कोटा. जिले के सांगोद विधानसभा सीट से विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कोरोना महामारी (Corona epidemic) को लेकर एक पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि प्रभारी सचिव और प्रभारी मंत्री की व्यवस्था एक भ्रम है, ऐसे में इसे समाप्त किया जाए. साथ ही कोविड-19 जांच का दायरा भी ग्रामीण इलाकों में सीमित है, ऐसे में इसे बढ़ाया जाए.
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विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आपने कहा था कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) नहीं रखी गई तो कितनी भी वीसी कर ली जाए, इसका कोई फायदा नहीं होगा. आग लगने पर इस पर नियंत्रण संभव है, लेकिन आग फैलने और भयंकर रूप धारण करने पर उसे नियंत्रण करना कठिन है. इस पर भरत सिंह ने लिखा है कि कोरोना जंगल की आग की तरह फैल चुका है और व्यवस्था चरमरा गई है.
रेफर मरीज की अस्पताल के बाहर ही मौत हो गई
कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने लिखा है कि ग्रामीण मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही अटेंड किया जाए. जरूरत होने पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया जाए. अगर जरूरी हो तो सीएचसी से जिला मुख्यालय स्थित अस्पतालों में मरीज को भेजें, लेकिन उसके लिए एंबुलेंस भी हो. साथ ही मेडिकल कॉलेज में बेड होने की सूचना प्राप्त हो तभी मरीज को रेफर किया जाए.
ऐसा देखा गया है कि ग्रामीण इलाके से मरीज रेफर कर दिए, लेकिन मेडिकल कॉलेज में समय पर भर्ती नहीं होने के चलते मरीज की अस्पताल के बाहर ही मौत हो गई. भरत सिंह ने लिखा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से मरीजों को सीधे मेडिकल कॉलेज नहीं भेजा जाए, जब तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की राय नहीं ली गई हो. आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पूरी तरह से फंक्शनल कर कोविड-19 चिकित्सालय बनाया जाए.
मेडिकल कॉलेजों में लगाया जाए प्रशासक
विधायक भरत सिंह ने एक और मांग की है कि मेडिकल कॉलेज में हेड डॉक्टर के स्थान पर फुल टाइम प्रशासक या योग्य व्यक्ति को बनाया जाए. वर्तमान की व्यवस्था सही नहीं है. डॉक्टर केवल इलाज पर ही ध्यान दें, तो ज्यादा ठीक रहेगा. साथ ही उन्होंने लिखा है कि संभागीय आयुक्त उनके अधीन आने वाले जिलों की व्यवस्था को खुद ही संभाग स्तर पर मॉनिटर करें.
मंत्री छोड़ें जयपुर...जिला मुख्यालय पहुंचे
विधायक भरत सिंह ने जयपुर में जमे हुए मंत्रियों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सभी मंत्री जयपुर को छोड़कर अपने-अपने क्षेत्रों और जिले को संभाले. विभाग का कार्य वे वीसी के जरिए भी कर सकते हैं. हालांकि कोटा उत्तर से विधायक और प्रदेश सरकार में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी जयपुर में ही हैं. वह कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोटा नहीं आए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जहां पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव नहीं हुए हैं, वहां पर अगले 6 महीने तक चुनाव नहीं करवाने की घोषणा सरकार करें.