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रिश्वतखोर रूप सिंह : रिश्वत मांग कर नहीं लिए थे 10 हजार, 7 साल बाद 50 हजार लेते हुआ ट्रैप...ACB ने पुराने मामले में किया गिरफ्तार - bribe amount verification

अवकाशकालीन वेतन (vacation pay) जारी करने की एवज में बीडीओ (BDO) रूप सिंह ने 2013 में रिश्वत तो मांगी, लेकिन रिश्वत ली नहीं. ऐसे में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर (Directorate of Secondary Education Bikaner) ने अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी. लेकिन रूप सिंह दूसरी बार 50 हजार की रिश्वत लेते जब रंगे हाथों उदयपुर एसीबी के हत्थे चढ़ा तो निदेशालय ने अभियोजन की स्वीकृति दे दी.

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कोटा एसीबी कार्रवाई
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Published : Jul 28, 2021, 6:23 PM IST

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने 8 साल पुराने एक मामले में कार्रवाई करते हुए निलंबित बीडीओ रूप सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी बीडीओ ने 2013 में अपने अधीन काम करने वाले ग्राम विकास अधिकारी (village development officer) से अवकाशकालीन वेतन जारी करने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी.

हालांकि इस मामले में रिश्वत राशि सत्यापन (bribe amount verification) के बाद भी बीडीओ रूप सिंह गुर्जर ने रिश्वत नहीं ली थी. लेकिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 2014 में रिश्वत का मुकदमा दर्ज कर लिया था. इस पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर (Directorate of Secondary Education Bikaner) से अभियोजन (Prosecution) की स्वीकृति नहीं मिली. इसी के चलते रूप सिंह की गिरफ्तारी टल रही थी.

लेकिन 7 साल बाद रूप सिंह गलती कर बैठा. 2020 में उसने चित्तौड़गढ़ में गंगरार पंचायत समिति का विकास अधिकारी रहते हुए 50 हजार रुपए की रिश्वत ली और रंगे हाथों ट्रैप हो गया. उसने यह रिश्वत अपने अधीन काम करने वाले जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट को रिलीव नहीं करने की एवज में ली थी. इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर (Directorate of Secondary Education Bikaner) ने उस पर अभियोजन (Prosecution) चलाने की स्वीकृति भी दे दी.

कोटा एसीबी ने बताई रूप सिंह की करतूत

कोटा एसीबी (Kota ACB) के एएसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार (Thakur Chandrasheel Kumar) ने बताया कि 2013 में चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा निवासी ग्राम सचिव अब्दुल लतीफ ने कोटा एसीबी को एक परिवाद दिया था. अब्दुल ने बताया कि वह भैंसरोडगढ़ पंचायत समिति के रेनखेड़ा गांव में ग्राम सचिव के पद पर कार्यरत है. मार्च 2013 में उसने मेडिकल अवकाश लिया था. जिसके बाद मार्च और अप्रैल 2013 का भुगतान उसे पंचायत समिति भैंसरोडगढ़ से नहीं किया गया.

पढ़ें- कोटा : 25 हजार की रिश्वत मांगी थी, ट्रैप होने के डर से नहीं ली रिश्वत...अब जाना पड़ा जेल, रिटायर्ड रीडर गिरफ्तार

अब्दुल ने बताया कि अवकाशकालीन वेतन जारी करने के लिए बीडीओ रूप सिंह गुर्जर रिश्वत मांग रहा है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा ने इसका सत्यापन करवाया, जिसमें रिश्वत की मांग सामने आ गई. लेकिन परिवादी ने जब आरोपी बीडीओ रूप सिंह गुर्जर को रिश्वत दी तो उसने रिश्वत नहीं ली.

इस मामले में मुकदमा दर्ज हो गया था, लेकिन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर (Directorate of Secondary Education Bikaner) से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली. इसी के चलते रूप सिंह की गिरफ्तारी टली हुई थी. इसके बाद एक अन्य मामले में साल 2020 में जून महीने में रूप सिंह उदयपुर एसीबी के हत्थे चढ़ गया. जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने भी अक्टूबर 2020 में अभियोजन (Prosecution) स्वीकृति जारी कर दी थी. ऐसे में कोटा एसीबी ने कार्रवाई करते हुए रूप सिंह को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को उदयपुर एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा.

वर्तमान में 57 वर्षीय रूप सिंह गुर्जर निलंबित चल रहा है. उसे बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में पद स्थापित किया हुआ है. मूल रूप से रुप सिंह गुर्जर करौली जिले के नादौती तहसील के वाड़ा वाजिदपुर का निवासी है.

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने 8 साल पुराने एक मामले में कार्रवाई करते हुए निलंबित बीडीओ रूप सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी बीडीओ ने 2013 में अपने अधीन काम करने वाले ग्राम विकास अधिकारी (village development officer) से अवकाशकालीन वेतन जारी करने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी.

हालांकि इस मामले में रिश्वत राशि सत्यापन (bribe amount verification) के बाद भी बीडीओ रूप सिंह गुर्जर ने रिश्वत नहीं ली थी. लेकिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 2014 में रिश्वत का मुकदमा दर्ज कर लिया था. इस पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर (Directorate of Secondary Education Bikaner) से अभियोजन (Prosecution) की स्वीकृति नहीं मिली. इसी के चलते रूप सिंह की गिरफ्तारी टल रही थी.

लेकिन 7 साल बाद रूप सिंह गलती कर बैठा. 2020 में उसने चित्तौड़गढ़ में गंगरार पंचायत समिति का विकास अधिकारी रहते हुए 50 हजार रुपए की रिश्वत ली और रंगे हाथों ट्रैप हो गया. उसने यह रिश्वत अपने अधीन काम करने वाले जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट को रिलीव नहीं करने की एवज में ली थी. इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर (Directorate of Secondary Education Bikaner) ने उस पर अभियोजन (Prosecution) चलाने की स्वीकृति भी दे दी.

कोटा एसीबी ने बताई रूप सिंह की करतूत

कोटा एसीबी (Kota ACB) के एएसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार (Thakur Chandrasheel Kumar) ने बताया कि 2013 में चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा निवासी ग्राम सचिव अब्दुल लतीफ ने कोटा एसीबी को एक परिवाद दिया था. अब्दुल ने बताया कि वह भैंसरोडगढ़ पंचायत समिति के रेनखेड़ा गांव में ग्राम सचिव के पद पर कार्यरत है. मार्च 2013 में उसने मेडिकल अवकाश लिया था. जिसके बाद मार्च और अप्रैल 2013 का भुगतान उसे पंचायत समिति भैंसरोडगढ़ से नहीं किया गया.

पढ़ें- कोटा : 25 हजार की रिश्वत मांगी थी, ट्रैप होने के डर से नहीं ली रिश्वत...अब जाना पड़ा जेल, रिटायर्ड रीडर गिरफ्तार

अब्दुल ने बताया कि अवकाशकालीन वेतन जारी करने के लिए बीडीओ रूप सिंह गुर्जर रिश्वत मांग रहा है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा ने इसका सत्यापन करवाया, जिसमें रिश्वत की मांग सामने आ गई. लेकिन परिवादी ने जब आरोपी बीडीओ रूप सिंह गुर्जर को रिश्वत दी तो उसने रिश्वत नहीं ली.

इस मामले में मुकदमा दर्ज हो गया था, लेकिन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर (Directorate of Secondary Education Bikaner) से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली. इसी के चलते रूप सिंह की गिरफ्तारी टली हुई थी. इसके बाद एक अन्य मामले में साल 2020 में जून महीने में रूप सिंह उदयपुर एसीबी के हत्थे चढ़ गया. जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने भी अक्टूबर 2020 में अभियोजन (Prosecution) स्वीकृति जारी कर दी थी. ऐसे में कोटा एसीबी ने कार्रवाई करते हुए रूप सिंह को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को उदयपुर एसीबी कोर्ट में पेश किया जाएगा.

वर्तमान में 57 वर्षीय रूप सिंह गुर्जर निलंबित चल रहा है. उसे बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में पद स्थापित किया हुआ है. मूल रूप से रुप सिंह गुर्जर करौली जिले के नादौती तहसील के वाड़ा वाजिदपुर का निवासी है.

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