कोटा. राजस्थान के कुछ जिलों के अलावा अब टिड्डी दल का खतरा कोटा संभाग में भी मंडराने लगा है. सोमवार को चित्तौड़गढ़ जिले से चलते हुए भवानी मंडी क्षेत्र में एक टिड्डी दल पहुंच गया, जहां पर लोगों ने तालियां और डिब्बे बजा करके उनको भगाया. वहीं, इस पर हवा का रूख मध्य प्रदेश की तरफ होने से टिड्डी दल मध्य प्रदेश की तरफ निकल गया.
कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ राम अवतार शर्मा ने बताया, कि सोमवार को अचानक चित्तौड़ से एक टिड्डी दल झालावाड़ के भवानी मंडी इलाके में पहुंचा. उन्होंने बताया कि झालावाड़ जिले से सटे एमपी एरिया के खेतों में लगे संतरे के पेड़ों पर यह जमा हो गए थे. इसके बाद किसानों ने सायरन और तालियां बजाई तो टिड्डी दल एमपी की ओर चला गया.
डॉ राम अवतार ने बताया कि इस खतरे को देखते हुए पूरा महकमा अलर्ट मूड में आ गया है. उन्होंने बताया कि सभी जगह दवा की व्यवस्था कर दी है, ऐसे में किसानों की सूची पहले से ही तैयार की गई थी.
पिछले साल राजस्थान के12 जिलों में हुआ था टिड्डी का प्रकोप
डॉ.राम अवतार का कहना है कि गत वर्ष राजस्थान के बारह जिलों में टिड्डी का प्रकोप हुआ था. इसको देखते हुए इस वर्ष अफ्रीकन कंट्री और पाकिस्तान से टिड्डी दल दोगुनी संख्या में आने की संभावना है.
हाड़ौती संभाग में 7 दिन पूर्व की तैयारियां
कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर ने बताया कि हमने टिड्डी दल को देखते हुए 7 दिन पूर्व ही इसके रोकथाम की कार्रवाई कर दी है. उन्होंने बताया कि ऐसे किसान जिनके पास ट्रैक्टर पावर स्प्रे और पानी के टैंकर उपलब्ध हैं, उन किसानों की सूचियां बना कर कृषि पर्यवेक्षक के पास उपलब्ध करा दी गई है. उन्होंने बताया कि हाड़ौती के चारो जिलों में जैसे ही टिड्डी का प्रकोप होगा तो उन किसानों को तुरन्त मय ट्रैक्टर के दवा उपलब्ध करवा कर छिड़काव करना शुरू होगा.