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कोटाः न्यू मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में नहीं है SDP/RDP की व्यवस्था - ब्लड बैंक की खबर

कोटा में भाजपा युवा मोर्चा ने मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में ब्लड बैंक में एसडीपी और आरडीपी की व्यवस्था करवाने और एंबुलेंस वालों की धांधली समाप्त कराने की मांग को लेकर अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन दिया.

एसडीपी और आरडीपी ब्लड की व्यवस्था नहीं, No arrangement for SDP and RDP blood, कोटा का न्यू मेडिकल कॉलेज, New Medical College of Kota
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Published : Nov 19, 2019, 6:47 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 10:17 PM IST

कोटा. न्यू मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य चेतन पांडे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन दिया. ज्ञापन में यह बताया गया है कि न्यू मेडिकल कॉलेज में सारी सुविधा होने के बावजूद भी डेंगू पीड़ित मरीजों को उपचार के दौरान एसडीपी, आरडीपी की आवश्यकता पड़ने पर इसकी व्यवस्था नहीं है.

भाजपा युवा मोर्चा ने मेडिकल कॉलेज के अस्पताल व्यवस्था सुधारने के लिए दिया ज्ञापन

मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में ब्लड नहीं होने से मरीज के परिजनों को अस्पताल परिसर से लगभग 12 किलोमीटर दूर एमबीएस अस्पताल के ब्लड बैंक या किसी निजी ब्लड बैंक से स्वयं के खर्चे पर ब्लड की व्यवस्था करनी पड़ती है. जिससे मरीज के परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. एसडीपी के लिए डोनर की व्यवस्था खुद मरीज के परिजनों को करनी पड़ती है, जिससे कोटा शहर के बाहरी ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए व्यक्तियों को काफी परेशानी होती है.

पढ़ेंः निकाय चुनाव 2019: कोटा के कैथून में कांग्रेस के 25 में से 18 प्रत्याशी जीते, भाजपा 6 पर ही सिमटी

इसके साथ ही ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस चालकों ने यूनियन बना रखी है, जबकि इस प्रकार की कोई निजी यूनियन न्यू मेडिकल कॉलेज में मान्य नहीं है. बता दें कि ऐसे में शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक की तरफ से मुंह मांगी रकम भी ली जाती है. जिसको मृतक परिवार का सदस्य देने में असमर्थ रहता है. इसलिए सरकारी परिसर में किसी भी प्रकार की कोई यूनियन नहीं चलाई जाए. और इस तरह से यूनियन चलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए.

पढ़ेंः निकाय चुनाव 2019: सांगोद में 25 में से 16 वार्डों में कांग्रेस की जीत, 2 पर निर्दलियों की परचम के बाद बाकी बीजेपी को

इस पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि एसडीपी और आरडीपी की मशीनों के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके लिए दिसम्बर माह में मशीने आ जायेगी. उन्होंने एम्बुलेंस चालकों ने यूनियन बनाने के बारे में कहा कि एम्बुलेंस का मामला अभी मेरे पास आया है अगर ऐसी बात है तो कोई भी परेशान तीमारदार यहां आकर बोलेगा तो उसकी सहायता के लिये अस्पताल प्रशासन उसका पूरा सहयोग करेगा. अधीक्षक का कहना है कि प्राइवेट एम्बुलेंस के यूनियन अध्यक्ष को बुलवाकर उससे बात की जायेगी इसका जल्द ही समस्या का निदान किया जाएगा. अगर कोई गरीब परिवार जिसके पास शव को ले जाने के लिए पैसे नही है तो इसके लिये बैठक बुलाकर इस सेवा को फ्री किया जाएगा.

कोटा. न्यू मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य चेतन पांडे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन दिया. ज्ञापन में यह बताया गया है कि न्यू मेडिकल कॉलेज में सारी सुविधा होने के बावजूद भी डेंगू पीड़ित मरीजों को उपचार के दौरान एसडीपी, आरडीपी की आवश्यकता पड़ने पर इसकी व्यवस्था नहीं है.

भाजपा युवा मोर्चा ने मेडिकल कॉलेज के अस्पताल व्यवस्था सुधारने के लिए दिया ज्ञापन

मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में ब्लड नहीं होने से मरीज के परिजनों को अस्पताल परिसर से लगभग 12 किलोमीटर दूर एमबीएस अस्पताल के ब्लड बैंक या किसी निजी ब्लड बैंक से स्वयं के खर्चे पर ब्लड की व्यवस्था करनी पड़ती है. जिससे मरीज के परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. एसडीपी के लिए डोनर की व्यवस्था खुद मरीज के परिजनों को करनी पड़ती है, जिससे कोटा शहर के बाहरी ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए व्यक्तियों को काफी परेशानी होती है.

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इसके साथ ही ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस चालकों ने यूनियन बना रखी है, जबकि इस प्रकार की कोई निजी यूनियन न्यू मेडिकल कॉलेज में मान्य नहीं है. बता दें कि ऐसे में शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक की तरफ से मुंह मांगी रकम भी ली जाती है. जिसको मृतक परिवार का सदस्य देने में असमर्थ रहता है. इसलिए सरकारी परिसर में किसी भी प्रकार की कोई यूनियन नहीं चलाई जाए. और इस तरह से यूनियन चलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए.

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इस पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि एसडीपी और आरडीपी की मशीनों के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके लिए दिसम्बर माह में मशीने आ जायेगी. उन्होंने एम्बुलेंस चालकों ने यूनियन बनाने के बारे में कहा कि एम्बुलेंस का मामला अभी मेरे पास आया है अगर ऐसी बात है तो कोई भी परेशान तीमारदार यहां आकर बोलेगा तो उसकी सहायता के लिये अस्पताल प्रशासन उसका पूरा सहयोग करेगा. अधीक्षक का कहना है कि प्राइवेट एम्बुलेंस के यूनियन अध्यक्ष को बुलवाकर उससे बात की जायेगी इसका जल्द ही समस्या का निदान किया जाएगा. अगर कोई गरीब परिवार जिसके पास शव को ले जाने के लिए पैसे नही है तो इसके लिये बैठक बुलाकर इस सेवा को फ्री किया जाएगा.

Intro:कोटा में भाजपा युवा मोर्चा ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लड बैंक में एसडीपी और आरडीपी ब्लड की व्यवस्था करवाने और एंबुलेंस वालों की धांधली समाप्त कराने की मांग को लेकर अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन दिया।

Body:कोटा में न्यू मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक में ब्लड की कमी को लेकर भाजपा युवा मोर्चा के चेतन पांडे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में यह बताया गया कि न्यू मेडिकल कॉलेज में सारी सुविधा होने के बावजूद डेंगू पीड़ित मरीजों को उपचार के दौरान एसडीपी, आरडीपी ब्लड की आवश्यकता पड़ने पर इसकी व्यवस्था मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक में नहीं होने से मरीज के परिजनों को अस्पताल परिसर से लगभग 12 किलोमीटर दूर एमबीएस अस्पताल की ब्लड बैंक में जाकर या किसी निजी ब्लड बैंक में स्वयं के खर्चे पर एसडीपी और आरडीपी ब्लड की व्यवस्था करनी पड़ती है। जिससे मरीज के परिजनों को काफी मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। एसडीपी ब्लड के लिए डोनर की व्यवस्था खुद मरीज के परिजनों को करनी पड़ती है, जिससे कोटा शहर के बाहरी ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए व्यक्तियों को काफी परेशानी होती है।
वहीअस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस चालकों के द्वारा यूनियन बना रखी है, जबकि इस प्रकार की कोई निजी यूनियन न्यू मेडिकल कॉलेज में मान्य नहीं है।यदि कोई मृतक परिवार का सदस्य शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस सुविधा हेतु आग्रह करने पर एंबुलेंस चालक द्वारा मौका देख कर मुंह मांगी रकम ली जाती है ।जिसको मृतक परिवार का सदस्य देने में असमर्थ रहता है ।इसलिए सरकारी परिसर में किसी भी प्रकार की कोई यूनियन नहीं चलाई जाए। और इस तरह से यूनियन चलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक का एसडीपी ओर आरडीपी की मशीनों के लिए कार्यवाही चालू कर दी गई है।इसके लिए दिसम्बर माह में मशीने आ जायेगी उन्होंने एम्बुलेंस के बारे में कहना है कि एम्बुलेंस का मामला अभी मेरे पास आया है अगर ऐसी बात है तो कोई भी परेशान तीमारदार यहां आकर बोलेगा तो उसकी सहायता के लिये अस्पताल प्रशासन उसका पूरा सहयोग करेगा।
Conclusion:अधीक्षक का कहना है कि प्राइवेट एम्बुलेंस के यूनियन अध्यक्ष को बुलवाकर उससे बात की जायेगी इसका जल्द ही समस्या का निदान किया जाएगा।ओर कोई गरीब परिवार से आता है कि शव को ले जाने के लिए पैसे नही है।तो इसके लिये बैठक बुलाकर फ्री किया जाएगा।
बाईट-चेतन पांडे, भाजपा युवा मोर्चा
बाईट- चंद्रशेखर सुशील, अधीक्षक न्यू मेडिकल कॉलेज
Last Updated : Nov 19, 2019, 10:17 PM IST
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