि इसके निर्माण कार्य मे गति सके और जल्द से जल्द बांध का निर्माण कार्य हो सके.
पूर्व पंचायत समिति सदस्य महेंद्र गोचर,पूर्व पीसीसी सदस्य नसरू खान,सरपंच संघ अध्यक्ष बजरंगलाल काका और सामाजिक कार्यकर्ता महावीर मीणा कचोलिया ने विधायक मीणा से नोनेरा-एबरा डेम क्षेत्र की विशाल परियोजना होने के बावजूद भी वहां स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने की शिकायत की. जिस पर विधायक ने शीघ्र ही कंपनी के अधिकारियों से वार्ता कर स्थानीय लोगों को बांध निर्माण कार्य में रोजगार उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया.
इस दौरान सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता साबिर हुसैन ने बताया कि बांध में के निर्माण के बाद 13 जिलों में पानी की सप्लाई होगी. बांध में 27 गेट लगेंगे, यह एक डायवर्जन बैराज के रूप में अपनी पहचान बनाएगा.