कोटा. देश के सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को करवाने के लिए केंद्र सरकार आमादा है. वहीं, विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. इसके लिए विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं.
केंद्र सरकार चाहती है कि परीक्षा हो जाए ताकि देश के बड़े इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में बच्चे एडमिशन ले सकें, ताकि उनका यह सत्र बर्बाद नहीं जाए. हालांकि कोरोना को लेकर कशमकश बनी हुई है. कई स्टूडेंट भी परीक्षाओं के आयोजन का विरोध कर चुके हैं.
स्टूडेंट तर्क दे रहे हैं कि अगर परीक्षा नहीं होगी तो उनका साल बर्बाद हो जाएगा. स्टूडेंट्स का कहना है कि कोरोना कब तक खत्म होगा इसके बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में कब तक परीक्षाओं को टाला जाएगा. स्टूडेंट्स का कहना है कि पूरी आइसोलेशन व्यवस्था रखते हुए परीक्षा होनी चाहिए, क्योंकि उनके लिए अगला एकेडमिक सत्र काफी मायने रखता है. अगर ऐसा नहीं होगा तो उन्हें आगे पढ़ाई में परेशानी होगी.
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वहीं, कुछ स्टूडेंट परीक्षा का विरोध करते हुए भी नजर आए, उनका कहना है कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ सरकार को नहीं करना चाहिए. परीक्षा बाद में भी हो सकती है, अगर कोई भी बच्चा परीक्षा देने पहुंचा और वहां पर कोरोना की चपेट में आ गया तो बाकी लोग भी संक्रमित हो सकते हैं. स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है, लेकिन यह नहीं बताया कि परीक्षार्थियों का कोरोना वायरस की जांच का खर्चा कौन उठाएगा.
नहीं मिला पढ़ाई का समय
इससे विपरीत कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि परीक्षा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि बच्चों ने ऑनलाइन क्लासेज में ठीक से पढ़ाई नहीं की है. उन्हें पूरा स्टडी मैटेरियल नहीं मिला है. उनकी तैयारी अधूरी है. इसके चलते और समय बच्चों को देना चाहिए ताकि वह बाद में परीक्षा दे सकें.
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अगली बार बढ़ जाएगा कंपटीशन
दूसरी तरफ से कुछ स्टूडेंट्स यह भी कह रहे हैं कि अगर इस बार परीक्षा नहीं होती है तो अगली बार फिर परीक्षार्थी दुगने हो जाएंगे. इसके चलते कंपटीशन बढ़ जाएगा. जिसका खामियाजा उन्हें ही भुगतना होगा. ऐसे में इस साल ही परीक्षा सरकार को करवानी चाहिए.
ट्रैवलिंग के दौरान आएगी समस्या
स्टूडेंट्स का यह भी तर्क है कि कई बच्चों के सेंटर दूर-दूर आए हैं. ऐसे में वहां जाने के लिए ट्रैवलिंग के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना शायद बेहतर तरीके से नहीं हो पाएगी. ऐसे में उन्हें आने-जाने की भी परेशानी झेलनी पड़ेगी. जबकि अभी ट्रेन और बस कुछ भी नहीं चल रही है.