कोटा. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी सोमवार को कोटा दौरे पर आए थे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें राजस्थान सरकार से बाजार हस्तक्षेप योजना से लहसुन खरीद का प्रस्ताव मिला था, लेकिन वह आधा-अधूरा ही था. प्रस्ताव को राजस्थान सरकार को वापस लौटाने की जगह उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से ही दुरुस्त करवाया है. इसके आधार पर जल्द ही मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के तहत लहसुन (Kailash Chaudhary speak on garlic purchase) की खरीद शुरू करने के लिए राजस्थान समेत सभी राज्यों को निर्देश जारी हो जाएंगे.
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने लहसुन मुद्दे पर जल्द ही बाजार हस्तक्षेप योजना में खरीद शुरू करने की बात कही है. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि रविवार को उन्हें राजस्थान सरकार से प्रस्ताव मिला था, लेकिन वह अधूरा ही था. इस प्रस्ताव को राजस्थान सरकार को वापस लौटाने की जगह उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से ही दुरुस्त करवाया है. इसके आधार पर जल्द ही मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के तहत लहसुन की खरीद शुरू करने के लिए राजस्थान ही नहीं, सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिए जाएंगे. इसके बाद लहसुन की खरीद भी शुरू हो जाएगी.
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हालांकि जब मीडिया ने उनसे पूछा कि लहसुन कितने रुपए किलो खरीदा जाएगा इस पर मंत्री चौधरी कोई जवाब नहीं दे पाए. उनका कहना है कि जो भी गाइडलाइन खरीद की तय है, उसके अनुसार ही लहसुन की खरीद होगी. केंद्रीय मंत्री चौधरी ने राजस्थान सरकार पर भी आरोप लगाया है कि उन्हें लहसुन खरीद नहीं करनी थी, इसलिए आधा अधूरा प्रस्ताव भेजा था. राजस्थान सरकार लहसुन खरीद के लिए जल्दी प्रस्ताव भेजती तो किसानों को इसका फायदा मिल जाता. कोटा में देश की सबसे बड़ी लहसुन मंडी स्थित है. यहां पर किसानों को लहसुन के एक रुपए किलो तक दाम मिल रहे हैं. इसके चलते लहसुन उत्पादक किसान काफी परेशान हैं और वह लंबे समय से मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के तहत खरीद की मांग कर रहे थे.
प्रोसेसिंग यूनिट समाधान, सरकार दे रही मदद
मंत्री चौधरी ने कहा कि लहसुन की गिरते दामों पर प्रोसेसिंग यूनिट के जरिए भी फायदा उठाया जा सकता है. सरकार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन स्कीम लेकर आई है. इसमें 10 हजार एफपीओ बनाए जा रहे हैं. इसमें छोटे किसान भी अपनी शार्टिंग, ग्रेडिंग और प्रोसेसिंग की यूनिट लगा सकते हैं जिससे अपनी उपज को मार्केट अधिक रेट पर बेच सकते हैं. साथ ही खुद की भी रेट तय कर सकते हैं. इसके लिए भारत सरकार ने एफपीओ के तहत यूनिट लगाने के लिए दो करोड़ रुपए दे रही है, जिसे बढ़ाकर अब 5 करोड़ रुपए करने का विचार चल रहा है. इन प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर किसान मुनाफा भी कमा सकता है.
कांग्रेस जनप्रतिनिधि स्थानों से लेकर कई विभागों में ले रहे बंदी
मंत्री चौधरी ने कांग्रेस पार्टी को भी इस दौरान निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ही भ्रष्टाचार का आलम है. सरकार के पास बहुमत का जादुई आंकड़ा किनारे पर है. इसका फायदा जनप्रतिनिधि उठा रहे हैं. विधायकों को काफी छूट दी हुई है. इसके चलते कांग्रेस के कार्यकर्ता व विधायक प्रशासन और पुलिस की कोई बात ही नहीं मानते हैं. उन पर दबाव बनाकर रखते हैं, यहां तक कि पुलिस थानों से लेकर कई विभागों में बंधी भी ली जा रही है. यही भ्रष्टाचारी सरकार की कब्र का कारण बनेगा.
प्रदेश में केंद्र सरकार ही कर रही है खर्चा
कोटा दौरे पर आए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने बयान दिया था कि कोटा में जितने करोड़ के काम हो रहे हैं, वह पैसा राजस्थान से चुने गए 25 सांसद भी नहीं लेकर आए हैं. इस सवाल के जवाब पर केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि सांसद लोकसभा में मुद्दा उठाते हैं और उसी के बाद भारत सरकार की योजनाओं से राजस्थान में काम हो रहा है. यहां हाईवे, मनरेगा, हर घर नल से जल, शहरों के विकास भी हो रहा है. इनमें केंद्र सरकार का ही पैसा लगा है.
मंत्री कैलाश चौधरी ने पीएम केयर फॉर चिल्ड्रंस कार्यक्रम में वीसी के जरिए भाग लिया. इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कहीं भी कोई भी घटना होगी तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला कर देते हैं. उन्होंने बयान देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत की तो ऐसी हालत है कि अगर कहीं पर बरसात भी नहीं होती है, तो भी उसके लिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हैं.
मंत्री चौधरी ने कहा कि कोविड-19 के दौरान राज्य सरकारों का भी सहयोग की आवश्यकता थी. पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ भी की है. इस बारे में सीएम गहलोत हमेशा बात करते हैं, लेकिन हर बात का उनका एक ही मतलब होता है कि अगर कोई कमी रह जाती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार और पर डाल देते हैं. वह अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं. देश मे कोरोना की स्थिति बनती है, उसमें भी प्रधानमंत्री जिम्मेदार होते हैं.
राजस्थान में लॉय एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ी हुई है और भ्रष्टाचार का आलम है. यह उन्हें नहीं नजर आ रहा है. राजस्थान में देखा जाए तो जिस तरह से घटनाएं हो रही हैं, उन्हें कंट्रोल करने के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. प्रदेश में पानी और बिजली की समस्या है जिसको राज्य सरकार को हल करना चाहिए, लेकिन इसके बाद भी वह केंद्र पर इसकी जिम्मेदारी डाल रहे हैं. सभी राज्य सरकारों ने कोविड-19 में अच्छा काम किया है, उसी का परिणाम रहा कि कोविड-19 में के मामलों में इतनी गिरावट आई है.
राज्यसभा के लिए बाहरी केंडिडेट के चयन पर बोले- कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश के बाहर से नेताओं को टिकट देने के सवाल पर कैलाश चौधरी ने कहा कि कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं है और वह विश्वास भी नहीं करते हैं. उनमें आपस में फूट चल रही है और अभी स्थिति यह बनी है कि जो प्रत्याशी खड़े किए गए हैं उनको खुद को विश्वास नहीं कि किसे, कितना वोट मिलेगा. इस तरह से देख लीजिए कि उन्हें राजस्थान में कोई भी प्रत्याशी नहीं मिला है. उनको कार्यकर्ताओं की क्षमता पर विश्वास नहीं है.