कोटा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर हैं. ऐसे में सोमवार को उन्होंने अपने शक्ति नगर स्थित निवास पर जन सुनवाई का आयोजन हुआ. जिसमें संसदीय क्षेत्र के लोग समस्याएं लेकर पहुंचे थे. उन समस्याओं के निवारण के निर्देश भी लोकसभा स्पीकर बिरला ने अधिकारियों को दिए हैं.
साथ ही नागरिकता संशोधन बिल के मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के मौलानाओं का एक प्रतिनिधिमंडल लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात करने पहुंचे. जहां पर उन्होंने ज्ञापन भी ओम बिरला को सौंपा है. इन लोगों ने कैब और एनआरसी का विरोध किया है.
ज्ञापन देने पहुंचे ऑल राजस्थान तंजीमुल उलमा के प्रसिडेंट आरिफ हुसैन ने कहा कि भारत में हम तमाम हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और बौद्ध मोहब्बत और प्रेम से रहना चाहते हैं, लेकिन नए-नए कानून बनाकर हमारे बीच भेदभाव पैदा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम लोगों के बीच नफरत ना पैदा की जाए. हम यहां मोहब्बत और प्रेम से जिंदगी गुजार रहे हैं.
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भारत में तमाम नागरिकों को समान दर्जा दिया जाए, उन्होंने नागरिक संशोधन बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हिंदू, बौद्ध, पारसी, सिख का जिक्र किया गया है, लेकिन मुस्लिम नाम नहीं लिया गया है. इससे तमाम हिंदुस्तान के मुसलमान हैरान और परेशान हैं. इस तरह के भेदभाव के कानून क्यों बनाना चाह रहे हैं. हमने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर दिल्ली तक हमारी बात को पहुंचाने की मांग रखी है.
वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कैब के बारे में बात करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक बिल संसद में पारित हुआ है. मत विभाजन से इसे पारित किया गया है. सदन में सहमति असहमति दोनों होती है. मेरी कोशिश रहती है कि सदन सुचारू चले.
लोकतंत्र के मंदिर में विरोध मत विभाजन संसदीय प्रक्रिया का हिस्सा है, जो भी निर्णय होता है. सरकार उस पर बिल या कानून बनाने की कार्रवाई करती है. जो कानून लागू होता है. उससे जनता को लाभ मिलता है. हालांकि उन्होंने कैंब पूरे देश में चल रहे विरोध के सवाल पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.