कोटा. प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी आईआईएसटी तिरुवनंतपुरम में संचालित बीटेक और डुवल डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यहां एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में बी-टेक व डुएल डिग्री पाठ्यक्रमों का संचालन करता है. एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की यह प्रक्रिया आगामी 7-अक्टूबर तक जारी रहेगी. संस्थान द्वारा 8-अक्टूबर को आईआईएससी एडमिशन रैंक लिस्ट जारी कर दी जाएगी. वहीं 10-अक्टूबर से सीट अलॉटमेंट का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग हेतु 60-सीटें
देव शर्मा ने बताया कि संस्थान में बी-टेक एयरोस्पेस इंजीनियरिंग हेतु 60-सीटें, बी-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में भी 60-सीटें और डुएल-डिग्री पाठ्यक्रम में 20-सीटें उपलब्ध हैं. ईडब्ल्यूएस श्रेणी के स्टूडेंट नियमानुसार अतिरिक्त सीटों की भी व्यवस्था की गई हैं. उपरोक्त सीटों के लिए प्रवेश पात्रता जेईई एडवांस्ड-2020 के अंकों के आधार पर निर्धारित है.
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एग्रीगेट 20 प्रतिशत अंक होना आवश्यक
सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों हेतु जेईई-एडवांस्ड-2020 प्रवेश परीक्षा के फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स प्रत्येक विषय में न्यूनतम 5 प्रतिशत और एग्रीगेट 20 प्रतिशत अंक होना आवश्यक है. ओबीसी-एनसीएल और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी हेतु यह प्रतिशत क्रमशः 4.5 प्रतिशत व 18 प्रतिशत है. एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी विद्यार्थियों उपरोक्त प्रतिशत 2.5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत है.
12वीं बोर्ड में सिर्फ उत्तीर्ण होना आवश्यक
वर्ष-2020 के लिए 12वीं बोर्ड के न्यूनतम प्रतिशत की कोई बाध्यता नहीं है. विद्यार्थी का 12वीं बोर्ड में सिर्फ उत्तीर्ण होना आवश्यक है. आईआईएसटी तिरुवनंतपुरम से बीटेक और डुएल-डिग्री प्राप्त करने के पश्चात विद्यार्थियों को रिक्त पदों की संख्या के आधार पर "इसरो" में पदस्थापित किए जाने की भी व्यवस्था है. "इसरो" में पदस्थापन के लिए विद्यार्थी का बी-टेक डिग्री/डुएल डिग्री में न्यूनतम 7.5 ग्रेड-स्केल से उत्तीर्ण हो. वहीं विद्यार्थी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन-इसरो के हेल्थ और मेडिकल मापदंडों पर खरा उतरना भी आवश्यक है.