कोटा. देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस (JEE Advanced 2022) 3 जुलाई को आयोजित होने वाली है. उसके बाद में उसका रिजल्ट 18 जुलाई को घोषित हो जाएगा. ऐसे में इस बार देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (Indian Institute of Technology) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (National Institute of Technology) में शैक्षणिक सत्र समय से शुरू हो जाएगा. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय कॉविड 19 के बाद में इंजीनियरिंग शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए जुटा हुआ है. निजी कोचिंग इंस्टिट्यूट के काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष जेईई-एडवांस्ड की परीक्षा और परिणाम जुलाई में जारी होगा.
ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (जोसा) (JEE Advanced 2022) काउंसलिंग प्रवेश प्रक्रिया 19 जुलाई से शुरू होगी. यह प्रक्रिया 3 से 4 राउंड में होगी. ऐसे में अगस्त माह तक पूरी काउंसलिंग हो जाएगी. इसके बाद आईआईटी-एनआईटी के पहले सेमेस्टर की पढ़ाई सितम्बर (IIT NIT First Semester Studies) के प्रथम सप्ताह में शुरू होगी. यह बीते सालों के तीन माह देरी से शुरू हुई थी. पढ़ाई सितम्बर माह में शुरू होने से स्टूडेंट्स को बहुत लाभ होगा.
पढ़ाई समय पर शुरू होने से पहले सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए समय मिल जाएगा और बेहतर तैयारी कर सकेंगे. अमित आहूजा के अनुसार बीते साल 2021 में एनआईटी में एडमिशन ले चुके स्टूडेंट जेईई एडवांस 2022 के लिए पात्र होंगे. इसके अलावा बीते साल जोसा काउंसलिंग में भाग लेने वाले स्टूडेंट भी जेईई एडवांस की परीक्षा दे सकते हैं. जिन्होंने सीट आवंटन के बाद प्रवेश के लिए सीट को एक्सेप्ट नहीं किया साथ ही फीस भी जमा नहीं करवाई इसके अलावा आईआईटी में रिपोर्ट भी नहीं किया.
अगस्त से शुरू होता था शैक्षणिक सत्र : आईआईटी और एनआईटी में 2019 तक शैक्षणिक सत्र अगस्त माह में ही शुरू होता था ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि कोविड-19 की स्थिति 2022 में सामान्य रहती है तो 2023 में होने वाली परीक्षाएं आगे नहीं डाली जाएगी और जेईई मेन और एडवांस की परीक्षा समय से होगी. ऐसे में 2023 में शैक्षणिक सत्र अगस्त माह से ही शुरू हो जाएगा. बीते 2 सालों से 2020 और 2021 में परीक्षाएं समय से नहीं हुई. इसके चलते शैक्षणिक सत्र दिसंबर में ही शुरू हो पाया. जिसके चलते विद्यार्थियों को भी ऑनलाइन पहला सेमेस्टर अधिकांश आईआईटी एनआईटी में पढ़ना पड़ा था.