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अपना घर आश्रम ने 15 साल पहले कोटा कोचिंग करने आई लड़की को परिवार से मिलाया

15 साल पहले बरेली से कोचिंग करने आई लड़की को अपना घर आश्रम ने उसके परिजनों से मिलवाया है. जूही कोचिंग करने तो कोटा आई लेकिन फिर लौट कर अपने घर को वापस नहीं जा सकी.

apna ghar ashram,  girl reunites with her family in kota
कोटा कोचिंग करने आई लड़की 15 साल बाद अपने घर वालों से मिली
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Published : Dec 20, 2020, 5:04 AM IST

कोटा. 15 साल पहले बरेली से कोचिंग करने आई लड़की को अपना घर आश्रम ने उसके परिजनों से मिलवाया है. जूही कोचिंग करने तो कोटा आई लेकिन फिर लौट कर अपने घर को वापस नहीं जा सकी थी.

अपना घर आश्रम के सचिव मनोज जैन अदिनाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 दिसम्बर की रात को महावीर नगर थाने से उनके पास कॉल आया कि 35 वर्षीया एक सहमी हुई महिला लाचार लावारिस अवस्था में है, जिसे आश्रम में प्रवेश दिया जाए. जिसके बाद मनोज जैन अपने सेवा साथियों के साथ मौके पर पहुंचे. रात को नर्सिंग प्रभारी ने महिला को अपना घर आश्रम में प्रवेश देने की बात कही.

पढ़ें: कोरोना काल में सही प्रबंधन और बाड़मेर में रिफाइनरी प्रदेश के लिए माइलस्टोन होगा : परिवहन मंत्री खाचरियावास

4 दिन तक चली कॉउंसलिंग के बाद जूही ने बताया कि वो बरेली की रहने वाली है. 15 साल पहले कोचिंग करने के लिए कोटा आई थी. लेकिन फिर लौट कर घर वापस नहीं जा सकी. जिसके बाद अपना घर आश्रम के लोगों ने बरेली प्रशासन की मदद से जूही के परिवार वालों को खोजा और फोन पर जूही की उनसे बात करवाई. परिवार वाले जूही की आवाज पहचान गए और अगले ही दिन कोटा आ गए.

शुक्रवार को जूही की माँ और भाई उसे लेने बरेली से कोटा स्थित अपना घर आश्रम पहुँचे. अपने परिवार वालों को देखकर जूही की आंखे भर आई. सचिव अदिनाथ ने महावीर नगर थाना पुलिस के समक्ष महिला का पुनर्वास किया. पुलिस के अनुसार जूही जिस महिला के साथ कोटा में रह रही थी, उसका 14 दिसंबर को निधन हो गया. जिसके बाद जूही बेघर हो गई.

कोटा. 15 साल पहले बरेली से कोचिंग करने आई लड़की को अपना घर आश्रम ने उसके परिजनों से मिलवाया है. जूही कोचिंग करने तो कोटा आई लेकिन फिर लौट कर अपने घर को वापस नहीं जा सकी थी.

अपना घर आश्रम के सचिव मनोज जैन अदिनाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 दिसम्बर की रात को महावीर नगर थाने से उनके पास कॉल आया कि 35 वर्षीया एक सहमी हुई महिला लाचार लावारिस अवस्था में है, जिसे आश्रम में प्रवेश दिया जाए. जिसके बाद मनोज जैन अपने सेवा साथियों के साथ मौके पर पहुंचे. रात को नर्सिंग प्रभारी ने महिला को अपना घर आश्रम में प्रवेश देने की बात कही.

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4 दिन तक चली कॉउंसलिंग के बाद जूही ने बताया कि वो बरेली की रहने वाली है. 15 साल पहले कोचिंग करने के लिए कोटा आई थी. लेकिन फिर लौट कर घर वापस नहीं जा सकी. जिसके बाद अपना घर आश्रम के लोगों ने बरेली प्रशासन की मदद से जूही के परिवार वालों को खोजा और फोन पर जूही की उनसे बात करवाई. परिवार वाले जूही की आवाज पहचान गए और अगले ही दिन कोटा आ गए.

शुक्रवार को जूही की माँ और भाई उसे लेने बरेली से कोटा स्थित अपना घर आश्रम पहुँचे. अपने परिवार वालों को देखकर जूही की आंखे भर आई. सचिव अदिनाथ ने महावीर नगर थाना पुलिस के समक्ष महिला का पुनर्वास किया. पुलिस के अनुसार जूही जिस महिला के साथ कोटा में रह रही थी, उसका 14 दिसंबर को निधन हो गया. जिसके बाद जूही बेघर हो गई.

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