कोटा. मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक को कोविड-19 के लिए रिजर्व किया हुआ है. यहां पर केवल कोरोना अस्पताल ही संचालित किया जा रहा था, लेकिन अब कोरोना के मरीज लगातार कम हो गए हैं. इसके चलते अब दोबारा से मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल को शुरू करने की कयावद की गई है. सोमवार को इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने मीटिंग की.
मीटिंग में अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय, नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील, एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना सहित कई लोग मौजूद थे. इसमें तय किया गया है कि 23 जनवरी से अस्पताल में इनडोर और आउटडोर शुरू कर दिया जाएगा. जिसके लिए 21 जनवरी से अस्पताल में शिफ्टिंग का काम शुरू होगा. 23 जनवरी से इनडोर सेवाएं और आउटडोर शुरू होने के बाद ऑपरेशन थिएटर को भी चालू कर दिया जाएगा.
इसके साथ ही कोविड-19 अस्पताल भी यहीं रहेगा, लेकिन उसके लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की जाएगी. वर्तमान में कोरोना के डेडीकेट हॉस्पिटल होने के चलते अस्पताल की सभी सेवाएं एमबीएस अस्पताल में मिल रही है. इसके चलते यहां पर कार्यभार बढ़ गया है. अब यह धीरे-धीरे वापस नए अस्पताल में शिफ्ट होगा.
200 से ज्यादा बेड कोविड के लिए रिजर्व
डॉ. विजय सरदाना ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि नए अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का 52 बेड का आईसीयू कोविड के लिए रिजर्व रखा जाएगा. इसके लिए अलग रास्ता आने व जाने का रहेगा. इसके साथ ही सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में आउटडोर सेवाएं मरीजों को मिलने लग जाएंगी. साथ ही सामान्य इमरजेंसी भी यहां पर ही संचालित की जाएगी. वहीं मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में इमरजेंसी गेट नंबर 4 के पास के पूरे ब्लॉक में आईएलआई ओपीडी और कोविड-19 सस्पेक्टेड मरीजों को रखा जाएगा. कोरोना के सामान्य मरीजों को भी यहीं पर रखा जाएगा. ऐसे में करीब 156 बेड कोविड के लिए रहेंगे. कुल मिलाकर 208 बेड कोविड-19 के मरीजों के लिए रहेंगे. जबकि नए अस्पताल में करीब 400 से ज्यादा बेड पर सामान्य मरीजों का इलाज शुरू होगा.
मरीज मिक्सिंग नहीं हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि कोविड-19 के मरीज भी अस्पताल में भर्ती रहेंगे. ऐसे में मरीजों की मिक्सिंग नहीं हो इसके लिए बैरिकेटिंग भी बिल्डिंग के अंदर की जाएगी. सामान्य और कोविड-19 का आउटडोर भी अलग होगा. साथ ही इनके लिए पर्ची कटाने से लेकर दवा मिलने तक की सभी सुविधाएं अलग-अलग की जाएंगी. यह पूरी तरह से ध्यान रखा जाएगा कि मरीज एक जगह पर आकर नहीं मिले. जिससे की सामान्य मरीजों को कोरोना का खतरा नहीं हो.