कोटा. ग्रामीण एसपी कार्यालय में बीते दिनों विजिलेंस टीम की कार्रवाई के मामले में गुरुवार को एसपी ग्रामीण ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह केवल आंतरिक ऑडिट का मामला है. आंतरिक जांच और दस्तावेज लेने के लिए पुलिस हेड क्वार्टर से अधिकारियों को अधिकृत किया गया था और वही जांच के लिए यहां पर पहुंचे थे.
एसपी शरद चौधरी ने पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि मीडिया में विजिलेंस टीम की विजिट को छापा बताया जा रहा है, जो गलत है. वह केवल आंतरिक ऑडिट का मामला है.
उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय से अधिकारी कभी भी आकर अधीनस्थ कार्यालयों में जांच कर सकते हैं. साथ ही जो भी रिकॉर्ड उन्हें चाहिए वह उपलब्ध कराया जा सकता है. इसे किसी भी तरह का छापा नहीं कहा जा सकता. मैंने कोई भी आदेश गलत तरीके से नहीं निकाला है. सभी को उचित प्रक्रिया के तहत ही पदस्थापित किया गया है.
वहीं, विजिलेंस टीम के कोटा आकर दस्तावेज ले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये मेरा और मेरे अधिकारी का मामला है. मैं इसमे कुछ नहीं कहूंगा. आप उच्चाधिकारियों से बात करें.
साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से मैं कोटा ग्रामीण एसपी हूं और जिले की सभी चौकियों और थानों पर जाकर जांच कर सकता हूं. उसे किसी भी तरह का कोई छापा नहीं कहा जाएगा.
इसी तरह से जयपुर पुलिस मुख्यालय के अलावा डीआईजी, आईजी, एडीजी और डीजी स्तर के अधिकारी भी किसी भी कार्यालय जो कि उनके अधीनस्थ है, वहां पर जाकर कोई जांच या कार्रवाई करते हैं, तो उसे छापा नहीं कहेंगे.
बता दें कि कुछ दिनों पहले एडीजी शैलेंद्र सिंह कोटा ग्रामीण एसपी कार्यालय पहुंचे थे. जहां से उन्होंने फोर्स और डी ब्रांच का रिकॉर्ड तलब किया था. जिसमें से कई मुख्य फाइलों को लेकर वह जयपुर चले गए.