कोटा. रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर कक्ष में ही धरने पर बैठ गए. करीब 2 घंटे तक उन्होंने जिला कलेक्टर कक्ष में ही धरना दिया. इस दौरान उनके साथ कोटा नगर निगम दक्षिणी पार्षद रेखा यादव और नितिन धारवाल भी मौजूद रहे. कलेक्टर कक्ष में जमीन पर ही धरना देने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया. एकाएक दिलावर के धरने बैठने पर जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ भी सकते में आ गए. खुद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन, पुलिस उप अधीक्षक भगवंत सिंह हिंगड़ व एडीएम सिटी आरडी मीणा मौके पर पहुंचे. आनन-फानन में अधिकारियों ने उनकी मांगों पर आश्वासन दिया. जिसके बाद ही दिलावर धरने से उठे.
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मदन दिलावर ने कहा कि चिकित्सा व्यवस्था रामगंजमंडी क्षेत्र की चौपट हैं. वहां से सभी चिकित्सकों को कोटा या मेडिकल कॉलेज में डेपुटेशन पर लगा दिया है. ऐसा ही पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सिंग कार्मिकों के साथ किया गया है. ऐसे में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में बीते 40 दिनों में 750 से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ दिया है. जिनकी जिम्मेदार राज्य सरकार है. इससे पहले भी वह जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ से मिलने पहुंचे थे और इन सभी समस्याओं को लेकर अवगत कराया था, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ. इसीलिए आज वह समस्याओं का रिमाइंडर देने आए और उचित आश्वासन नहीं मिलने पर उन्होंने धरना शुरू कर दिया.
उन्होंने कहा कि रामगंजमंडी इलाके के स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे मशीन है तो वहां पर रेडियोग्राफर नहीं हैं. लैब टेक्नीशियन नहीं होने से कई जांचे बंद हैं. कोटा कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने कहा कि विधायक दिलावर की मांगों पर मैंने खुद राज्य सरकार से बात की है. साथ ही उनकी जो मांगे थी उनको लेकर हमने भी उच्च अधिकारियों से बात की है. जल्द ही चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ रामगंजमंडी में लगा दिए जायेंगे. इसके अलावा चेचट इलाके में कुछ हैडपंप और बोर खुदवाने की भी एनओसी जारी की है.