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Kota in Heritage Look: पर्यटन सिटी बनने की ओर कोटा, शहर के 4 चौराहों को दी एकरूपता..हेरिटेज थीम पर नजर आएंगे बाजार

नगर विकास न्यास ने कोटा शहर में करोड़ों रुपए खर्च कर चौराहों (Heritage theme crossings in Kota) और शहर के एंट्री प्वाइंट के आसपास के बाजारों में एकरूपता लाने का प्रयास शुरू किया है. जिससे कोटा आने वाले पर्यटकों को शहर सुंदर लगे और पर्यटन के माध्यम से रोजगार बढ़े. इसमें करोड़ों रुपए से निजी बिल्डिंगों, दुकानों में भी हेरिटेज और फसाड़ का काम करवाया है.

Kota in Heritage Look
पर्यटन सिटी बनने की ओर कोटा.
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Published : Feb 7, 2022, 8:01 PM IST

Updated : Feb 7, 2022, 10:31 PM IST

कोटा. शिक्षा नगरी कोटा को पर्यटन सिटी के तौर पर विकसित (Kota to be tourist city) किया जा रहा है. शहर में करोड़ों के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं. इसमें ट्रैफिक से लेकर शहर के चौराहों, बाजारों, शहर के एंट्री पाइंट्स और मकानों को हेरिटेज लुक दिया जा रहा है. इसमें खास बात यह होगी कि सभी डिजाइन और फसाड़ वर्क में एकरूपता नजर आएगी.

ट्रैफिक सुगमता से चले, इसके लिए बिना रेड लाइट वाली सड़के तैयार की जा रही है. शहर के कई चौराहों का फसाड़ बदल एकरूपता दी जा रही है. चौराहों के बाजार को एकरूपता दी जा रही है. दुकानों के साइन बोर्ड से लेकर उनका शेड और डिजाइन भी एक जैसा किया जा रहा है. यहां तक कि निजी मकानों, दुकानों व बिल्डिंग पर भी नगर विकास न्यास ने करोड़ों रुपए खर्च कर स्मार्ट सिटी से फसाड़ तैयार करवाया है. हर एक चौराहे पर अलग तरह का फसाड़ नजर आएगा. नगर विकास न्यास अधिकारियों का कहना है कि इन चारों चौराहों पर फसाड़ का काम चौराहों को विकसित करने के लिए जारी किए गए टेंडर में ही करवाया गया है. इसमें करीब 10 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा.

पर्यटन सिटी बनने की ओर कोटा.

पढ़ें: Special : मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे ने 5000 किसानों की बढ़ाई मुश्किलें, खेतों में आवागमन से लेकर सिंचाई तक बनी 'पहाड़'

शहर के सभी एंट्री पॉइंट लगेंगे एक जैसे

यूआईटी फसाड़ और चौराहों के विकास कार्य करवा रही है. इसके तहत शहर के सभी एंट्री पॉइंट को एक ही तरह से डिजाइन किया जा रहा है. इससे शहर काफी सुंदर नजर आने लगा है. हालांकि अभी इन कार्यों की शुरुआत ही हुई है. इसमें शहर में जयपुर की तरफ से एंट्री करने वाले पॉइंट नयापुरा चौराहे को विकसित किया गया है. इसी तरह से रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित बाजार के दोनों तरफ के फसाड़ को बदलाया जा रहा है. कलेक्ट्रेट चौराहे भी पूरी तरह बदला हुआ नजर आएगा. कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित दुकानों में यह बदलाव कर दिया गया है. इसके बाद में एरोड्रम सर्किल और घोड़े वाले बाबा चौराहे पर भी इस तरह से फसाड़ का कार्य नगर विकास न्यास करवाएगा.

हर इलाके में अलग-अलग थीम, इनका बेस हेरिटेज

विवेकानंद चौराहे पर स्थित करीब 100 से ज्यादा दुकानों और बिल्डिंगों को एक जैसा रूप दिया गया है. पूरी तरह से उसे हैरिटेज लुक में तैयार करवा दिया है. यहां तक कि निजी मकानों के आगे के हिस्से यानी फसाड़ को भी करोड़ों रुपए खर्च कर तैयार करवाया गया है. कुछ दिनों में ही लाइटिंग का भी काम शुरू होगा. फसाड़ का अधिकांश काम पूरा हो गया है और इमारतें एक जैसी नजर आने लगी हैं. स्टेशन के बाहर सुभाष लाइब्रेरी और स्टेशन के दोनों तरफ की सड़कों में एकरूपता लाने के लिए फसाड़ का काम नगर विकास न्यास करवाएगा. इसी तर्ज पर कलेक्ट्री चौराहे की दुकानों को एकरूपता दी गई है.

पढ़ें: कोटा के कोचिंग संस्थानों में विदेशी फर्म करेगी 9000 करोड़ का निवेश, बनेगी 33 फीसदी की पार्टनर

पर्यटन को बढ़ावा देना ही मूल लक्ष्य

नगर विकास न्यास के विशेषाधिकारी आरडी मीणा का कहना है कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल शहर को नया रूप देना चाहते हैं. ताकि शहर में पर्यटकों की आवाजाही बढ़े और लोगों को रोजगार मिले. एक पर्यटक के आने से करीब 5 से 6 लोगों को रोजगार मिलता है. यह विकास कार्य शहर की आगामी जरूरत को देखते हुए करवाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी जगह पर अलग-अलग थीम ली गई है और इनका मूल मंत्र हेरिटेज ही है.

पढ़ें: विकास ने रोका विकास: CM की बजट घोषणा भी नहीं हो पा रही जमीन पर लागू, PWD का काम दूसरी एजेंसियों ने अटकाया

दुकानदार नहीं कर सकेंगे इससे छेड़छाड़

नगर विकास न्यास ने जिस हेरिटेज लुक में दुकानों और बिल्डिंगों को तैयार किया, इनमें बदलाव स्वयं की मर्जी से दुकानदार नहीं कर सकेंगे. उसे फसाड़ बदलने का अधिकार नहीं दिया जाएगा. दुकानों और बिल्डिंगों को तैयार के फसाड़ और डिजाइन में छेड़छाड़ संभव नहीं होगी.

कोटा. शिक्षा नगरी कोटा को पर्यटन सिटी के तौर पर विकसित (Kota to be tourist city) किया जा रहा है. शहर में करोड़ों के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं. इसमें ट्रैफिक से लेकर शहर के चौराहों, बाजारों, शहर के एंट्री पाइंट्स और मकानों को हेरिटेज लुक दिया जा रहा है. इसमें खास बात यह होगी कि सभी डिजाइन और फसाड़ वर्क में एकरूपता नजर आएगी.

ट्रैफिक सुगमता से चले, इसके लिए बिना रेड लाइट वाली सड़के तैयार की जा रही है. शहर के कई चौराहों का फसाड़ बदल एकरूपता दी जा रही है. चौराहों के बाजार को एकरूपता दी जा रही है. दुकानों के साइन बोर्ड से लेकर उनका शेड और डिजाइन भी एक जैसा किया जा रहा है. यहां तक कि निजी मकानों, दुकानों व बिल्डिंग पर भी नगर विकास न्यास ने करोड़ों रुपए खर्च कर स्मार्ट सिटी से फसाड़ तैयार करवाया है. हर एक चौराहे पर अलग तरह का फसाड़ नजर आएगा. नगर विकास न्यास अधिकारियों का कहना है कि इन चारों चौराहों पर फसाड़ का काम चौराहों को विकसित करने के लिए जारी किए गए टेंडर में ही करवाया गया है. इसमें करीब 10 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा.

पर्यटन सिटी बनने की ओर कोटा.

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शहर के सभी एंट्री पॉइंट लगेंगे एक जैसे

यूआईटी फसाड़ और चौराहों के विकास कार्य करवा रही है. इसके तहत शहर के सभी एंट्री पॉइंट को एक ही तरह से डिजाइन किया जा रहा है. इससे शहर काफी सुंदर नजर आने लगा है. हालांकि अभी इन कार्यों की शुरुआत ही हुई है. इसमें शहर में जयपुर की तरफ से एंट्री करने वाले पॉइंट नयापुरा चौराहे को विकसित किया गया है. इसी तरह से रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित बाजार के दोनों तरफ के फसाड़ को बदलाया जा रहा है. कलेक्ट्रेट चौराहे भी पूरी तरह बदला हुआ नजर आएगा. कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित दुकानों में यह बदलाव कर दिया गया है. इसके बाद में एरोड्रम सर्किल और घोड़े वाले बाबा चौराहे पर भी इस तरह से फसाड़ का कार्य नगर विकास न्यास करवाएगा.

हर इलाके में अलग-अलग थीम, इनका बेस हेरिटेज

विवेकानंद चौराहे पर स्थित करीब 100 से ज्यादा दुकानों और बिल्डिंगों को एक जैसा रूप दिया गया है. पूरी तरह से उसे हैरिटेज लुक में तैयार करवा दिया है. यहां तक कि निजी मकानों के आगे के हिस्से यानी फसाड़ को भी करोड़ों रुपए खर्च कर तैयार करवाया गया है. कुछ दिनों में ही लाइटिंग का भी काम शुरू होगा. फसाड़ का अधिकांश काम पूरा हो गया है और इमारतें एक जैसी नजर आने लगी हैं. स्टेशन के बाहर सुभाष लाइब्रेरी और स्टेशन के दोनों तरफ की सड़कों में एकरूपता लाने के लिए फसाड़ का काम नगर विकास न्यास करवाएगा. इसी तर्ज पर कलेक्ट्री चौराहे की दुकानों को एकरूपता दी गई है.

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पर्यटन को बढ़ावा देना ही मूल लक्ष्य

नगर विकास न्यास के विशेषाधिकारी आरडी मीणा का कहना है कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल शहर को नया रूप देना चाहते हैं. ताकि शहर में पर्यटकों की आवाजाही बढ़े और लोगों को रोजगार मिले. एक पर्यटक के आने से करीब 5 से 6 लोगों को रोजगार मिलता है. यह विकास कार्य शहर की आगामी जरूरत को देखते हुए करवाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी जगह पर अलग-अलग थीम ली गई है और इनका मूल मंत्र हेरिटेज ही है.

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दुकानदार नहीं कर सकेंगे इससे छेड़छाड़

नगर विकास न्यास ने जिस हेरिटेज लुक में दुकानों और बिल्डिंगों को तैयार किया, इनमें बदलाव स्वयं की मर्जी से दुकानदार नहीं कर सकेंगे. उसे फसाड़ बदलने का अधिकार नहीं दिया जाएगा. दुकानों और बिल्डिंगों को तैयार के फसाड़ और डिजाइन में छेड़छाड़ संभव नहीं होगी.

Last Updated : Feb 7, 2022, 10:31 PM IST
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