कोटा. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर किसान आंदोलन पर विवादित टिप्पणी के बाद सुर्खियों में आ गए थे. उन्होंने किसान आंदोलन में शामिल लोगों को चिकन खाकर बर्ड फ्लू फैलाने की आशंका जता दी थी. साथ ही उसमें शामिल लोगों को आतंकवादी भी कह दिया था. ऐसे में एक बार फिर उन्होंने अपना बयान दोहराते हुए जिक्र किया है कि किसान आंदोलन में शामिल लोग तिरंगे झंडे का अपमान कर रहे हैं और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाते हैं.
दिलावर ने कहा है कि अब यह लोग चाहते हैं कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले उपद्रवी लोग व आतंकवादियों के सहयोगी, देशद्रोही, गुंडे और फरार लोग दिल्ली में घुसकर के उत्पात मचाएं, जिससे कि बीजेपी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार बदनाम हो. दिलावर ने इसका पूरा षड्यंत्र करने का आरोप भी कांग्रेस पर लगाया. साथ ही केंद्र सरकार से अपील की है कि जो राष्ट्रद्रोहियों, आतंकवादियों और तिरंगे का अपमान करने वालों का समर्थन करते हैं, उनको भी जेल में डालना चाहिए.
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विधायक मदन दिलावर का कहना है कि लाल किले पर तिरंगे झंडे का अपमान किया, तिरंगा झंडा उतार दिया. पुलिसकर्मियों को घायल करने के साथ राष्ट्र की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि लाल किले तक किसान पहुंचे, तो यह सरकार की नाकामी है. अब, जब वहां पर किसानों को रोकने के लिए प्रयास किए गए हैं. तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोगली बात करते हुए कह रहे हैं और लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. किसानों को रोकना ठीक नहीं है, उनको दिल्ली में प्रवेश देना चाहिए. जबकि किसान आंदोलन में शामिल आपराधिक तत्व और फरार, आतंकवादियों के समर्थक और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले लोग फिर पुलिस पर हमला करेंगे और तिरंगे झंडे का अपमान होगा.
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इमरजेंसी और सिखों का कत्लेआम कांग्रेस ने किया
एमएलए मदन दिलावर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि अशोक गहलोत भूल जाते हैं कि साल 1975 में इमरजेंसी के समय संविधान को निलंबित कांग्रेस पार्टी ने कर दिया था. लोगों को जेल में डाल दिया था, जहां पर जमानत का प्रावधान भी नहीं था. इसके बाद जब हिंदुस्तान के हजारों संत दिल्ली में गौ माता की हत्या रोकने के लिए आंदोलन कर रहे थे. हजारों संतों पर गोली चला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था, साथ ही सिखों का कत्लेआम भी दिल्ली में ही हुआ था.