ETV Bharat / city

विधायक भरत सिंह ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को लिखा पत्र, कहा- वनों में गश्त के लिए हो ऊंट का उपयोग

कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने ऊंटों के घटते हुए संख्या पर चिंता जताते हुए सुझाव दिया है कि जंगल में होने वाली नियमित गश्त के लिए गार्ड को ऊंट दिए जाएं.

Kota News,  Congress MLA Bharat Singh
कांग्रेस विधायक भरत सिंह
author img

By

Published : Apr 6, 2021, 9:41 PM IST

कोटा. देश में ऊंटों की आबादी की बात की जाए तो वह लगातार कम हो रही है. 2012 से लेकर 2019 के बीच करीब डेढ़ लाख ऊंटों की आबादी कम हुई है. इस पर चिंता जताते हुए विधायक भरत सिंह ने एक पत्र चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा को लिखा है. जिसमें उन्होंने ऊंटों के घटते हुए संख्या पर चिंता जताते हुए सुझाव दिया है कि जंगल में होने वाली नियमित गश्त के लिए गार्ड को ऊंट दिए जाएं, ताकि वह जंगल की नियमित गश्त इससे कर सकें.

Kota News,  Congress MLA Bharat Singh
भरत सिंह ने लिखा पत्र

पढ़ें- विधायक भरत सिंह के निर्देश पर विद्युत विभाग के अधिकारियों ने लगाया जन समस्या समाधान शिविर

विधायक भरत सिंह ने 31 मार्च को यह पत्र लिखा है. इसमें वन्य अभ्यारण में गश्त के लिए उसके उपयोग करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊंटों की संख्या लगातार घट रही है. विधानसभा में भी इसके लिए आवाज उठ चुकी हैं. ऊंटों के सवारी के वर्तमान युग में उपयोग नहीं होने के कारण की मांग लगातार कम हो रही है, लेकिन वन्यजीव अभ्यारण में ऊबड़ खाबड़ रास्तों में इनका उपयोग करने में बहुत मददगार होगा.

वर्तमान समय में पढ़े-लिखे गार्ड पैदल गश्त करने में भी शर्म महसूस करते हैं. इस कार्य को ऊंट पर बैठ कर दो गार्ड एक साथ गश्त कर सकते हैं. वन विभाग के रास्ते भी उबड़ खाबड़ रास्तों पर वाहनों के चलने से जल्दी टूट जाते हैं और ईंधन का भी खर्च ज्यादा होता है. जिस प्रकार बीएसएफ में भी ऊंट से गश्त के लिए पाले जाते हैं, उसी तरह से वन और वन्यजीव विभाग भी सहजता से ऊंटों का उपयोग गश्त के लिए कर सकता है.

इस सुझाव पर अमल करने के लिए ऊंटों के साथ मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शुरू किया जाए. जिसमें शुरुआत में छह ऊंट रखे, उनको पालने और रखरखाव के लिए जंगल में पर्याप्त व्यवस्था और चढ़ाई भी उपलब्ध है. यह कार्य ठेके पर भी करवाया जा सकता हैय इस विषय पर वाइल्डलाइफ बोर्ड की अगली बैठक में भी चर्चा की जाए.

35 फीसदी कम हो गई है ऊंटों की संख्या

देश भर में सबसे ज्यादा 80 फीसदी ऊंट राजस्थान में ही मिलते हैं क्योंकि यहां का बड़ा हिस्सा रेगिस्तान है. वर्ष 2012 से 2019 की बात की जाए तो ऊंटों की आबादी में 35 फीसदी की कमी आई है. प्रदेश की बात की जाए तो 2012 में जहां पर तीन लाख 26 हजार के आसपास ऊंट थे, यह संख्या 2019 में कम होकर 2,13,000 रह गई है. साथ ही पूरे देश भर की बात की जाए तो करीब चार लाख ऊंट 2012 में थे जो कि 2019 में ढाई लाख ही रह गए हैं.

वन मंत्री को लिखा पत्र, सेंचुरी का करें अवलोकन

विधायक भरत सिंह वन्यजीव और पर्यावरण के लिए काफी चिंतित रहते हैं. वह लगातार कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बारां जिले के शेरगढ़ अभ्यारण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई को कई बार लिख चुके हैं. उन्होंने हाल ही में 1 अप्रैल को वन एवं पर्यावरण मंत्री को भी पत्र लिखा था कि वह दो-तीन दिन का समय निकालकर दोनों रिजर्व में आकर यहां पर अवलोकन करें.

कोटा. देश में ऊंटों की आबादी की बात की जाए तो वह लगातार कम हो रही है. 2012 से लेकर 2019 के बीच करीब डेढ़ लाख ऊंटों की आबादी कम हुई है. इस पर चिंता जताते हुए विधायक भरत सिंह ने एक पत्र चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा को लिखा है. जिसमें उन्होंने ऊंटों के घटते हुए संख्या पर चिंता जताते हुए सुझाव दिया है कि जंगल में होने वाली नियमित गश्त के लिए गार्ड को ऊंट दिए जाएं, ताकि वह जंगल की नियमित गश्त इससे कर सकें.

Kota News,  Congress MLA Bharat Singh
भरत सिंह ने लिखा पत्र

पढ़ें- विधायक भरत सिंह के निर्देश पर विद्युत विभाग के अधिकारियों ने लगाया जन समस्या समाधान शिविर

विधायक भरत सिंह ने 31 मार्च को यह पत्र लिखा है. इसमें वन्य अभ्यारण में गश्त के लिए उसके उपयोग करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊंटों की संख्या लगातार घट रही है. विधानसभा में भी इसके लिए आवाज उठ चुकी हैं. ऊंटों के सवारी के वर्तमान युग में उपयोग नहीं होने के कारण की मांग लगातार कम हो रही है, लेकिन वन्यजीव अभ्यारण में ऊबड़ खाबड़ रास्तों में इनका उपयोग करने में बहुत मददगार होगा.

वर्तमान समय में पढ़े-लिखे गार्ड पैदल गश्त करने में भी शर्म महसूस करते हैं. इस कार्य को ऊंट पर बैठ कर दो गार्ड एक साथ गश्त कर सकते हैं. वन विभाग के रास्ते भी उबड़ खाबड़ रास्तों पर वाहनों के चलने से जल्दी टूट जाते हैं और ईंधन का भी खर्च ज्यादा होता है. जिस प्रकार बीएसएफ में भी ऊंट से गश्त के लिए पाले जाते हैं, उसी तरह से वन और वन्यजीव विभाग भी सहजता से ऊंटों का उपयोग गश्त के लिए कर सकता है.

इस सुझाव पर अमल करने के लिए ऊंटों के साथ मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शुरू किया जाए. जिसमें शुरुआत में छह ऊंट रखे, उनको पालने और रखरखाव के लिए जंगल में पर्याप्त व्यवस्था और चढ़ाई भी उपलब्ध है. यह कार्य ठेके पर भी करवाया जा सकता हैय इस विषय पर वाइल्डलाइफ बोर्ड की अगली बैठक में भी चर्चा की जाए.

35 फीसदी कम हो गई है ऊंटों की संख्या

देश भर में सबसे ज्यादा 80 फीसदी ऊंट राजस्थान में ही मिलते हैं क्योंकि यहां का बड़ा हिस्सा रेगिस्तान है. वर्ष 2012 से 2019 की बात की जाए तो ऊंटों की आबादी में 35 फीसदी की कमी आई है. प्रदेश की बात की जाए तो 2012 में जहां पर तीन लाख 26 हजार के आसपास ऊंट थे, यह संख्या 2019 में कम होकर 2,13,000 रह गई है. साथ ही पूरे देश भर की बात की जाए तो करीब चार लाख ऊंट 2012 में थे जो कि 2019 में ढाई लाख ही रह गए हैं.

वन मंत्री को लिखा पत्र, सेंचुरी का करें अवलोकन

विधायक भरत सिंह वन्यजीव और पर्यावरण के लिए काफी चिंतित रहते हैं. वह लगातार कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बारां जिले के शेरगढ़ अभ्यारण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई को कई बार लिख चुके हैं. उन्होंने हाल ही में 1 अप्रैल को वन एवं पर्यावरण मंत्री को भी पत्र लिखा था कि वह दो-तीन दिन का समय निकालकर दोनों रिजर्व में आकर यहां पर अवलोकन करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.