कोटा. सुपर थर्मल पावर स्टेशन (Kota Thermal Management) 1 और 2 नंबर इकाइयां जो कि 1983 में स्थापित हुई थी, उन्हें बंद करने के आदेश ऊर्जा विभाग ने दिया था. जिसके बाद लगातार स्थानीय लोग इसे चालू करने की मांग कर रहे थे. साथ में कर्मचारी भी आंदोलन पर उतारू हो गए थे. जिसके बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (UDH Minister Shanti Dhariwal) ने दोनों इकाइयों को चालू करने की घोषणा कर दी थी. साथ ही उन्होंने कहा था कि कोटा थर्मल को लेकर ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और ऊर्जा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी दिनेश कुमार से उनकी बात हुई है, बावजूद इसके कोटा थर्मल प्रबंधन (Kota Thermal Management) ने नया आदेश जारी नहीं होने का हवाला देते हुए 1 और 2 नंबर यूनिट जिनकी क्षमता 110 - 110 मेगावाट है, दोनों को बुधवार देर रात 12:00 बजे बंद कर दिया.
इसकी खबर फैलने के साथ ही कोटा में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के दावे पर भी सवाल उठने लग गए थे. हालांकि यूनिटों को बंद करने की खबर जैसे ही फैली वैसे ही आमजन आक्रोशित हो गए थे. ऐसे में सरकार ने तुरंत आनन-फानन में निर्णय लेते हुए हैं, यूनिटों को दोबारा चालू करवाया है. साथ ही थर्मल के चीफ इंजीनियर वीके गोलानी का कहना है कि उन्होंने लोड डिस्ट्रीब्यूशन के आदेश से यूनिटों को बंद किया था, लेकिन दोबारा चालू करवा दिया है.
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ज्वाइंट सेक्रेट्री के आदेश से हुई थी बंद
कोटा थर्मल प्रबंधन को ऊर्जा विभाग के संयुक्त सचिव ने निर्देशित किया था कि कोटा की 1 और 2 नंबर यूनिट को बंद कर दिया जाए, इसके बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने दोनों यूनिटों को चालू रखने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि कांसेप्ट टू ऑपरेट (concept to operate) अभी तक दोनों यूनिट को चालू रखा जाए. धारीवाल की घोषणा के बाद कोटा में खुशी का माहौल आ गया था. यहां तक की कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जश्न भी बनाया था. इधर, थर्मल को संयुक्त सचिव के आदेश के बाद कोई भी आदेश प्राप्त नहीं हुआ. जिसके चलते देर रात को दोनों यूनिटों को बंद कर दिया गया था.
चालू करने पर खर्च हुआ 60 लाख
कोटा थर्मल के चीफ इंजीनियर वीके गोलानी का कहना है कि अब दोबारा इन दोनों यूनिटों को चालू रखने के निर्देश मिले हैं. इसी के चलते लोड डिस्ट्रीब्यूशन ने इसे बंद करवाया था और अब उसी ने इन्हें चालू करने के आदेश दे दिए हैं. जिसके तहत यूनिटों को सिंक्रोनाइज करना शुरू कर दिया है. जिनसे की उत्पादन रात 12:00 बजे के बाद शुरू हो जाएगा. हालांकि दोनों यूनिटों को बंद किए हुए करीब 18 घंटे हुए थे. ऐसे में दोबारा इन्हें शुरू करने के बाद इनमें करीब 60 लाख रुपए का खर्चा होगा. जिसमें यूनिट को दोबारा चलने में खर्च होने वाला ईंधन कोयला और आयल का खर्चा शामिल होता है.
आधी क्षमता से चल रहा है थर्मल
कोटा थर्मल की 1 और 2 नंबर इकाइयों को पर्यावरण मंत्रालय से चालू रखने की स्वीकृति दिसंबर 2022 तक की मिली हुई है, लेकिन ऊर्जा विभाग ने इन दोनों यूनिटों को बंद करने के आदेश दे दिए थे. इसके अलावा तीन नंबर यूनिट को पहले से ही बंद किया हुआ है, जबकि 4 से 7 नंबर यूनिट से उत्पादन जारी है. जिनकी क्षमता 810 मेगावाट है, लेकिन उत्पादन उनसे करीब 650 मेगावाट ही लिया जा रहा है. जबकि कोटा पूरे थर्मल की क्षमता 1240 मेगावाट है. ऐसे में उससे करीब आधा ही उत्पादन अभी लिया जा रहा है.