कोटा. कोटा ग्रामीण पुलिस के चेचट थाने के हेड कांस्टेबल अजीत यादव को एसीबी ने सोमवार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इस मामले में एसीबी ने एसएचओ श्यामाराम विश्नोई की भूमिका को भी संदिग्ध मानते हुए आरोपी बना दिया है. एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झालावाड़ भवानी शंकर मीणा का कहना है कि अजीत यादव ने जब रिश्वत ली थी. उसके बाद हमने एसएचओ से उसकी बात कराई थी, जिसमें उसके इस मामले में संलग्न होने की बात सामने आ गई थी.
ऐसे में उन्हीं सबूतों के आधार पर एचएचओ श्यामाराम विश्नोई को भी इस मामले में आरोपी बनाया है. उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हमारे पास हैं. ऐसे में अब एसीबी एसएचओ श्यामा राम विश्नोई को भी गिरफ्तार कर सकती है. एसपी ने हेड कांस्टेबल को किया निलंबित प्रदेश की हाल ही में जारी की गई रैंकिंग में चेचट थाना नंबर वन आया था. वहां का ही एसएचओ रिश्वत के मामले में घिर गया है, वहीं एक हेड कांस्टेबल रंगे हाथों गिरफ्तार भी हुआ है.
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इस रिश्वतखोरी के पूरे प्रकरण से कोटा ग्रामीण पुलिस की बदनामी भी हुई है. दूसरी तरफ इस मामले में कोटा ग्रामीण एसपी राजन दुष्यंत ने कार्रवाई करते हुए रिश्वतखोर हेड कांस्टेबल अजीत यादव को निलंबित कर दिया है. वहीं इस मामले में एसएचओ की भूमिका संदिग्ध सामने आने पर उन्हें भी लाइन हाजिर कर दिया है. उनकी जगह पर सब इंस्पेक्टर देवीलाल को चेचट थाने में लगाया गया है.
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रिश्वतखोर हेड कांस्टेबल को भेजा जेल...
मंदिर निर्माण के लिए ले जा रही बजरी की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुए हेड कांस्टेबल अजीत यादव को झालावाड़ एसीबी ने कोटा एसीबी न्यायालय में पेश किया. जहां से 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. उसको 7 मार्च तक न्यायिक अभिरक्षा में रखा जाएगा. इस मामले में कांस्टेबल अजीत यादव ने एसीबी के गिरफ्तार करते ही कहा था कि उसने एसएचओ के लिए रिश्वत ली है, जिसमें उसने यह बात भी कही थी कि अगर परिवादी बृजमोहन से पैसे नहीं ले पाओगे तो तुम्हें अपनी जेब से यह राशि देनी होगी.