कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इटावा में रिश्वत के दो अलग-अलग मामलों में मंगलवार को कार्रवाई करते हुए गैंता के सरपंच भवानी शंकर नागर और दूसरे मामले में दलाल राम सिंह हाड़ा को गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपियों को बुधवार को न्यायालय में पेश करना था. ऐसे में एसीबी कोर्ट के न्यायाधीश के घर बुधवार शाम को आरोपियों को पेश करने पहुंची, जहां से दोनों आरोपियों भवानी शंकर और दलाल राम सिंह हाड़ा को 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है. इन्हें 24 मार्च को न्यायालय में पेश किया जाएगा.
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बता दें कि परिवादी विपिन योगी की शिकायत पर एक हजार रुपए नगद और ढाई लाख का चेक लेते हुए गैंता के सरपंच भवानी शंकर को एसीबी ने गिरफ्तार किया था. वहीं, दूसरे मामले में विपिन की ही शिकायत पर इटावा थाने के एएसआई रणवीर सिंह के लिए 40 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए दलाल राम सिंह को गिरफ्तार किया था.
इस मामले में एसीबी ने एक ही परिवादी विपिन योगी की शिकायत पर एक ही दिन में कुछ ही समय के अंतराल में दो ट्रैप किए हैं. संभवत: पूरे प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है, जब एक ही परिवादी की दो शिकायत पर दो अलग-अलग ट्रैप एक ही दिन हुए हैं. इसके लिए कोटा एसीबी के अधिकारियों ने कार्मिकों के साथ पूरी तरह से सामंजस्य बनाते हुए काम किया.
फरार एएसआई के लिए दी कई जगह दबिश
परिवादी विपिन योगी से उसके चाचा सुरेंद्र योगी को एक प्रकरण में गिरफ्तार नहीं करने और अग्रिम जमानत के लिए 15 दिन का समय देने के लिए इटावा थाने के सहायक उप निरीक्षक रणवीर सिंह ने 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. रिश्वत की राशि को दलाल राम सिंह ने परिवादी के गैंता स्थित घर से रिश्वत ली. उसे मौके से एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया. इसकी भनक लगते ही एएसआई रणवीर सिंह थाने से ही फरार हो गया, जिसको कोटा ग्रामीण एसपी ने निलंबित भी कर दिया है. हालांकि एसीबी ने भी कई जगह उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी है, लेकिन अभी भी वह फरार है.