कोटा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) के जारी किए गए 10वीं व 12वीं बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में 'जेंडर-इंबैलेंस' होना सामने आ रहा (Male female ratio in CBSE board exams) है. कक्षा 10वीं व 12वीं बोर्ड में सम्मिलित हो रहीं फीमेल कैंडीडेट्स की संख्या लगभग 42 फीसदी है.
दसवीं बोर्ड में सम्मिलित हो रहे 21.16 लाख कैंडीडेट्स में से फीमेल कैंडीडेट्स की संख्या 8.94 लाख (Female candidates in CBSE 10th Board exam) है. जबकि मेल कैंडीडेट्स की संख्या 12.21 लाख है. इसी तरह से 12वीं बोर्ड में सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों की संख्या पर नजर डाली जाए, तो सामने आता है कि कुल 14.54 लाख कैंडीडेट्स में फीमेल की संख्या 6.39 लाख ही (Female candidates in CBSE 12th Board exam) है. जबकि मेल कैंडिडेट्स की संख्या 8.15 लाख है. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि 10वीं एवं 12वीं बोर्ड में फीमेल का यह प्रतिशत करीब 42-43 फीसदी के आसपास है.
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10वीं व 12वीं बोर्ड में सम्मिलित होने वाले कैंडिडेट्स की संख्या में भी बहुत बड़ा अंतर है. जहां एक और दसवीं बोर्ड में लगभग 21 लाख विद्यार्थी भाग लेते हैं. वहीं दूसरी और बारहवीं बोर्ड में यह संख्या महज 14 लाख रह जाती है. दसवीं से बारहवीं बोर्ड के मध्य विद्यार्थियों की संख्या में यह कमी लगभग 33 से 34 फीसद की है. यह आंकड़े बताते हैं कि दसवीं के बाद कई विद्यार्थी पढ़ाई से विमुख हो जाते हैं. सीबीएसई ने परीक्षा केंद्र अधीक्षकों को बोर्ड परीक्षाओं के दौरान कोविड-19 और भीषण गर्मी से बचाव के लिए उचित व्यवस्थाएं करने के लिए निर्देश निर्देश जारी किए हैं. परीक्षा केंद्रों को सैनिटाइजेशन के लिए पांच और पेयजल के लिए दो रुपए प्रतिदिन प्रति विद्यार्थी का बजट जारी किया है. सीबीएसई ने देशभर में ढाई करोड़ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अतिरिक्त बजट जारी किया है. इसके अलावा प्रत्येक परीक्षा केंद्र को 5000 रुपए का बजट इंफ्रारेड थर्मोमीटर की खरीद के लिए भी जारी किया गया है.