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रिश्वतखोर फिटर और हेल्पर के कारनामे आए सामने, घूस मिलते ही बिल से उड़ा देते थे लाखों लीटर पानी

कोटा में घूस लेते रंगे हाथों पकड़े गए फिटर और हैल्पर के पास से मिली मीटर रीडिंग डायरी के माध्यम से कई खुलासे हुए हैं. डायरी में सामने आया है कि घूसखोर जलदायकर्मियों ने घूस की राशि तय होते ही परिवार के मीटर में आ रहे उपभोग 3900 किलोलीटर को घटाकर सीधे ही 1773 किलोलीटर दर्ज कर दिया. यानि कुल 21 लाख लीटर पानी ठिकाने लगा दिया है.

घूस लेते पकड़े गए पीएचईडी कर्मचारी, PHED employees caught taking bribe
घूस लेते पकड़े गए पीएचईडी कर्मचारी
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Published : Jun 24, 2020, 10:51 PM IST

कोटा. दो दिनों पहले पानी के बिल में हेराफेरी कर बिल राशि कम करने की एवज में हजार की रिश्वत लेते जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के फिटर लक्ष्मण गहलोत और हैल्पर योगेंद्र सैन पकड़े गए थे. ऐसे में उनके पास मिली मीटर रीडिंग डायरी से बेहद सनसनीखेज खुलासे हुए हैं.

घूस लेते पकड़े गए पीएचईडी कर्मचारी

डायरी में सामने आया है कि घूसखोर जलदायकर्मियों ने घूस की राशि तय होते ही परिवार के मीटर में आ रहे उपभोग 3900 किलो लीटर को घटाकर सीधे ही 1773 किलो लीटर दर्ज कर दिया. यानि कुल 2170 किलो लीटर पानी ठिकाने लगा दिया. दोनों पीएचईडी कार्मिकों ने घूस तय होते ही सरकारी खजाने को चपत लगा दी.

पढ़ेंः आबकारी विभाग में बड़ा बदलाव, 36 अधिकारी किए गए इधर से उधर

मीटर डायरी और उपभोक्ता बिल के इस खुलासे के बाद एसीबी भी हैरान है. अब कोटा एसीबी की टीम मान कर चल रही है कि यदि उपभोक्ता मीटर और डायरी का यदि मिलान किया जाए तो बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है. एसीबी के अधिकारी मान रहे हैं कि यह दोनों इस तरह का खेल कर बड़ी हेर-फेर कर रहे हैं.

एसीबी इस संबंध में भी अनुसंधान कर रही है कि यह लोग मीटर को तकनीकी रूप से ही बदल रहे थे या फिर महज उसकी रीडिंग को कागजों में कम दर्शा रहे थे. एसीबी अधिकारियों का कहना है कि अगर तकनीकी रूप से मीटर में गड़बड़ कर रहे हैं, तो इसमें अन्य कौन लोग शामिल है. उनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी.

गौरतलब है कि कोटा एसीबी का परिवार सेवाराम ने शिकायत दी थी कि दादाबाड़ी स्थित उसकी मल्टीस्टोरी का पानी का बिल 54 हजार आया था, जिसे कम कर 6-7 हजार करने की एवज में पीएचईडी के फिटर लक्ष्मण और हैल्पर योगेंद्र ने 15 हजार की रिश्वत की मांग की है. जिन्हें हजार कि रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.

पढ़ेंः राजनीतिक चश्मे से कल्याणकारी योजना को देखने से मुख्यमंत्री को बाज आना चाहिए: राजेंद्र राठौड़

कई प्लॉट का मालिक निकला फिटर गहलोत

एसीबी ने ट्रैप करने के बाद आरोपी फिटर सेकंड लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर पर तलाशी ली थी. जिसमें सामने आ गया कि उसके पास बड़ी मात्रा में भूखंड शहर के अलग-अलग इलाकों में है. करीब चार से पांच भूखंडों के दस्तावेज भी ऐसे भी को मिले हैं जो कि आवंली रोजड़ी और तिरुपति आवास सहित शहर के अलग-अलग इलाकों में है.

कोटा. दो दिनों पहले पानी के बिल में हेराफेरी कर बिल राशि कम करने की एवज में हजार की रिश्वत लेते जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के फिटर लक्ष्मण गहलोत और हैल्पर योगेंद्र सैन पकड़े गए थे. ऐसे में उनके पास मिली मीटर रीडिंग डायरी से बेहद सनसनीखेज खुलासे हुए हैं.

घूस लेते पकड़े गए पीएचईडी कर्मचारी

डायरी में सामने आया है कि घूसखोर जलदायकर्मियों ने घूस की राशि तय होते ही परिवार के मीटर में आ रहे उपभोग 3900 किलो लीटर को घटाकर सीधे ही 1773 किलो लीटर दर्ज कर दिया. यानि कुल 2170 किलो लीटर पानी ठिकाने लगा दिया. दोनों पीएचईडी कार्मिकों ने घूस तय होते ही सरकारी खजाने को चपत लगा दी.

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मीटर डायरी और उपभोक्ता बिल के इस खुलासे के बाद एसीबी भी हैरान है. अब कोटा एसीबी की टीम मान कर चल रही है कि यदि उपभोक्ता मीटर और डायरी का यदि मिलान किया जाए तो बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है. एसीबी के अधिकारी मान रहे हैं कि यह दोनों इस तरह का खेल कर बड़ी हेर-फेर कर रहे हैं.

एसीबी इस संबंध में भी अनुसंधान कर रही है कि यह लोग मीटर को तकनीकी रूप से ही बदल रहे थे या फिर महज उसकी रीडिंग को कागजों में कम दर्शा रहे थे. एसीबी अधिकारियों का कहना है कि अगर तकनीकी रूप से मीटर में गड़बड़ कर रहे हैं, तो इसमें अन्य कौन लोग शामिल है. उनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी.

गौरतलब है कि कोटा एसीबी का परिवार सेवाराम ने शिकायत दी थी कि दादाबाड़ी स्थित उसकी मल्टीस्टोरी का पानी का बिल 54 हजार आया था, जिसे कम कर 6-7 हजार करने की एवज में पीएचईडी के फिटर लक्ष्मण और हैल्पर योगेंद्र ने 15 हजार की रिश्वत की मांग की है. जिन्हें हजार कि रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.

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कई प्लॉट का मालिक निकला फिटर गहलोत

एसीबी ने ट्रैप करने के बाद आरोपी फिटर सेकंड लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर पर तलाशी ली थी. जिसमें सामने आ गया कि उसके पास बड़ी मात्रा में भूखंड शहर के अलग-अलग इलाकों में है. करीब चार से पांच भूखंडों के दस्तावेज भी ऐसे भी को मिले हैं जो कि आवंली रोजड़ी और तिरुपति आवास सहित शहर के अलग-अलग इलाकों में है.

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