कोटा. कोटा शहर की बाहरी सीमा से निकल रहे नॉर्दन बाईपास के फेज 2 (Kota Northern Bypass Phase 2 ) की भी स्वीकृति नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जारी कर दी है. इसके लिए 317 करोड 74 लाख रुपए की स्वीकृति नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जारी की ( NHAI allot Rupee 317 Crore for Kota ) है. हालांकि पहले फेज का काम मुआवजा राशि के चलते अटका हुआ था. इसके लिए भी 11 करोड़ रुपए की राशि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जारी की है. कोटा बूंदी सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के कैंप ऑफिस में ये जानकारी मीडिया से साझा की गई.
सफर होगा आसान: इस अप्रूवल के बाद अब नेशनल हाईवे 27 के बारां रोड से सीधे जयपुर रोड नेशनल हाईवे 52 पर जाने के लिए एक और मार्ग मिल जाएगा. वर्तमान में वाहन चालक जयपुर रोड जाने के लिए हैंगिंग ब्रिज का उपयोग करते हैं. ऐसे में ये मार्ग 45 किलोमीटर होता है जबकि नॉर्दन बाईपास के फेज 1 और 2 दोनों का काम हो जाने पर दूरी घटकर 27 किलोमीटर रह जाएगी. नॉर्दन बायपास के दोनों फेज का काम पूरा हो जाने के बाद कोटा की पेरीफेरी पर एक रिंग रोड का निर्माण हो जाएगा. नाॅदर्न बायपास का निर्माण पूरा होने के बाद कोटा में यातायात का दबाव भी कम होगा. अभी रिंग रोड पूरा नहीं होने के कारण एक छोर से दूसरे छोर की ओर जाने वाले वाहन कोटा शहर के बीच से होकर गुजरते हैं, लेकिन निर्माण के बाद ये वाहन शहर में प्रवेश किए बिना ही आगे निकल जाएंगे.
72 किलोमीटर लंबा होगा रिंग रोड: कोटा रिंग रोड में सदर्न बायपास का काम पूरा हो चुका है. जबकि नाॅदर्न बायपास में फेज-1 में 2.1 किमी का काम बाकी है. इसके बाद से फेज-2 शुरू होगा. जिसकी शुरूआत गामछ में वेहीक्युलर अंडरपास से होगी. वेहीक्युलर अंडरपास के जरिए वर्तमान रोड के ऊपर फेज-2 का एलीवेटड रोड बनाया जाएगा. फेज-2 बल्लोप पर जाकर समाप्त होगा जबकि बारां रोड पर झालीपुरा से नॉर्दन बाईपास शुरू हो रहा है. यहां से नेशनल हाईवे 27 पर हैंगिंग ब्रिज क्रॉस कर चित्तौड़गढ़ रोड पर नांता से बल्लोप की तरफ जयपुर रोड पर बाईपास निकल रहा है. ये 72 किमी लंबे रिंग रोड को पूरा कर देगा.
गामछ से शुरू होकर बल्लोप तक जाने वाले फेज-2 मार्ग की कुल लंबाई 12.915 किमी होगी. इसमें 31 माइनर ब्रिज होंगे जिनसे रास्ते में आने वाले मेजर व माइनर ड्रेन को कवर किया जाएगा. इन माइनर ब्रिज की लंबाई 6 मीटर से 25 मीटर की होगी.