कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी 2021 का परिणाम जारी कर दिया है. इसके तहत क्वालीफाइंग कटऑफ में गिरावट आई है. वर्ष 2020 में जनरल कैटेगरी की क्वालीफाइंग कटऑफ जहां 147 थे, वहां इस पर बार 138 हैं.
इसी प्रकार ओबीसी, एससी व एसटी कैटेगरी के लिए क्वालीफाइंग कट ऑफ मार्क्स 113 से गिरकर 108 रह गए. एनटीए एमबीबीएस में एडमिशन के लिए 8,70,074 स्टूडेंट्स को क्वालीफाई किया है. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि इस वर्ष 2021 में सभी-पैरामीटर्स पर टाई होने की स्थिति में अधिक उम्र वाले विद्यार्थी को बेहतर रैंक देने का नियम हटा लिया गया था.
एजेंसी ने जारी किए गए इंफॉर्मेशन बुलेटिन 2021 के अनुसार सभी पैरामीटर्स पर टाइ होने की स्थिति में विद्यार्थियों को समान ऑल इंडिया रैंक जारी करने का निर्णय लिया गया था. जबकि जारी किए गए स्कोरकार्ड में दी गई जानकारी के अनुसार यदि दो या दो से अधिक विद्यार्थियों को समान ऑल इंडिया रैंक प्राप्त होती है, तो काउंसलिंग के दौरान सीट अलॉटमेंट प्रक्रिया में अधिक उम्र वाले विद्यार्थी को प्रिफरेंस दिया जाएगा.
यानि किसी मेडिकल संस्थान विशेष में एमबीबीएस की एक सीट उपलब्ध है, तो उस सीट के लिए समान ऑल इंडिया रैंक के दो या दो से अधिक विद्यार्थी अप्लाई करते हैं, तो वह एमबीबीएस सीट सबसे अधिक उम्र वाले विद्यार्थी को अलॉट की जाएगी.
हालांकि एक्सपर्ट्स ने इस नियम को तार्किक नहीं बताया है. आईआईटी तथा एनआईटी-प्लस सिस्टम के लिये जोसा-काउंसलिंग के नियमों को देखा जाए तो वहां इस तरह की स्थिति में सुपर न्यूमरेरी सीट्स क्रिएट किए जाने का नियम हैं. यानी समान ऑल इंडिया रैंक पर सीट उपलब्ध नहीं होने पर सुपर न्यूमरेरी सीट्स क्रिएट कर समान ऑल इंडिया रैंक के सभी विद्यार्थियों को अलॉट किए जाने का प्रावधान है.
जादुई आंकड़ा बना 715 अंक, 16 के आए समान-अंक व परसेंटाइल
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने नीट यूजी 2021 के परीक्षा परिणाम के आंकड़ों का विश्लेषण से सामने आया कि 715 नंबर जादुई आंकड़े बनकर उभरे हैं. मेरिट सूची में 20 विद्यार्थियों में से 16 के 715 अंक हैं. इन सभी स्टूडेंट्स की परसेंटाइल भी 99.98705 है, लेकिन सभी की ऑल इंडिया रैंकिंग में काफी बड़ा अंतर है. इस नंबर पर 12 विद्यार्थियों ने ऑल इंडिया रैंक 5 प्राप्त की, जबकि 2 विद्यार्थियों को ऑल इंडिया रैंक 17 और 2 विद्यार्थियों को ऑल इंडिया रैंक 19 मिली. यह सब टाई ब्रेकिंग रूल्स का है, जिसके तहत एज क्राइटेरिया को हटा लिया था. टाई-ब्रेकिंग के पुराने रूल्स लागू किए होते तो इन सभी विद्यार्थियों को अलग-अलग उम्र होने के कारण अलग अलग रैंक प्राप्त होती. इसमें 12 विद्यार्थियों को कभी भी एक साथ ऑल इंडिया रैंक 5 नहीं मिलती. इसी तरह 2-2 विद्यार्थियों को ऑल इंडिया रैंक 17 और ऑल इंडिया रैंक 19 भी प्राप्त नहीं होती.
छात्र 55 तो छात्राएं 57 फीसदी रही सफल
छात्र-छात्राओं की बात की जाए तो जहां पर 7,10,969 विद्यार्थी रजिस्टर्ड हुए थे, जबकि परीक्षा में 6,81,168 ही बैठे थे. इनमें से 3,75,260 क्वालीफाई कर पाए हैं. जबकि छात्रों की बात की जाए तो यहां रजिस्ट्रेशन ज्यादा था. लड़कों से 21 फीसदी ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुआ था, जिसमें 9,03,782 छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें से 8,65,093 ने परीक्षा दी. वहीं, 4,94,806 छात्राएं क्वालीफाई कर पाई है. छात्रों के सक्सेज (Success) दर की बात की जाए तो 55 फीसदी रही है. जबकि छात्राओं की 57 फीसदी है. जबकि ट्रांसजेंडर की बात की जाए तो 16 ने रजिस्ट्रेशन कराया था, वहीं 14 ने परीक्षा दी और 8 क्वालीफाई कर पाए हैं.
विदेशी छात्रों की सफलता भी बढ़ी
विदेशी छात्रों की सफलता में भी इस बार बढ़ोतरी हुई है. पिछली बार 2020 में जहां पर एनआरआई विद्यार्थी 1869 ने रजिस्ट्रेशन कराया, इनमें से 854 ने परीक्षा दी और 600 क्वालीफाई कर पाए थे. इस बार यह आंकड़ा बढ़ गया है. रजिस्ट्रेशन महज 1064 हुए और इनमें से 900 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी और 736 विद्यार्थियों ने क्वालीफाई किया है. जबकि विदेशी विद्यार्थियों की बात की जाए तो 878 ने पिछले साल 2020 में रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें 424 में परीक्षा दी और 256 क्वालीफाई कर पाए थे. इस बार 885 ने रजिस्ट्रेशन कराया, 695 ने परीक्षा दी और 427 विद्यार्थी क्वालीफाई कर पाए हैं.
नीट यूजी 2021 की कटऑफ
कैटेगरी | कटऑफ स्कोर | कैंडिडेट |
जनरल EWS | 720 से 138 | 7,70,864 |
ओबीसी | 107 से 108 | 66,978 |
एससी | 137 से 108 | 22,284 |
एसटी | 137 से 108 | 9312 |
बीते 4 सालों की जनरल कैटेगरी की कटऑफ
वर्ष | टॉपर के अंक | जनरल कटऑफ अंक | क्वालीफाई स्टूडेंट |
2021 | 720 | 138 | 8.70 लाख |
2020 | 720 | 147 | 7.71 लाख |
2019 | 701 | 134 | 7.97 लाख |
2018 | 691 | 119 | 7.14 लाख |