कोटा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज जारी किया है. देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. यह प्रयास सकारात्मक है, इसके परिणाम जरूर आएंगे. साथ ही उन्होंने मुकंदरा टाइगर रिजर्व में पर्यटन शुरू होने और कोटा की लाइफलाइन कोचिंग पर भी सकारात्मक परिणाम आने की बात कही है.
कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर आए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला 7 जून तक कोटा में ही रहेंगे. ईटीवी भारत ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और कोरोना काल के संकट से लड़ने के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज जारी किया है. बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पैकेज भी दिया है. साथ ही राज्य सरकारों से भी सलाह की गई है कि कैसे राज्य और केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत बनाएं, कैसे लोगों के लिए रोजगार सृजन हो और नए रोजगार दिए जाएं, इस दिशा में कार्य किया जा रहा है.
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सरकार का सकारात्मक प्रयास है, इसके निश्चित रूप से परिणाम आएंगे. संसद सत्र शुरू करने की बात पर उन्होंने कहा कि इसके लिए चर्चा की जा रही है. किस तरह से तैयारी की जाए, मंथन चल रहा है. वहीं केंद्र सरकार के कार्यकाल के 1 साल पर लोकसभा स्पीकर बिरला ने कहा कि सरकार ने अपनी उपलब्धियां बताई है. सभी सरकारें अपनी उपलब्धियां बताती हैं. सरकार अपनी उपलब्धियों का आकलन भी करती है और जनता के सामने रखती है.
मुकुंदरा में होगी जल व जंगल सफारी
ओम बिरला ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों के कुनबे के बढ़ने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि मुकुंदरा नेशनल पार्क हमारे लिए टूरिज्म की लाइफ लाइन बनेगा. बिरला ने कहा कि मुझे लगता है कि मुकंदरा नेशनल पार्क ठीक से डिवेलप हो गया तो देशी-विदेशी पर्यटकों को हाड़ौती में ला सकेंगे. देशी-विदेशी पर्यटक जब आएंगे, तो निश्चित रूप से पूरे संपूर्ण हाड़ौती एक टूरिज्म सर्किट बनेगा. साथ ही ओम बिरला ने कहा कि मुझे लगता है कि जंगल और जल्द सफारी ठीक से हो जाएगी, तो निश्चित रूप से पर्यटन केंद्र बन पाएगा.
कोचिंग के लिए सकारात्मक वातावरण बनाना होगा
स्पीकर ओम बिरला ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि कोचिंग कोटा की लाइफलाइन है. बच्चे लॉकडाउन के दौरान अपने घर चले गए हैं लेकिन सकारात्मक वातावरण उनके लिए बनाना होगा. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसके प्रयास जारी हैं. जैसे ही सकारात्मक वातावरण बनेगा, बच्चे वापस आ जाएंगे.