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5 रुपये के सिक्के से लाखों की चोरी...सिक्का गैंग के चार सदस्य गिरफ्तार

कोटा के रावठा रोड स्टेशन के नजदीक जयपुर-सिकंदराबाद ट्रेन (Jaipur-Secunderabad Train) से हाल ही में चोरी हुई थी. इसके आरोपियों को बड़ौदा जीआरपी और वेस्टर्न रेलवे की आरपीएफ ने हरियाणा से गिरफ्तार किया है. मामले में जो खुलासा हुआ है वो हैरान करने वाला है.

jaipur secunderabad train theft case
जयपुर-सिकंदराबाद ट्रेन में चोरी
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Published : Jul 1, 2021, 11:13 AM IST

कोटा. जयपुर-सिकंदराबाद ट्रेन चोरी मामले में एक ऐसे गैंग का खुलासा (Theft Gang) हुआ है, जिसके तरीके जान हर किसी के होश उड़ गए. इस मामले में खुलासा हुआ है कि आरोपी लूट करने के बाद भागने के लिए 5 रुपये के सिक्के (5 Rupee Coin) का उपयोग करते थे. पुलिस ने बताया कि यह लोग ज्यादातर उस जगह पर चोरी करते थे, जहां पर रेलवे क्रॉसिंग हाईवे के नजदीक होता था, ताकि यह तुरंत हाईवे पकड़ कर फरार हो जाएं.

जानकारी के अनुसार हाईवे के समीप जहां रेलवे क्रॉसिंग पर गार्ड या कर्मचारी नहीं होता, ये बदमाश वहां ट्रेन आने से पहले पहुंच जाते थे. रेलवे स्टेशन के पहले ट्रैक पर एक सर्किट होता है, जिसे ट्रैक सर्किट कहते हैं. यह सिग्नलिंग के लिए होता है. इसे इसलिए बनाया जाता है कि जब ट्रेन पटरी से गुजरती है तो ऑटोमैटिकली स्टेशन पर लगा सिग्नल ग्रीन हो जाएगा.

पढ़ें : उदयुपर में युवती के साथ दुष्कर्म, एक आरोपी डिटेन

इससे ट्रेन ड्राइवर (Train Driver) को हरी झंडी मिल जाएगी, लेकिन जब सर्किट में कोई फॉल्ट होगा तो यह सिग्नल रेड हो जाएगा. जिससे ड्राइवर ट्रेन को स्टेशन के पहले रोक देगा. स्टेशन मास्टर काे भी लगेगा कि ट्रैक पर कोई फॉल्ट आ गया है. इसके बाद इसे सुधारने का कार्य किया जाता है. इसमें 15 से 20 मिनट लग जाते हैं. लुटेरे इसी ट्रैक सर्किट में 5 रुपये का सिक्का फंसाते थे, जिससे स्टेशन पर लगा सिग्नल रेड हो जाता था. ट्रेन ड्राइवर स्टेशन के पहले ही ट्रेन को रोक देता था. इसी दौरान बदमाश ट्रेन में सवार होकर वारदात को अंजाम देकर भाग जाते थे. यह काफी समय से लूट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. पहले इसे मौजी गैंग ऐसे रेलवे पुलिस बुलाती थी, लेकिन अब यह सिक्का गैंग हो गई है.

फास्टैग से लुटेरों के पीछे पहुंची पुलिस...

आरपीएससी टेलिजेंस ब्रांच कोटा के इंचार्ज राजीव खरब ने बताया कि बदमाशों ने जून महीने में ही राजस्थान के आबू रोड, गुजरात के भरूच और वापी, मध्यप्रदेश के मक्सी और कोटा के नजदीक इसी तरह से 5 ट्रेनों में लूट को अंजाम दिया था. ऐसे में पुलिस आरोपियों के पीछे थी. घटनास्थल के पास टोल नाकों के सीसीटीवी फुटेज निकाले. इसमें एक हरियाणा नंबर की कार संदिग्ध लगी. इस कार के फास्टैग की जांच की गई, जिसमें कार की लोकेशन जहां पर लूट हुई है, उन इलाकों के आसपास की मिली.

फास्टैग (FASTag) के माध्यम से रेलवे पुलिस ने उस व्यक्ति का मोबाइल नंबर ट्रैक किया, जिस नंबर पर फास्टैग रजिस्टर्ड था. फास्टैग का रजिस्ट्रेशन दीपक नाम के व्यक्ति का मिला. उसका नंबर फतेहाबाद हरियाणा (Fatehabad Haryana) का था. घटना में आरोपी दीपक गाड़ी को चलाता था, जबकि सोनी वाल्मीकि, राहुल वाल्मीकि और छोटू ट्रेनों में चढ़कर वारदात को अंजाम देते थे. इनमें से गैंग का सरगना राहुल रेल कर्मचारी का बेटा है.

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जींद के टोहाना से किया गिरफ्तार...

बड़ौदा की जीआरपी पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार जींद के नजदीक टोहाना से गिरफ्तार कर लिया. इनमें से दो आरोपी चोरी के मामले में जमानत पर बाहर थे. आरोपियों के पास से पुलिस ने करीब आधा किलो सोना, जेवरात और नकद सहित करीब 23 तोला सोना, जेवरात और नकदी सहित करीब 14 लाख रुपये का माल बरामद किया है.

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की दक्षिण की ओर जाने वाली लंबी दूरी ट्रेनों में लूट करते थे. आरोपियों ने अब तक माउंटआबू, भरूच, वापी, औरंगाबाद, मक्सी और कोटा में वारदातें कबूल की हैं. कोटा की जीआरपी उपाधीक्षक कल्पना सोलंकी ने बताया कि जयपुर सिकंदराबाद ट्रेन में लूट के आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी है. पूछताछ के बाद आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लाया जाएगा.

कोटा. जयपुर-सिकंदराबाद ट्रेन चोरी मामले में एक ऐसे गैंग का खुलासा (Theft Gang) हुआ है, जिसके तरीके जान हर किसी के होश उड़ गए. इस मामले में खुलासा हुआ है कि आरोपी लूट करने के बाद भागने के लिए 5 रुपये के सिक्के (5 Rupee Coin) का उपयोग करते थे. पुलिस ने बताया कि यह लोग ज्यादातर उस जगह पर चोरी करते थे, जहां पर रेलवे क्रॉसिंग हाईवे के नजदीक होता था, ताकि यह तुरंत हाईवे पकड़ कर फरार हो जाएं.

जानकारी के अनुसार हाईवे के समीप जहां रेलवे क्रॉसिंग पर गार्ड या कर्मचारी नहीं होता, ये बदमाश वहां ट्रेन आने से पहले पहुंच जाते थे. रेलवे स्टेशन के पहले ट्रैक पर एक सर्किट होता है, जिसे ट्रैक सर्किट कहते हैं. यह सिग्नलिंग के लिए होता है. इसे इसलिए बनाया जाता है कि जब ट्रेन पटरी से गुजरती है तो ऑटोमैटिकली स्टेशन पर लगा सिग्नल ग्रीन हो जाएगा.

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इससे ट्रेन ड्राइवर (Train Driver) को हरी झंडी मिल जाएगी, लेकिन जब सर्किट में कोई फॉल्ट होगा तो यह सिग्नल रेड हो जाएगा. जिससे ड्राइवर ट्रेन को स्टेशन के पहले रोक देगा. स्टेशन मास्टर काे भी लगेगा कि ट्रैक पर कोई फॉल्ट आ गया है. इसके बाद इसे सुधारने का कार्य किया जाता है. इसमें 15 से 20 मिनट लग जाते हैं. लुटेरे इसी ट्रैक सर्किट में 5 रुपये का सिक्का फंसाते थे, जिससे स्टेशन पर लगा सिग्नल रेड हो जाता था. ट्रेन ड्राइवर स्टेशन के पहले ही ट्रेन को रोक देता था. इसी दौरान बदमाश ट्रेन में सवार होकर वारदात को अंजाम देकर भाग जाते थे. यह काफी समय से लूट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. पहले इसे मौजी गैंग ऐसे रेलवे पुलिस बुलाती थी, लेकिन अब यह सिक्का गैंग हो गई है.

फास्टैग से लुटेरों के पीछे पहुंची पुलिस...

आरपीएससी टेलिजेंस ब्रांच कोटा के इंचार्ज राजीव खरब ने बताया कि बदमाशों ने जून महीने में ही राजस्थान के आबू रोड, गुजरात के भरूच और वापी, मध्यप्रदेश के मक्सी और कोटा के नजदीक इसी तरह से 5 ट्रेनों में लूट को अंजाम दिया था. ऐसे में पुलिस आरोपियों के पीछे थी. घटनास्थल के पास टोल नाकों के सीसीटीवी फुटेज निकाले. इसमें एक हरियाणा नंबर की कार संदिग्ध लगी. इस कार के फास्टैग की जांच की गई, जिसमें कार की लोकेशन जहां पर लूट हुई है, उन इलाकों के आसपास की मिली.

फास्टैग (FASTag) के माध्यम से रेलवे पुलिस ने उस व्यक्ति का मोबाइल नंबर ट्रैक किया, जिस नंबर पर फास्टैग रजिस्टर्ड था. फास्टैग का रजिस्ट्रेशन दीपक नाम के व्यक्ति का मिला. उसका नंबर फतेहाबाद हरियाणा (Fatehabad Haryana) का था. घटना में आरोपी दीपक गाड़ी को चलाता था, जबकि सोनी वाल्मीकि, राहुल वाल्मीकि और छोटू ट्रेनों में चढ़कर वारदात को अंजाम देते थे. इनमें से गैंग का सरगना राहुल रेल कर्मचारी का बेटा है.

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जींद के टोहाना से किया गिरफ्तार...

बड़ौदा की जीआरपी पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार जींद के नजदीक टोहाना से गिरफ्तार कर लिया. इनमें से दो आरोपी चोरी के मामले में जमानत पर बाहर थे. आरोपियों के पास से पुलिस ने करीब आधा किलो सोना, जेवरात और नकद सहित करीब 23 तोला सोना, जेवरात और नकदी सहित करीब 14 लाख रुपये का माल बरामद किया है.

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की दक्षिण की ओर जाने वाली लंबी दूरी ट्रेनों में लूट करते थे. आरोपियों ने अब तक माउंटआबू, भरूच, वापी, औरंगाबाद, मक्सी और कोटा में वारदातें कबूल की हैं. कोटा की जीआरपी उपाधीक्षक कल्पना सोलंकी ने बताया कि जयपुर सिकंदराबाद ट्रेन में लूट के आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी है. पूछताछ के बाद आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर लाया जाएगा.

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