कोटा. मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल के नर्सिंगकर्मियों में आक्रोश है. कर्मियों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पॉजिटिव मरीज सामने आने के बाद भी उन्हें इसकी सूचना नहीं दी जा रही है. जिसके चलते उनके घरों तक संक्रमण पहुंचने का खतरा बढ़ गया है. क्योंकि वह आम दिनों की तरह ही अपने परिजनों से मिल रहे हैं.
ऐसे में नर्सिंगकर्मी एमबीएस अस्पताल परिसर में एकत्रित हुए और उन्हें क्वॉरेंटाइन करने की मांग रखी. हालांकि, नर्सिंगकर्मियों का ये भी आरोप है कि उन्होंने जब क्वॉरेंटाइन करने की मांग की तो अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना सस्पेक्टेड मरीजों के साथ भर्ती करने की बात कही.
जानकारी के अनुसार एमबीएस अस्पताल में एक महिला और एक बुजुर्ग भर्ती हुए थे. ये दोनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन पर नर्सिंगकार्मिकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें पॉजिटिव मरीजों की सूचना नहीं दी गई. साथ ही क्वॉरेंटाइन भी नहीं किया जा रहा है. ऐसे करीब 50 लोगों ने सोमवार को पूरी लिस्ट बनाकर एमबीएस अस्पताल प्रबंधन को सौंपी है. जिसमें नर्सिंगकर्मी, वार्ड बॉय, स्वीपर, सिक्योरिटी गार्ड और ट्रॉली मैन शामिल हैं.
चिकित्सकों को होटल में क्वॉरेंटाइन कर रहे हमें अस्पताल में
नर्सेज का कहना है कि चिकित्सकों को तो बड़े होटलों में ठहराया जा रहा है. जहां सभी सुविधाओं के साथ उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है. लेकिन, उन्हें नए अस्पताल के सस्पेक्टेड वार्ड में भर्ती रहने के लिए कहा जा रहा है. साथ ही 5 दिन वहां भर्ती रहने के बाद सैंपल लिया जाएगा. पॉजिटिव आएंगे तो अस्पताल में भर्ती रखा जाएगा नेगेटिव आने पर वापस ड्यूटी पर भेजा जाएगा, जबकि चिकित्सकों के साथ ऐसा नहीं किया जा रहा है.
ड्यूटी में भी लगाया भेदभाव का आरोप
भेदभाव का विरोध कर नर्सिंगकार्मिकों का कहना है कि ड्यूटी लगाने में भी भाई-भतीजावाद किया जा रहा है, जो लोग ड्यूटी नहीं करना चाहते है वो अपनी ड्यूटी को रद्द करवा रहे हैं. जबकि जो फ्रंट वॉरियर के तौर पर ड्यूटी कर रहे हैं. उनको सब जगह शिफ्ट कर दिया जा रहा है. भेदभाव करते हुए बार-बार ड्यूटी को बदला जा रहा है.