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कोटा: कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट एक बार निगेटिव आने के बाद हो सकेंगे डिस्चार्ज

देश में फैले कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं, कोरोना के कारण ज्यादातर बुजुर्गों की जान जा रही है. इसे देखते हुए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट एक बार निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया जा सकेगा. बशर्ते उन्हें कोई गंभीर लक्षण नहीं हो. हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्ति यानी बुजुर्ग यदि कोविड-19 रोग के पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कर अनिवार्य रूप से उनका उपचार किया जाएगा.

राजस्थान की खबर, kota news
निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीज हो सकेंगे डिस्चार्ज
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Published : May 29, 2020, 10:29 PM IST

कोटा. जिले में अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट एक बार निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया जा सकेगा. बशर्ते उन्हें कोई गंभीर लक्षण नहीं हो. हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्ति यानी बुजुर्ग यदि कोविड-19 रोग के पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कर अनिवार्य रूप से उनका उपचार किया जाएगा. चाहे उनमें लक्षण हो या ना हो. प्रदेश में लगातार कोरोना पॉजिटिव बुजुर्गों की मौत होने के कारण ये निर्णय लिया गया है.

राजस्थान की खबर, kota news
निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीज हो सकेंगे डिस्चार्ज

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशक ने हाल ही में आदेश जारी कर नई रिवाइज्ड डिस्चार्ज पॉलिसी घोषित की है. इसमें मरीज को विभिन्न अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है. यदि मरीज सामान्य रूप से श्वास ले पा रहा है तो उसे कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज कर डेडीकेटेड कोविड केयर हेल्थ सेंटर पर भेजा जा सकेगा. यदि डिस्चार्ज करने के बाद मरीज में कोई बुखार या अन्य लक्षण नजर आते हैं जैसे कफ, सांस लेने में परेशानी तो कोविड केयर सेंटर या स्टेट हेल्फलाइन नंबर 1075 पर संपर्क किया जा सकेगा. जिसे नियमित 14 दिन तक पूरे नियमों में रखा जाएगा. गौरतलब है कि इससे पहले तीन बार रिपोर्ट पॉजिटिव आने और बाद में दो बार रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही डिस्चार्ज किया जाता था.

ये करना होगा डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को-

माइल्ड, वेरी माइल्ड, प्री सम्पटमेटिक केस माइल्ड, वेरी माइल्ड को अनिवार्य रूप से कोविड केयर फेसिलिटी में भर्ती करना होगा. यहां नियमित रूप से उसका तापमान देखा जाएगा और आक्सीमेट्री से उसकी पल्स यानी नाड़ी टेस्ट की जाएगी. मरीज को 10 दिन बाद डिस्चार्ज किया जा सकेगा. ये देखा जाएगा कि उसे 3 दिन तक बुखार नहीं है और कोई आईएलआई के लक्षण नहीं है.

पढ़ें- कोटा: टिड्डी दल कर्मिकों की निगरानी के विरोध में शिक्षक संघ ने CM गहलोत के नाम ज्ञापन भेजा

डिस्चार्ज से पहले जांच की कोई जरूरत नहीं रहेगी. डिस्चार्ज से पहले मरीज को ये सुनिश्चित करना होगा कि वो स्वयं आइसोलेशन यानी अलग से रहेगा. वो अपने घर पर भी सात दिन तक खुद के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखेगा.

मोडरेट केसेज-

मोडरेट केसेज को डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर पर ऑक्सीजन बिस्तर पर रखा जाएगा. यदि मरीज के लक्षण 3 दिन में ठीक हो जाते हैं और वो सामान्य तरीके से स्वास ले पाता है तो 4 दिन में उसे मोडरेट केस माना जाएगा. इसे 10 दिन में डिस्चार्ज किया जा सकेगा, लेकिन यदि उसे ऑक्सीजन की जरूरत है और बुखार 3 दिन में ठीक नहीं हो रहा है तो उसे भर्ती ही रखा जाएगा.

कोटा. जिले में अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट एक बार निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया जा सकेगा. बशर्ते उन्हें कोई गंभीर लक्षण नहीं हो. हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्ति यानी बुजुर्ग यदि कोविड-19 रोग के पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कर अनिवार्य रूप से उनका उपचार किया जाएगा. चाहे उनमें लक्षण हो या ना हो. प्रदेश में लगातार कोरोना पॉजिटिव बुजुर्गों की मौत होने के कारण ये निर्णय लिया गया है.

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निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीज हो सकेंगे डिस्चार्ज

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशक ने हाल ही में आदेश जारी कर नई रिवाइज्ड डिस्चार्ज पॉलिसी घोषित की है. इसमें मरीज को विभिन्न अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है. यदि मरीज सामान्य रूप से श्वास ले पा रहा है तो उसे कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज कर डेडीकेटेड कोविड केयर हेल्थ सेंटर पर भेजा जा सकेगा. यदि डिस्चार्ज करने के बाद मरीज में कोई बुखार या अन्य लक्षण नजर आते हैं जैसे कफ, सांस लेने में परेशानी तो कोविड केयर सेंटर या स्टेट हेल्फलाइन नंबर 1075 पर संपर्क किया जा सकेगा. जिसे नियमित 14 दिन तक पूरे नियमों में रखा जाएगा. गौरतलब है कि इससे पहले तीन बार रिपोर्ट पॉजिटिव आने और बाद में दो बार रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही डिस्चार्ज किया जाता था.

ये करना होगा डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को-

माइल्ड, वेरी माइल्ड, प्री सम्पटमेटिक केस माइल्ड, वेरी माइल्ड को अनिवार्य रूप से कोविड केयर फेसिलिटी में भर्ती करना होगा. यहां नियमित रूप से उसका तापमान देखा जाएगा और आक्सीमेट्री से उसकी पल्स यानी नाड़ी टेस्ट की जाएगी. मरीज को 10 दिन बाद डिस्चार्ज किया जा सकेगा. ये देखा जाएगा कि उसे 3 दिन तक बुखार नहीं है और कोई आईएलआई के लक्षण नहीं है.

पढ़ें- कोटा: टिड्डी दल कर्मिकों की निगरानी के विरोध में शिक्षक संघ ने CM गहलोत के नाम ज्ञापन भेजा

डिस्चार्ज से पहले जांच की कोई जरूरत नहीं रहेगी. डिस्चार्ज से पहले मरीज को ये सुनिश्चित करना होगा कि वो स्वयं आइसोलेशन यानी अलग से रहेगा. वो अपने घर पर भी सात दिन तक खुद के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखेगा.

मोडरेट केसेज-

मोडरेट केसेज को डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर पर ऑक्सीजन बिस्तर पर रखा जाएगा. यदि मरीज के लक्षण 3 दिन में ठीक हो जाते हैं और वो सामान्य तरीके से स्वास ले पाता है तो 4 दिन में उसे मोडरेट केस माना जाएगा. इसे 10 दिन में डिस्चार्ज किया जा सकेगा, लेकिन यदि उसे ऑक्सीजन की जरूरत है और बुखार 3 दिन में ठीक नहीं हो रहा है तो उसे भर्ती ही रखा जाएगा.

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