कोटा. जिले के जेके लोन अस्पताल में बुधवार को ठंड के कारण एक नवजात बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. बता दें कि बच्चे का जन्म स्वस्थ हुआ था, लेकिन वार्ड में तापमान कम होने के कारण बच्चे की मौत हो गई. जेके लोन अस्पताल के गायनिक वार्ड में नवजात बच्चों और उनकी मां को बचाने के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. वहीं दूसरी तरफ अस्पताल के कर्मचारी हीटर से अपने आपको बचाने की जुगत में लगा हुआ है.
मामले को लेकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. एस.सी दुलारा ने कहा कि वे जल्द ही हीटरों का इंतजाम करेंगे. चिकित्सकों के मुताबिक नवजात बच्चों को करीब 35 डिग्री तापमान चाहिए, लेकिन जेके लोन अस्पताल के हालात ऐसे नहीं है कि वहां पर 35 डिग्री टेंपरेचर गायनिक वार्ड में मेंटेन किया जाए. उन्होंने बताया कि जो नवजात स्वस्थ पैदा होते हैं और उन्हें किसी भी तरह के उपचार की जन्म के बाद जरूरत नहीं होती वह अपनी मां के पास ही रहते हैं. एक-दो दिन मां को जब तक अस्पताल से छुट्टी नहीं मिलती नवजात उनके पास ही रहता है. चिकित्सकों का कहना है कि लेकिन गायनिक वार्ड की हालत ऐसी हो रही है कि अधिकांश खिड़कियां टूटी हुई है और रात को चलने वाली ठंडी हवाओं से पूरा वार्ड में भर्ती प्रसूताएं और उनके नवजात ठंड के चलते अकड़ते रहते हैं.
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जेके लोन अस्पताल के गायनिक वार्ड में भर्ती महिलाओं ने कहा कि हालात ऐसे हैं कि अस्पताल केवल एक कंबल देकर इतिश्री कर देता है. मरीजों का कहना है कि वार्ड के खिड़कियां और दरवाजे टूटे हुए हैं. जिसके कारण रात में परेशानी का सामना करना पड़ता है. अस्पताल के पोस्ट नेटल वार्ड में भर्ती प्रसूता ने बताया कि खिड़कियां टूटी होने के कारण वार्ड में ठंड से ठिठुरते रहते हैं, ऐसे में अस्पताल में हीटर की जरूरत है.
छोटा हीटर आ गया तो लगा लिया
जेके लोन अस्पताल में पीडियाट्रिक, ओपीडी और टीकाकरण केंद्र में स्टाफ ही हीटरों का उपयोग करते हुए नजर आते हैं. वहीं, इस बारे में जब वहां उपस्थित कर्मचारियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह तो बच्चों के लिए लगाए हुए हैं. हालांकि टीकाकरण केंद्र स्टाफ नर्स ने कहा कि हीटर बच्चों के लिए मंगवाया गया था, लेकिन छोटा हीटर आ गया तो हमने लगा लिया.