कोटा. न्यू मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य चेतन पांडे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन दिया. ज्ञापन में यह बताया गया है कि न्यू मेडिकल कॉलेज में सारी सुविधा होने के बावजूद भी डेंगू पीड़ित मरीजों को उपचार के दौरान एसडीपी, आरडीपी की आवश्यकता पड़ने पर इसकी व्यवस्था नहीं है.
मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में ब्लड नहीं होने से मरीज के परिजनों को अस्पताल परिसर से लगभग 12 किलोमीटर दूर एमबीएस अस्पताल के ब्लड बैंक या किसी निजी ब्लड बैंक से स्वयं के खर्चे पर ब्लड की व्यवस्था करनी पड़ती है. जिससे मरीज के परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. एसडीपी के लिए डोनर की व्यवस्था खुद मरीज के परिजनों को करनी पड़ती है, जिससे कोटा शहर के बाहरी ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए व्यक्तियों को काफी परेशानी होती है.
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इसके साथ ही ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस चालकों ने यूनियन बना रखी है, जबकि इस प्रकार की कोई निजी यूनियन न्यू मेडिकल कॉलेज में मान्य नहीं है. बता दें कि ऐसे में शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक की तरफ से मुंह मांगी रकम भी ली जाती है. जिसको मृतक परिवार का सदस्य देने में असमर्थ रहता है. इसलिए सरकारी परिसर में किसी भी प्रकार की कोई यूनियन नहीं चलाई जाए. और इस तरह से यूनियन चलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए.
इस पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि एसडीपी और आरडीपी की मशीनों के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके लिए दिसम्बर माह में मशीने आ जायेगी. उन्होंने एम्बुलेंस चालकों ने यूनियन बनाने के बारे में कहा कि एम्बुलेंस का मामला अभी मेरे पास आया है अगर ऐसी बात है तो कोई भी परेशान तीमारदार यहां आकर बोलेगा तो उसकी सहायता के लिये अस्पताल प्रशासन उसका पूरा सहयोग करेगा. अधीक्षक का कहना है कि प्राइवेट एम्बुलेंस के यूनियन अध्यक्ष को बुलवाकर उससे बात की जायेगी इसका जल्द ही समस्या का निदान किया जाएगा. अगर कोई गरीब परिवार जिसके पास शव को ले जाने के लिए पैसे नही है तो इसके लिये बैठक बुलाकर इस सेवा को फ्री किया जाएगा.