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Special : 3 साल से खतरे में कोटा हैंगिंग ब्रिज की सुरक्षा, हादसों को निमंत्रण देते धड़ल्ले से गुजरते ओवरलोड वाहन

हैंगिंग ब्रिज से होकर ओवरलोड वाहनों के गुजरने पर पूरी तरह से रोक है. लेकिन इन वाहनों का वजन लेने के लिए अस्थाई टोल प्लाजा पर किसी तरह की कोई सुविधा नहीं है. इसके चलते धड़ल्ले से गुजर रहे ओवरलोड वाहन हादसों को न्योता दे रहे हैं.

चंबल नदी पर बन रहा हैंगिंग ब्रिज, कोटा बाईपास के पास चंबल नदी, कोटा में बन रहा हैंगिंग ब्रिज, कोटा में टोल प्लाजा का निर्माण, कोटा न्यूज, kota news, Construction of toll plaza in Kota, Chambal River near Kota bypass, Hanging bridge on Chambal river,  East West Corridor
तीन साल से खतरे में हैंगिंग ब्रिज
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Published : Dec 5, 2020, 11:19 AM IST

कोटा. ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के तहत कोटा बाईपास के समीप चंबल नदी पर बने हैंगिंग ब्रिज को शुरू हुए तीन साल हो गए. लेकिन अभी भी सुरक्षा मानकों के लिए बनने वाले टोल प्लाजा का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में 231 करोड़ रुपए की लागत से बिना पिलर के बने इस हैंगिंग ब्रिज पर खतरा मंडरा रहा है.

तीन साल से खतरे में हैंगिंग ब्रिज

बता दें कि हैंगिंग ब्रिज के दोनों छोर पर अस्थाई टोल प्लाजा ही बनाए हुए हैं. ये अस्थाई टोल प्लाजा राम भरोसे चल रहा है. हालांकि जब तक स्थाई टोल प्लाजा नहीं बन जाता, तब तक ब्रिज पर खतरा बना रहेगा.

टोल प्लाजा पर होगी सेंसर और मूवमेंट की निगरानी

हैंगिंग ब्रिज पर हवा का दबाव और ब्रिज की मूवमेंट के साथ-साथ उसके एलाइनमेंट की जांच को लेकर भी कई सेंसर लगे हुए हैं, जिनकी मॉनिटरिंग लगातार 24 घंटे जारी रहती है. इन एलाइनमेंट या सेंसर के जरिए ब्रिज पर निगरानी रखी जाती है. इन सबके लिए भी पूरा एक कंट्रोल रूम बनकर तैयार होना है, जो भी टोल प्लाजा पर ही स्थापित होगा, लेकिन टोल तैयार नहीं होने से कंट्रोल रूम भी नहीं बन पा रहा है.

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हैंगिंग ब्रिज से जुड़े फैक्ट्स

यह भी पढ़ें: स्पेशल: बिना केमिकल का उपयोग किए गन्ने के रस से बनाया जा रहा गुड़, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में होता है कारगर

टोल प्लाजा से ही होनी है सीसीटीवी कैमरा की मॉनिटरिंग

हैंगिंग ब्रिज के सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनका पूरा मॉनिटरिंग सिस्टम भी टोल प्लाजा पर ही स्थापित होगा. ताकि कोई भी व्यक्ति या वाहन ब्रिज पर किसी तरह की कोई गड़बड़ न कर सके. साथ ही वाहनों के अनावश्यक रुकने पर तुरंत उन्हें आगे रवाना करने के लिए टोल प्लाजा से ही टीम जाए. ऐसे में पूरा सिस्टम अभी काम नहीं कर पा रहा है. क्योंकि टोल प्लाजा पर किसी भी तरह की कोई सीसीटीवी की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है.

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कंसल्टेंट की नियुक्ति से काम नहीं हो रहा शुरू

यह भी पढ़ें: स्पेशल: कृषि मंडियां गुलजार, लेकिन अब भी अधूरे हैं धरती पुत्रों के अरमान

हैंगिंग ब्रिज से हर घंटे करीब 100 से ज्यादा वाहन गुजरते हैं, शाम के समय यह संख्या बढ़ जाती है. इसके चलते ब्रिज से अभी दो लेन का ही टोल प्लाजा चलाया जा रहा है. जहां पर बड़ा भारी वाहन आने पर टोल वसूली करने में समय लग जाता है. इसके चलते लंबा जाम शाम के समय देखने को मिलता है. कई बार यह लाइन 500 मीटर से भी ज्यादा लंबी चली जाती है. ऐसा टोल के दोनों छोर नयागांव और नांता में होता है. ऐसे में यहां से गुजरने वाले वाहनों को टोल चुका कर जाने में ही 15 से 20 मिनट का समय चला जाता है. जबकि अधिकांश वाहनों में ही फास्टैग लगे होते हैं.

एनएचएआई के अधिकारियों की बात माने तो पहले इस टोल प्लाजा के निर्माण पर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और चंबल घड़ियाल अभ्यारण के चलते वन विभाग ने आपत्ति लगाई हुई थी. ऐसे में परमिशन के लिए काफी मशक्कत हुई. आखिर 3 साल बाद टोल प्लाजा को परमिशन मिली है. इसमें 23 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें टोल पर होने वाली सभी सुविधाएं तैयार की जाएंगी.

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टोल प्लाजा पर होगी सेंसर और मूवमेंट की निगरानी

2 महीने पहले हो गया वर्क आर्डर, लेकिन काम शुरू नहीं

हैंगिंग ब्रिज टोल प्लाजा 5-5 लेन का दो जगह बनेगा. इसमें कोटा से चित्तौड़गढ़ की तरफ जाने वाला टोल प्लाजा नया गांव में बनेगा. वहीं चित्तौड़गढ़ से कोटा आने वाले वाहनों के लिए नांता में बनेगा. इसके लिए दो महीने पहले अगस्त माह में ही वर्क आर्डर गुजरात की कंपनी अपेक्स प्राइवेट लिमिटेड को जारी कर दिया गया है, लेकिन कार्य अभी भी शुरू नहीं हुआ है.

यह भी पढ़ें: स्पेशल: यहां हर पग हांफते हौसले, नौकरियों में आरक्षण के बावजूद भी भ्रष्टाचार के आगे बेबस दिव्यांग

कंसल्टेंट की नियुक्ति से काम नहीं हो रहा शुरू

एनएचएआई नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोटा प्रोजेक्ट मैनेजर जेपी गुप्ता का कहना है कि एक साल का समय टोल निर्माण के लिए दिया गया है. एनएचएआई ने 27 अगस्त को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया, लेकिन कोरोना के चलते भी काम शुरू नहीं हो पाया है. साथ ही कंसल्टेंट की नियुक्ति भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को करनी है, जिसमें देरी हुई है. इसके चलते काम शुरू नहीं हुआ है. जल्द ही एनएचएआई नई दिल्ली हेड क्वार्टर से कंसल्टेंट की नियुक्ति हो जाएगी. उसके बाद काम तुरंत शुरू होगा.

कोटा. ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के तहत कोटा बाईपास के समीप चंबल नदी पर बने हैंगिंग ब्रिज को शुरू हुए तीन साल हो गए. लेकिन अभी भी सुरक्षा मानकों के लिए बनने वाले टोल प्लाजा का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में 231 करोड़ रुपए की लागत से बिना पिलर के बने इस हैंगिंग ब्रिज पर खतरा मंडरा रहा है.

तीन साल से खतरे में हैंगिंग ब्रिज

बता दें कि हैंगिंग ब्रिज के दोनों छोर पर अस्थाई टोल प्लाजा ही बनाए हुए हैं. ये अस्थाई टोल प्लाजा राम भरोसे चल रहा है. हालांकि जब तक स्थाई टोल प्लाजा नहीं बन जाता, तब तक ब्रिज पर खतरा बना रहेगा.

टोल प्लाजा पर होगी सेंसर और मूवमेंट की निगरानी

हैंगिंग ब्रिज पर हवा का दबाव और ब्रिज की मूवमेंट के साथ-साथ उसके एलाइनमेंट की जांच को लेकर भी कई सेंसर लगे हुए हैं, जिनकी मॉनिटरिंग लगातार 24 घंटे जारी रहती है. इन एलाइनमेंट या सेंसर के जरिए ब्रिज पर निगरानी रखी जाती है. इन सबके लिए भी पूरा एक कंट्रोल रूम बनकर तैयार होना है, जो भी टोल प्लाजा पर ही स्थापित होगा, लेकिन टोल तैयार नहीं होने से कंट्रोल रूम भी नहीं बन पा रहा है.

चंबल नदी पर बन रहा हैंगिंग ब्रिज, कोटा बाईपास के पास चंबल नदी, कोटा में बन रहा हैंगिंग ब्रिज, कोटा में टोल प्लाजा का निर्माण, कोटा न्यूज, kota news, Construction of toll plaza in Kota, Chambal River near Kota bypass, Hanging bridge on Chambal river,  East West Corridor
हैंगिंग ब्रिज से जुड़े फैक्ट्स

यह भी पढ़ें: स्पेशल: बिना केमिकल का उपयोग किए गन्ने के रस से बनाया जा रहा गुड़, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में होता है कारगर

टोल प्लाजा से ही होनी है सीसीटीवी कैमरा की मॉनिटरिंग

हैंगिंग ब्रिज के सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनका पूरा मॉनिटरिंग सिस्टम भी टोल प्लाजा पर ही स्थापित होगा. ताकि कोई भी व्यक्ति या वाहन ब्रिज पर किसी तरह की कोई गड़बड़ न कर सके. साथ ही वाहनों के अनावश्यक रुकने पर तुरंत उन्हें आगे रवाना करने के लिए टोल प्लाजा से ही टीम जाए. ऐसे में पूरा सिस्टम अभी काम नहीं कर पा रहा है. क्योंकि टोल प्लाजा पर किसी भी तरह की कोई सीसीटीवी की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है.

चंबल नदी पर बन रहा हैंगिंग ब्रिज, कोटा बाईपास के पास चंबल नदी, कोटा में बन रहा हैंगिंग ब्रिज, कोटा में टोल प्लाजा का निर्माण, कोटा न्यूज, kota news, Construction of toll plaza in Kota, Chambal River near Kota bypass, Hanging bridge on Chambal river,  East West Corridor
कंसल्टेंट की नियुक्ति से काम नहीं हो रहा शुरू

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हैंगिंग ब्रिज से हर घंटे करीब 100 से ज्यादा वाहन गुजरते हैं, शाम के समय यह संख्या बढ़ जाती है. इसके चलते ब्रिज से अभी दो लेन का ही टोल प्लाजा चलाया जा रहा है. जहां पर बड़ा भारी वाहन आने पर टोल वसूली करने में समय लग जाता है. इसके चलते लंबा जाम शाम के समय देखने को मिलता है. कई बार यह लाइन 500 मीटर से भी ज्यादा लंबी चली जाती है. ऐसा टोल के दोनों छोर नयागांव और नांता में होता है. ऐसे में यहां से गुजरने वाले वाहनों को टोल चुका कर जाने में ही 15 से 20 मिनट का समय चला जाता है. जबकि अधिकांश वाहनों में ही फास्टैग लगे होते हैं.

एनएचएआई के अधिकारियों की बात माने तो पहले इस टोल प्लाजा के निर्माण पर मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और चंबल घड़ियाल अभ्यारण के चलते वन विभाग ने आपत्ति लगाई हुई थी. ऐसे में परमिशन के लिए काफी मशक्कत हुई. आखिर 3 साल बाद टोल प्लाजा को परमिशन मिली है. इसमें 23 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें टोल पर होने वाली सभी सुविधाएं तैयार की जाएंगी.

चंबल नदी पर बन रहा हैंगिंग ब्रिज, कोटा बाईपास के पास चंबल नदी, कोटा में बन रहा हैंगिंग ब्रिज, कोटा में टोल प्लाजा का निर्माण, कोटा न्यूज, kota news, Construction of toll plaza in Kota, Chambal River near Kota bypass, Hanging bridge on Chambal river,  East West Corridor
टोल प्लाजा पर होगी सेंसर और मूवमेंट की निगरानी

2 महीने पहले हो गया वर्क आर्डर, लेकिन काम शुरू नहीं

हैंगिंग ब्रिज टोल प्लाजा 5-5 लेन का दो जगह बनेगा. इसमें कोटा से चित्तौड़गढ़ की तरफ जाने वाला टोल प्लाजा नया गांव में बनेगा. वहीं चित्तौड़गढ़ से कोटा आने वाले वाहनों के लिए नांता में बनेगा. इसके लिए दो महीने पहले अगस्त माह में ही वर्क आर्डर गुजरात की कंपनी अपेक्स प्राइवेट लिमिटेड को जारी कर दिया गया है, लेकिन कार्य अभी भी शुरू नहीं हुआ है.

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कंसल्टेंट की नियुक्ति से काम नहीं हो रहा शुरू

एनएचएआई नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोटा प्रोजेक्ट मैनेजर जेपी गुप्ता का कहना है कि एक साल का समय टोल निर्माण के लिए दिया गया है. एनएचएआई ने 27 अगस्त को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया, लेकिन कोरोना के चलते भी काम शुरू नहीं हो पाया है. साथ ही कंसल्टेंट की नियुक्ति भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को करनी है, जिसमें देरी हुई है. इसके चलते काम शुरू नहीं हुआ है. जल्द ही एनएचएआई नई दिल्ली हेड क्वार्टर से कंसल्टेंट की नियुक्ति हो जाएगी. उसके बाद काम तुरंत शुरू होगा.

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