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कोटा: घर जाने के इंतजार में श्रमिक, प्रशासन की सामने आई लापरवाही

लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में फंसे हुए प्रवासियों के लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है. यूपी से भी कुछ मजदूर पैदल ही इटावा पहुंचे. यहां बनाए गए शिविरों में इन्हें यह आश्वासन देकर ठहराया गया कि जल्द ही घर छोड़ दिया जाएगा. लेकिन 3 दिन होने के बाद भी प्रवासियों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है.

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प्रवासियों को नहीं मिल रही कोई सुविधा
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Published : May 7, 2020, 9:22 PM IST

इटावा (कोटा). देशभर से प्रवासियों के वापस अपने घर लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है. श्रमिकों के लिए सरकार की ओर से विशेष ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं. वहीं कुछ प्रवासी पैदल ही अपनी मंजिल की ओर निकल पड़े हैं. अलवर के रहने वाले कुछ प्रवासी पैदल ही यूपी से चलकर इटावा पहुंचे. ईटीवी भारत ने इन प्रवासियों ने बातचीत की.

प्रवासियों को नहीं मिल रही कोई सुविधा

प्रवासियों ने बताया कि वे 5 मई को यूपी से पैदल चलते-चलते इटावा पहुंचे थे. जहां प्रशासन ने उन्हें एक निश्चित स्थान पर रोक लिया और उन्हें घर भिजवाने का आश्वासन दिया है. इसके साथ ही खाने की व्यवस्था करवाने को भी कहा था. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. न ही इन्हें घर भेजा गया और ना ही ढ़ंग का खाना खाने को दिया गया. प्रवासियों का आरोप है कि प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है.

यह भी पढ़ें- यूपी से 250 बसों में भरतपुर पहुंचेंगे 10 हजार राजस्थानी श्रमिक, लोहागढ़ स्टेडियम को बनाया ट्रांजिट सेंटर

प्रवासियों का कहना है कि कई बार तो कच्चा खाना ही दे दिया जाता था. ऐसे में 3 दिनों तक समस्या का कोई समाधाना ना होने की वजह से हम सब पैदल ही अलवर जा रहे हैं.

एक प्रवासी राहुल ने बताया कि प्रशासन की कोई व्यवस्थाएं नहीं थी. इसको लेकर जब शिकायत का प्रयास किया, तो हमे ही डांट दिया गया और कहा गया कि सीनियर आएंगे तब व्यवस्थाएं होंगी. वहीं विनोद कुमार ने भी प्रशासन पर लापरवाही करने के आरोप लगाते हुए कहा कि हमे तस्सली दे रहे थे, व्यवस्था करेंगे. लेकिन 3दिनों में कोई व्यवस्था नहीं की, तो अब पैदल ही घर लौटने को मजबूर हैं.

इटावा (कोटा). देशभर से प्रवासियों के वापस अपने घर लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है. श्रमिकों के लिए सरकार की ओर से विशेष ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं. वहीं कुछ प्रवासी पैदल ही अपनी मंजिल की ओर निकल पड़े हैं. अलवर के रहने वाले कुछ प्रवासी पैदल ही यूपी से चलकर इटावा पहुंचे. ईटीवी भारत ने इन प्रवासियों ने बातचीत की.

प्रवासियों को नहीं मिल रही कोई सुविधा

प्रवासियों ने बताया कि वे 5 मई को यूपी से पैदल चलते-चलते इटावा पहुंचे थे. जहां प्रशासन ने उन्हें एक निश्चित स्थान पर रोक लिया और उन्हें घर भिजवाने का आश्वासन दिया है. इसके साथ ही खाने की व्यवस्था करवाने को भी कहा था. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. न ही इन्हें घर भेजा गया और ना ही ढ़ंग का खाना खाने को दिया गया. प्रवासियों का आरोप है कि प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है.

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प्रवासियों का कहना है कि कई बार तो कच्चा खाना ही दे दिया जाता था. ऐसे में 3 दिनों तक समस्या का कोई समाधाना ना होने की वजह से हम सब पैदल ही अलवर जा रहे हैं.

एक प्रवासी राहुल ने बताया कि प्रशासन की कोई व्यवस्थाएं नहीं थी. इसको लेकर जब शिकायत का प्रयास किया, तो हमे ही डांट दिया गया और कहा गया कि सीनियर आएंगे तब व्यवस्थाएं होंगी. वहीं विनोद कुमार ने भी प्रशासन पर लापरवाही करने के आरोप लगाते हुए कहा कि हमे तस्सली दे रहे थे, व्यवस्था करेंगे. लेकिन 3दिनों में कोई व्यवस्था नहीं की, तो अब पैदल ही घर लौटने को मजबूर हैं.

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