कोटा. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत भैंस का दूध, मिथ्याछाप बेसन एवं मिलावटी दही की सप्लाई करने के मामलों में अतिरिक्त कलेक्टर ने चार फर्मों के खिलाफ 82 हजार रुपये की पेनल्टी लगाई है. अतिरिक्त कलेक्टर शहर आरडी मीणा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह ने कन्सुआ स्थित मैसर्स मार्निंग बेल मिल्क के विरुद्ध खाद्य पदार्थो के प्रतिष्ठानों की जांच के दौरान अवमानक होना पाया गया है.
उन्होंने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट में भी सैम्पल अवमानक होना पाया गया है, जिसके बाद सुनवाई विक्रेता को न्यायालय द्वारा अवमानक भैंस का दूध विक्रय करने का दोषी पाये जाने पर 11 हजार रुपये की शास्ति लगाई है. इसी प्रकार खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरुण सक्सेना ने श्रीनाथपुरम स्थित मैसर्स पार्थ कैश काउन्टर के विरुद्ध खाद्य पदार्थों के प्रतिष्ठानों की जांच की. जिसमें 500 ग्राम मूल पौली पैक के 4 पैक का सैम्पल लिए. जांच के दौरान मिथ्याछाप होना पाया गया है.
उन्होंने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट में भी सैम्पल मिथ्याछाप होना पाया गया है. जिसके बाद सुनवाई विक्रेता को न्यायालय द्वारा मिथ्याछाप 500 ग्राम मूल पौली पैक सप्लाई करने का दोषी पाए जाने पर 15 हजार रुपये की शास्ति लगाई गई है.
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साथ ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी चन्द्रवीर सिंह जादौन ने विज्ञान नगर, मैसर्स ओजस रेजिडेन्सी राजीव गांधी नगर के विरुद्ध खाद्य पदार्थों के प्रतिष्ठानों की जांच के दौरान अवमानक होना पाया गया है. उन्होंने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट में भी सैम्पल अवमानक होना पाया गया है, जिसके बाद सुनवाई विक्रेता को न्यायालय द्वारा अवमानक दही का सप्लाई करने का दोषी पाए जाने पर 11 हजार रुपये की शास्ति लगाई है.
इसी प्रकार खाद्य सुरक्षा अधिकारी अरुण सक्सेना द्वारा केशवपुरा सेक्टर-7, मैसर्स न्यू गोकुल दूध डेयरी के विरुद्ध खाद्य पदार्थों के प्रतिष्ठानों की जांच की गई. जिसमें दही का सैम्पल लेकर जांच की गई. जांच के दौरान अवमानक होना पाया गया है. उन्होंने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट में भी सैम्पल अवमानक होना पाया गया है, जिसके बाद सुनवाई विक्रेता को न्यायालय द्वारा अवमानक दही का सप्लाई करने का दोषी पाये जाने पर 45 हजार रुपये शास्ति लगाई गई है.