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कोटाः हाड़ौती संभाग में इंद्रदेव की बेरुखी से किसानों की टूटी कमर, सरसों और लहसुन की बुवाई का आधा समय निकला

हाड़ौती में लहसुन और सरसों की बुवाई 15 सितंबर से शुरू हो जाती है जो कि 15 अक्टूबर तक चलती है, लेकिन अभी भी कुछ प्रतिशत ही बुवाई हो पाई है. जबकि सरसों और लहसुन की बुवाई का आधा समय निकल गया है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि थोड़े-थोड़े अंतराल में लगातार बारिश हुई है. जिसका असर बुवाई पर पड़ रहा है.

कोटा न्यूज , Kota News
हाड़ौती संभाग
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Published : Oct 1, 2021, 12:57 PM IST

Updated : Oct 2, 2021, 12:49 PM IST

कोटा. हाड़ौती संभाग में देर से शुरू हुई बारिश की त्रासदी झेलने के बाद अब लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण बहुत कम बुवाई हो पाई है. हाड़ौती में लहसुन और सरसों की बुवाई 15 सितंबर से शुरू हो जाती है जो कि 15 अक्टूबर तक चलती है, लेकिन कुछ प्रतिशत ही बुवाई हो पाई है. जबकि सरसों और लहसुन की बुवाई का आधा समय निकल गया है.

हाड़ौती संभाग में इंद्रदेव की बेरुखी से किसानों की टूटी कमर

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सितंबर महीने तक भी थोड़े-थोड़े अंतराल में लगातार बारिश होने का असर बुवाई पर पड़ रहा है. इस बार हाड़ौती संभाग के चारों जिलों कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में कुल 1184000 हेक्टेयर में रबी सीजन की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें-प्रशासन गांवों के संग अभियान से पहले नौकरशाही में बड़ा बदलाव...37 आरएएस के तबादले

गेहूं का रकबा रहेगा सबसे ज्यादा

पिछले साल जहां पर 556591 हेक्टेयर में रबी के सीजन में गेहूं की बुवाई हुई थी. इस बार भी इसके करीब ही 552000 हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई होने की उम्मीद है. इसी तरह से लहसुन की बात की जाए तो पिछले साल जहां पर 94935 हेक्टेयर में बुवाई हुई थी, इस बार 85000 हेक्टेयर का लक्ष्य तो लहसुन की बुवाई के लिए रखा गया है. वहीं धनिए की बात की जाए तो पिछले साल जहां पर 50604 हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. इस बार यह लक्षण 47500 हेक्टेयर है। हाड़ौती में सर्वाधिक गेहूं की बुवाई इस बार होगी.

सरसों का होगा कम, चने का बढे़गा रकबा

बुवाई के लिए जमीन तैयार नहीं होने के चलते अब सरसों की बुवाई का समय निकलता जा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस बार सरसों का रकबा जो अनुमानित 2 लाख 60 हजार हेक्टेयर माना जा रहा है उसमें कमी होगी. हालांकि इस बार जो लक्ष्य माना जा रहा है वह पिछले साल हुई बुवाई 194886 हैक्टेयर से करीब 65000 ज्यादा है. अधिकारियों का कहना है कि सरसों का काफी एरिया चने की तरफ डायवर्ट होगा. इस बार चने का लक्ष्य 165000 हेक्टेयर माना जा रहा है. जिसमें बढ़ोतरी हो सकती है. जबकि पिछले साल जहां पर 212398 हेक्टेयर में यह बुवाई हुई थी.

फसल बुवाई का लक्ष्यपिछले साल का रकबा (हेक्टेयर में)
गेहूं 552000 556594
सरसों260000 194886
चना 165000 212398
लहसून 85000 94935
धनियां45500 50604

कोटा. हाड़ौती संभाग में देर से शुरू हुई बारिश की त्रासदी झेलने के बाद अब लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण बहुत कम बुवाई हो पाई है. हाड़ौती में लहसुन और सरसों की बुवाई 15 सितंबर से शुरू हो जाती है जो कि 15 अक्टूबर तक चलती है, लेकिन कुछ प्रतिशत ही बुवाई हो पाई है. जबकि सरसों और लहसुन की बुवाई का आधा समय निकल गया है.

हाड़ौती संभाग में इंद्रदेव की बेरुखी से किसानों की टूटी कमर

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सितंबर महीने तक भी थोड़े-थोड़े अंतराल में लगातार बारिश होने का असर बुवाई पर पड़ रहा है. इस बार हाड़ौती संभाग के चारों जिलों कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में कुल 1184000 हेक्टेयर में रबी सीजन की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें-प्रशासन गांवों के संग अभियान से पहले नौकरशाही में बड़ा बदलाव...37 आरएएस के तबादले

गेहूं का रकबा रहेगा सबसे ज्यादा

पिछले साल जहां पर 556591 हेक्टेयर में रबी के सीजन में गेहूं की बुवाई हुई थी. इस बार भी इसके करीब ही 552000 हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई होने की उम्मीद है. इसी तरह से लहसुन की बात की जाए तो पिछले साल जहां पर 94935 हेक्टेयर में बुवाई हुई थी, इस बार 85000 हेक्टेयर का लक्ष्य तो लहसुन की बुवाई के लिए रखा गया है. वहीं धनिए की बात की जाए तो पिछले साल जहां पर 50604 हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. इस बार यह लक्षण 47500 हेक्टेयर है। हाड़ौती में सर्वाधिक गेहूं की बुवाई इस बार होगी.

सरसों का होगा कम, चने का बढे़गा रकबा

बुवाई के लिए जमीन तैयार नहीं होने के चलते अब सरसों की बुवाई का समय निकलता जा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस बार सरसों का रकबा जो अनुमानित 2 लाख 60 हजार हेक्टेयर माना जा रहा है उसमें कमी होगी. हालांकि इस बार जो लक्ष्य माना जा रहा है वह पिछले साल हुई बुवाई 194886 हैक्टेयर से करीब 65000 ज्यादा है. अधिकारियों का कहना है कि सरसों का काफी एरिया चने की तरफ डायवर्ट होगा. इस बार चने का लक्ष्य 165000 हेक्टेयर माना जा रहा है. जिसमें बढ़ोतरी हो सकती है. जबकि पिछले साल जहां पर 212398 हेक्टेयर में यह बुवाई हुई थी.

फसल बुवाई का लक्ष्यपिछले साल का रकबा (हेक्टेयर में)
गेहूं 552000 556594
सरसों260000 194886
चना 165000 212398
लहसून 85000 94935
धनियां45500 50604
Last Updated : Oct 2, 2021, 12:49 PM IST
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