कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने कोटा से जयपुर जाकर (Kota ACB Action in Jaipur) रिश्वतखोर ऑफिस सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार किया है. मामला विद्युत विभाग के निरीक्षणालय जयपुर का है, जहां पर ऑफिस सुपरिटेंडेंट तरुण गुर्जर एक फर्म के संचालक से लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए 48 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था. बुधवार को वह 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए कोटा एसीबी की टीम के हत्थे चढ़ गया.
कोटा एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि उन्हें परिवादी ने एक शिकायत 1 सितंबर को दी थी. जिसमें बताया था कि वह बिजली विभाग में ठेकेदार है और उसके लिए लाइसेंस जयपुर से कार्यालय विद्युत निरीक्षणालय नंदपुरी से जारी होता है. जहां पर उसने अपने लाइसेंस रिन्यूअल के लिए जुलाई 2021 में आवेदन किया था, लेकिन यह लाइसेंस की अवधि नहीं बढ़ाई जा रही है. इसके लिए जब वह वहां मौजूद ऑफिस सुपरिटेंडेंट तरुण गुर्जर से मिला, तब 48 हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर दी. जबकि इस लाइसेंस के रिन्यूअल की फीस 4500 रुपये है.
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इस मामले में आरोपी तरुण गुर्जर 10 हजार रुपये की रिश्वत पहले ले चुका है. इस मामले में कई दिन गुजर जाने के बाद भी उसका लाइसेंस जारी नहीं किया जा रहा है. इस शिकायत के बाद गोपनीय सत्यापन 6 सितंबर को एसीबी की टीम ने किया, जिसमें हुई वार्ता के अनुसार आरोपी तरुण गुर्जर ने 30 हजार रुपये की मांग की. वहीं, परिवादी 25 हजार रुपये देने पर राजी हो गया. हालांकि, तरुण गुर्जर से 27 हजार रुपये पर सहमति बनी.
इस सत्यापन के बाद बुधवार को एसीबी की टीम ने सीआई नरेश चौहान के नेतृत्व में ट्रैप का जाल (Trap Of Kota ACB In Jaipur) जयपुर में बिछाया और आरोपी तरुण गुर्जर ने कार्यालय विद्युत निरीक्षणालय जयपुर में अपने कक्ष में ही परिवादी से रिश्वत राशि 20 हजार रुपये ली और टेबल के नीचे रख फाइल के बस्ते में रख दी. जहां से कार्रवाई के दौरान एसीबी टीम ने रिश्वत की राशि बरामद की. इस टीम में सीआई अजीत बागडोलिया, देवेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, नरेंद्र सिंह व मुकेश सैनी शामिल हैं.