कोटा. कोविड- 19 से बचाव के लिए वैक्सीन को लेकर पूरे विश्व में चर्चा है. भारत में जल्द ही वैक्सीन आने की बात कही जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीनेशन आने के पहले ही स्टोरेज की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. सरकार के निर्देश पर वैक्सीन स्टोरेज की व्यवस्थाएं भी देखी जा रही हैं.
हालांकि इसमें यह तय नहीं है कि वैक्सीन को कितने डिग्री सेल्सियस पर रखना है, लेकिन कोटा में माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक वैक्सीन को स्टोरेज रखने की व्यवस्था मौजूद है. कोटा संभाग की बात की जाए तो 10,000 लीटर वैक्सीन को स्टोरेज किया जा सकता है. कोटा जोन के संयुक्त निदेशक सतीश खंडेलवाल ने बताया कि अगर इससे भी कम तापमान के स्टोरेज में रखने वाली कोविड- 19 की वैक्सीन आती है, तो उपकरणों की आवश्यकता पड़ेगी. हेल्थ केयर वर्कर की बात की जाए तो अनुमानित कोटा संभाग में 30,000 हेल्थ केयर वर्कर हैं. इनको सरकार की गाइडलाइन से प्राथमिकता के तौर पर टीकाकरण किया जाना है. टीका आने के अगले एक-दो दिनों में ही वैक्सीनेशन शुरू कर देंगे.
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5 स्टोरेज यूनिट है संभाग में
संयुक्त निदेशक सतीश खंडेलवाल ने बताया कि कोविड- 19 वैक्सीनेशन के लिए विशेष तौर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. उन्होंने इसके लिए बारां और कोटा में निरीक्षण किया है. जल्द ही वे बूंदी और झालावाड़ में निरीक्षण करेंगे. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से टीकाकरण बच्चों का वैक्सीनेशन रूटीन में होता है. उसके साथ जो हमारी कैपेसिटी जुड़ी हुई है, उससे करीब 10,000 लीटर की स्टोरेज कैपेसिटी हमारे पास है. चारों जिला मुख्यालय पर जिला स्तरीय स्टोरेज केंद्र कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ के हैं. संभागीय मुख्यालय कोटा में एक अलग से डिवीजन स्तर का स्टोरेज केंद्र है. यहां पर वैक्सीन स्टोरेज और वितरण का लगातार प्रोसेस में चलता रहता है.
30 हजार स्वास्थ्य कर्मी हैं हाड़ौती में
जिस तरह से बात की जा रही है कि हेल्थ वर्कर्स को प्रारंभिक तौर पर टीका लगवाया जाएगा. उसको लेकर भी सभी हेल्थ वर्कर का डेटा तैयार किया जा रहा है. प्रारंभिक तौर पर कोटा संभाग में करीब 30,000 हेल्थ वर्कर सामने आ रहे हैं. इसमें कोटा जिले में जहां पर 6,000 मेडिकल एंड हेल्थ विभाग के हैं. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में भी इतने ही वर्कर हैं. ऐसे में करीब 12,000 हेल्थ वर्कर हैं. वहीं बूंदी में करीब 4,500 में बारां में 5,500 और झालावाड़ मेडिकल कॉलेज और जिले में करीब 8,000 वर्कर होना सामने आ रहा है. इन्हें मिलाकर करीब 30,000 वर्कर हाड़ौती संभाग में हैं.