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'ममता' शर्मसार : कोटा में लावारिस हालत में मिली 6 घंटे पहले जन्मी नवजात - कोटा पुलिस

कोटा में सड़क के किनारे लावारिस हालत में एक नवजात बच्ची मिली है. डॉक्टरों के अनुसार महज 5 से 6 घंटे पहले जन्मी नवजात को लवारिस हालत में छोड़ा गया है. नवजात को बालकल्याण समिति के आदेश से अस्थाई आश्रय दिलवाया गया है. वहीं, आरकेपुरम पुलिस ने अज्ञात परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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कोटा में लावारिस हालत में मिली 6 घंटे पहले जन्मी नवजात
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Published : Oct 27, 2020, 3:10 PM IST

कोटा. जिले में 6 घंटे पहले जन्मी एक नवजात सड़क किनारे लावारिस हालत में मिली है. मासूम बेटी का ना तो मां का पता और ना ही पिता का पता और ना ही उनके मिलने की उम्मीद है. यह बालिका सोमवार को आरकेपुरम थाना इलाके के नयागांव गुर्जर चोक से सटी दीवार के पास कपड़े में लिपटी मिली. सूचना पर आरकेपुरम थाना पुलिस और चाइल्ड लाइन के सदस्य मौके पर पहुंचे और बच्ची को ले जाकर जेकेलोन अस्पताल में भर्ती करावाया.

जेके लोन अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मां का दूध तो पता नहीं एक बार भी मिला कि नहीं और बाहर का खाना भी ले सकती है. बेटी पैदा होने के करीब 5 से 6 घंटे बाद ही वहां रख दिया था, जब लोगों को बालिका के रोने की आवाज आई, तो लोगो ने उसे गोद में उठाया और चाइल्ड लाइन को फोन किया. फोन कॉल के बाद कोऑर्डिनेटर अलका अजमेरा, टीम के सदस्य नर्मदा और आरकेपुरम थाने के एएसआई मौके पर पहुंचे.

यह पढ़ें- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

बालिका को जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जंहा पर उसका इलाज जारी है. बाद में बाल कल्याण समिति के आदेश से उसे अस्थाई आश्रय दिलवाया गया. बालिका पूरी तरह स्वस्थ्य है, लेकिन डॉक्टरों ने उसे अपनी देख रेख में रखा हुआ है. उसे दो दिनों तक अस्पताल में रखा जाएगा. वहीं, आरकेपुरम पुलिस ने अज्ञात परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

कोटा. जिले में 6 घंटे पहले जन्मी एक नवजात सड़क किनारे लावारिस हालत में मिली है. मासूम बेटी का ना तो मां का पता और ना ही पिता का पता और ना ही उनके मिलने की उम्मीद है. यह बालिका सोमवार को आरकेपुरम थाना इलाके के नयागांव गुर्जर चोक से सटी दीवार के पास कपड़े में लिपटी मिली. सूचना पर आरकेपुरम थाना पुलिस और चाइल्ड लाइन के सदस्य मौके पर पहुंचे और बच्ची को ले जाकर जेकेलोन अस्पताल में भर्ती करावाया.

जेके लोन अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मां का दूध तो पता नहीं एक बार भी मिला कि नहीं और बाहर का खाना भी ले सकती है. बेटी पैदा होने के करीब 5 से 6 घंटे बाद ही वहां रख दिया था, जब लोगों को बालिका के रोने की आवाज आई, तो लोगो ने उसे गोद में उठाया और चाइल्ड लाइन को फोन किया. फोन कॉल के बाद कोऑर्डिनेटर अलका अजमेरा, टीम के सदस्य नर्मदा और आरकेपुरम थाने के एएसआई मौके पर पहुंचे.

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बालिका को जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जंहा पर उसका इलाज जारी है. बाद में बाल कल्याण समिति के आदेश से उसे अस्थाई आश्रय दिलवाया गया. बालिका पूरी तरह स्वस्थ्य है, लेकिन डॉक्टरों ने उसे अपनी देख रेख में रखा हुआ है. उसे दो दिनों तक अस्पताल में रखा जाएगा. वहीं, आरकेपुरम पुलिस ने अज्ञात परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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