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अखिलेश यादव पाकिस्तान परस्त और राकेश टिकैत हैं दिग्विजय की तरह राजनीतिक चुटकुला : इंद्रेश कुमार

कोटा दौरे पर आए आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने विवादित बयान देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. उन्होंने किसान आंदोलन पर बोलने के साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी गंभीर आरोप लगा दिए.

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Published : Nov 8, 2021, 9:06 PM IST

Updated : Nov 8, 2021, 9:44 PM IST

कोटा दौरे पर इंद्रेश कुमार , आरएसएस अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य
इंद्रेश कुमार के विवादित बोल

कोटा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार सोमवार को कोटा दौरे पर रहे. उन्होंने यहां मीडिया से बातचीत के दौरान यहां पर किसान आंदोलन से लेकर महंगाई और जनसंख्या नियंत्रण कानून तक पर खुलकर विचार रखे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर भी उन्होंने पाकिस्तान परस्त होने का गंभीर आरोप जड़ दिया.

उन्होंने कहा कि देश की जनता को अखिलेश यादव को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए राकेश टिकैत को एक राजनीतिक चुटकुला बता डाला. यह भी कहा कि वह दिग्विजय सिंह की तरह ही हैं.

इंद्रेश कुमार के विवादित बोल

पढ़ें. Roadmap of Rajasthan BJP: संगठनात्मक कार्यक्रमों का रोडमैप तैयार.. 22 नवंबर से पहले होगी प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक

कराची और लाहौर के बिना भी भारत अधूरा

जम्मू कश्मीर में हिंदुओं पर हमले पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सब रुकना चाहिए. यह एक साजिश है जिसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीयों को आवाज उठानी चाहिए. सिलेक्टिव किलिंग असंवैधानिक, अत्याचार, अन्याय व अपराध है. पाकिस्तान यह कहता है कि कश्मीर के बिना पाकिस्तान अधूरा है, तो भारत के लोगों को भी यह कहने से कोई गुरेज नहीं है कि कराची और लाहौर के बिना भारत भी अधूरा है.

भारत की लीडरशिप को विश्व में पहला स्थान मिल रहा है. साथ ही लोगों के बीच यह बात है कि कैलाश मानसरोवर चीन के कब्जे में क्यों रहना चाहिए, वह हमारा है. चीन के कब्जे से हमें लेना चाहिए, यह भी आवाज आने लगी है.

कट्टरपंथी ताकतों का उन्हीं के दलों में हो रहा विरोध

मीडिया ने इंद्रेश कुमार से पूछा कि वह मुस्लिम समाज को भी जोड़ने का काम कर रहे हैं, लेकिन कितना यह सफल हो पाया है. इस पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि राजनीतिक दल और विशेष रूप से विपक्षी जातिवाद और मजहब के नाम पर लोगों को भड़का कर राजनीति करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कट्टरपंथी नेताओं के सामने अब उन्हीं की पार्टी और मजहब के सामने विरोध होने लगा है. यह 10 से 15 साल पहले नहीं दिखता था. एक बड़ा आंदोलन तो यह नहीं बन पाया है, लेकिन इसका असर नजर आने लगा है. उन्होंने बताते हुए कहा कि इस बार देश भर की कई मजारों पर दीपक जलाकर दिवाली मनाई गई है.

पढ़ें. CM गहलोत ने दी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राज्यांश प्रीमियम मद में 500 करोड़ के अतिरिक्त प्रावधान के प्रस्ताव को मंजूरी

अखिलेश को बताया पाकिस्तान का हिमायती

अखिलेश यादव के हाल ही में जिन्ना पर दिए गए बयान पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि सारे देश ने जाति दल से ऊपर उठकर प्रतिक्रिया दी है. साथ ही अखिलेश यादव अंदर से ही नहीं खुले में भी पाकिस्तान के हिमायती हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश के व्यवहार को मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए. जिन्ना भारत के विभाजन के कारण बने हैं, जिसके जवाहरलाल नेहरू भी जिम्मेदार हैं. अखिलेश भारत विरोधी और प्रो पाकिस्तानी हो गए हैं.

एक पीएम 85 फीसदी भ्रष्टाचार की बात करते थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि हमने ऐसा प्रधानमंत्री देखा है जो अब दो हजार रुपए भेजते थे, तो पूरे दो हजार जा रहे हैं. यहां तक कि बैंक ट्रांजैक्शन का भी कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है. जबकि कुछ सालों पहले एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम 100 रुपए भेजते हैं तो 15 रुपये ही नीचे तक पहुंचते हैं. इसमें 85 फीसदी भ्रष्टाचार की बात उन्होंने स्वीकारी थी. साथ ही कहा कि बीते 7 सालों में कोई बड़े दंगे नहीं हुए हैं. दूसरे दलों की कोशिश के चलते ही कुछ दंगे हुए हैं. कई जगह पर मजहबी उन्माद फैलाया गया, फिर भी दंगे नहीं हुए.

पढ़ें. मोदी सरकार के मंत्री कैलाश चौधरी ने जमकर किया डांस, वीडियो वायरल

किसान आंदोलन में एंटीसोशल और एंटीनेशनल

इंद्रेश कुमार ने किसान आंदोलन पर कहा कि यह महिला उत्पीड़न, नौजवानों की हत्या और जनता की परेशानी उसमें घुस गई है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन एंटीसोशल और एंटीनेशनल भी हो गया है. किसान नेताओं को राजनीतिक दल के एजेंडे के हस्तक नहीं बनना चाहिए. सरकार उनकी बात मानने के लिए तैयार थी. पहले समाधान भी हो गया था, लेकिन अचानक से ही उन्होंने तीनों कानून वापस लेने की मांग शुरू कर दी. जब सरकार ने नया प्रारूप मांगा तो वह भी नहीं दे रहे हैं. अब इन लोगों के साथ कोई खड़ा भी नहीं होता है. देश इनके साथ नहीं है. उन्होंने चार बार भारत बंद का आयोजन किया, लेकिन लोग साथ नहीं खड़े हुए हैं.

पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों का किया समर्थन

बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीजल के दामों पर भी उन्होंने कहा कि विपक्षी दल और जिन देशों के पास इसका कंट्रोल है, वह भारत को प्रगतिशील देश बनता हुआ नहीं देखना चाहते हैं. यह लोग हमें प्याज, टमाटर और शुगर की बढ़ती कीमतों पर राजनीतिक कर उलझाना जाना चाहते हैं. भारत भी इसे सस्ता करने के लिए ही संघर्ष करता रहता है, लेकिन ऐसी खतरनाक सियासत से विपक्षी दलों को भी दूर रहना चाहिए.

पढ़ें. पेट्रोल-डीजल पर सर्वाधिक वैट वसूलने वाली गहलोत सरकार जनता को राहत नहीं दे रही...ये हठधर्मी सरकार है: वसुंधरा राजे

जब इंद्रेश कुमार से कहा गया कि केंद्र के पेट्रोल डीजल से वैट कम करने के बाद भाजपा ने राजस्थान में इसे कम करने की मांग की है, तब उन्होंने जवाब दिया कि मेरा कहना है कि इसे पॉलिटिकल इश्यू बनाने की जगह इस पर विचार करना होगा. सभी राजनीतिक पार्टियों को महंगाई के मुद्दे पर एक साथ आकर खड़ा होना होगा.

लोग समझते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण क्यों जरूरी

जनसंख्या नियंत्रण कानून के सवाल पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह किसी मजहब का प्रश्न नहीं है. मजहब से उठकर देश को स्थान देना होगा. जनसंख्या बढ़ी हुई है, इससे बेरोजगारी रहती है और रिसोर्सेज काफी कम हैं. हमारे प्रधानमंत्री ने अपील भी की थी कि छोटा परिवार रख कर भी देश सेवा की जा सकती है. उसी तरह से मुस्लिम समुदाय के लोग भी अब समझने लगे हैं कि छोटा परिवार रहेगा तो अशिक्षा भी दूर होगी. प्रगति भी अच्छी रहेगी.

कोटा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार सोमवार को कोटा दौरे पर रहे. उन्होंने यहां मीडिया से बातचीत के दौरान यहां पर किसान आंदोलन से लेकर महंगाई और जनसंख्या नियंत्रण कानून तक पर खुलकर विचार रखे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर भी उन्होंने पाकिस्तान परस्त होने का गंभीर आरोप जड़ दिया.

उन्होंने कहा कि देश की जनता को अखिलेश यादव को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए राकेश टिकैत को एक राजनीतिक चुटकुला बता डाला. यह भी कहा कि वह दिग्विजय सिंह की तरह ही हैं.

इंद्रेश कुमार के विवादित बोल

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कराची और लाहौर के बिना भी भारत अधूरा

जम्मू कश्मीर में हिंदुओं पर हमले पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सब रुकना चाहिए. यह एक साजिश है जिसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीयों को आवाज उठानी चाहिए. सिलेक्टिव किलिंग असंवैधानिक, अत्याचार, अन्याय व अपराध है. पाकिस्तान यह कहता है कि कश्मीर के बिना पाकिस्तान अधूरा है, तो भारत के लोगों को भी यह कहने से कोई गुरेज नहीं है कि कराची और लाहौर के बिना भारत भी अधूरा है.

भारत की लीडरशिप को विश्व में पहला स्थान मिल रहा है. साथ ही लोगों के बीच यह बात है कि कैलाश मानसरोवर चीन के कब्जे में क्यों रहना चाहिए, वह हमारा है. चीन के कब्जे से हमें लेना चाहिए, यह भी आवाज आने लगी है.

कट्टरपंथी ताकतों का उन्हीं के दलों में हो रहा विरोध

मीडिया ने इंद्रेश कुमार से पूछा कि वह मुस्लिम समाज को भी जोड़ने का काम कर रहे हैं, लेकिन कितना यह सफल हो पाया है. इस पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि राजनीतिक दल और विशेष रूप से विपक्षी जातिवाद और मजहब के नाम पर लोगों को भड़का कर राजनीति करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कट्टरपंथी नेताओं के सामने अब उन्हीं की पार्टी और मजहब के सामने विरोध होने लगा है. यह 10 से 15 साल पहले नहीं दिखता था. एक बड़ा आंदोलन तो यह नहीं बन पाया है, लेकिन इसका असर नजर आने लगा है. उन्होंने बताते हुए कहा कि इस बार देश भर की कई मजारों पर दीपक जलाकर दिवाली मनाई गई है.

पढ़ें. CM गहलोत ने दी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राज्यांश प्रीमियम मद में 500 करोड़ के अतिरिक्त प्रावधान के प्रस्ताव को मंजूरी

अखिलेश को बताया पाकिस्तान का हिमायती

अखिलेश यादव के हाल ही में जिन्ना पर दिए गए बयान पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि सारे देश ने जाति दल से ऊपर उठकर प्रतिक्रिया दी है. साथ ही अखिलेश यादव अंदर से ही नहीं खुले में भी पाकिस्तान के हिमायती हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश के व्यवहार को मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए. जिन्ना भारत के विभाजन के कारण बने हैं, जिसके जवाहरलाल नेहरू भी जिम्मेदार हैं. अखिलेश भारत विरोधी और प्रो पाकिस्तानी हो गए हैं.

एक पीएम 85 फीसदी भ्रष्टाचार की बात करते थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि हमने ऐसा प्रधानमंत्री देखा है जो अब दो हजार रुपए भेजते थे, तो पूरे दो हजार जा रहे हैं. यहां तक कि बैंक ट्रांजैक्शन का भी कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है. जबकि कुछ सालों पहले एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम 100 रुपए भेजते हैं तो 15 रुपये ही नीचे तक पहुंचते हैं. इसमें 85 फीसदी भ्रष्टाचार की बात उन्होंने स्वीकारी थी. साथ ही कहा कि बीते 7 सालों में कोई बड़े दंगे नहीं हुए हैं. दूसरे दलों की कोशिश के चलते ही कुछ दंगे हुए हैं. कई जगह पर मजहबी उन्माद फैलाया गया, फिर भी दंगे नहीं हुए.

पढ़ें. मोदी सरकार के मंत्री कैलाश चौधरी ने जमकर किया डांस, वीडियो वायरल

किसान आंदोलन में एंटीसोशल और एंटीनेशनल

इंद्रेश कुमार ने किसान आंदोलन पर कहा कि यह महिला उत्पीड़न, नौजवानों की हत्या और जनता की परेशानी उसमें घुस गई है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन एंटीसोशल और एंटीनेशनल भी हो गया है. किसान नेताओं को राजनीतिक दल के एजेंडे के हस्तक नहीं बनना चाहिए. सरकार उनकी बात मानने के लिए तैयार थी. पहले समाधान भी हो गया था, लेकिन अचानक से ही उन्होंने तीनों कानून वापस लेने की मांग शुरू कर दी. जब सरकार ने नया प्रारूप मांगा तो वह भी नहीं दे रहे हैं. अब इन लोगों के साथ कोई खड़ा भी नहीं होता है. देश इनके साथ नहीं है. उन्होंने चार बार भारत बंद का आयोजन किया, लेकिन लोग साथ नहीं खड़े हुए हैं.

पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों का किया समर्थन

बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीजल के दामों पर भी उन्होंने कहा कि विपक्षी दल और जिन देशों के पास इसका कंट्रोल है, वह भारत को प्रगतिशील देश बनता हुआ नहीं देखना चाहते हैं. यह लोग हमें प्याज, टमाटर और शुगर की बढ़ती कीमतों पर राजनीतिक कर उलझाना जाना चाहते हैं. भारत भी इसे सस्ता करने के लिए ही संघर्ष करता रहता है, लेकिन ऐसी खतरनाक सियासत से विपक्षी दलों को भी दूर रहना चाहिए.

पढ़ें. पेट्रोल-डीजल पर सर्वाधिक वैट वसूलने वाली गहलोत सरकार जनता को राहत नहीं दे रही...ये हठधर्मी सरकार है: वसुंधरा राजे

जब इंद्रेश कुमार से कहा गया कि केंद्र के पेट्रोल डीजल से वैट कम करने के बाद भाजपा ने राजस्थान में इसे कम करने की मांग की है, तब उन्होंने जवाब दिया कि मेरा कहना है कि इसे पॉलिटिकल इश्यू बनाने की जगह इस पर विचार करना होगा. सभी राजनीतिक पार्टियों को महंगाई के मुद्दे पर एक साथ आकर खड़ा होना होगा.

लोग समझते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण क्यों जरूरी

जनसंख्या नियंत्रण कानून के सवाल पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह किसी मजहब का प्रश्न नहीं है. मजहब से उठकर देश को स्थान देना होगा. जनसंख्या बढ़ी हुई है, इससे बेरोजगारी रहती है और रिसोर्सेज काफी कम हैं. हमारे प्रधानमंत्री ने अपील भी की थी कि छोटा परिवार रख कर भी देश सेवा की जा सकती है. उसी तरह से मुस्लिम समुदाय के लोग भी अब समझने लगे हैं कि छोटा परिवार रहेगा तो अशिक्षा भी दूर होगी. प्रगति भी अच्छी रहेगी.

Last Updated : Nov 8, 2021, 9:44 PM IST
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