कोटा. जिले के ग्रामीण इलाके मंडाना में एक बच्ची के कीड़े के काटने के बाद सरकारी अस्पताल में ले जाने पर भी उपचार नहीं मिलने का मामला सामने आया है. जिसके बाद बालिका की मौत हो गई. परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मंडला में तैनात चिकित्सक पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने फोन पर ही कंपाउंडर को दवा (Girl Death in Kota) लिखने के लिए कह दिया और उस दवा को देने से ही बच्ची के रिएक्शन हुआ. जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
इस मामले पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ भूपेंद्र सिंह तंवर ने जांच बैठा दी है. उनका कहना है कि इस मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. उनका कहना है कि डॉक्टर को अस्पताल में आकर उपचार देना चाहिए था. घटना 14 मई की देर रात की बताई जा रही है, जब बालिका आरोही प्रजापति को उसके कांस्टेबल पिता बनवारी प्रजापति अस्पताल लेकर गए थे, लेकिन मंडाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेन गेट पर ताला लगा हुआ था.
इसके बाद उन्होंने काफी आवाज लगाई, तब वहां पर गेट नहीं खोला गया. काफी देर बाद गेट खोलने पर कंपाउंडर पहुंचे. जिन्होंने चिकित्सक से फोन पर ही बातचीत कर दवाई लिख दी. साथ ही चिकित्सक ने यह कह दिया कि अभी भी नहीं आ सकती है, दूसरे दिन आ कर दिखा दें. इसके बाद परिजन बच्चे को घर ले गए और जो दवाइयां दी थी उनको देने से उसकी तबीयत बिगड़ गई. परिजन तबीयत बिगड़ने पर कोटा के निजी अस्पताल लेकर आए, जहां पर उसकी मौत हो गई. परिजनों ने इस संबंध में डॉक्टर के खिलाफ शिकायत भी दी है.