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Kota Mandi Garlic Prices: मंडी में औने पौने दाम पर लहसुन बेच रहे किसान, फिर भी बाजार में कम नहीं हो रहे दाम...समझें गणित!

भामाशाह कृषि उपज मंडी में किसानों का लहसुन औने पौने दाम पर ही बिक रहा है (Garlic Prices in Kota) जबकि दूसरी तरफ छिटपुट सब्जी मंडियों और रिटेल में लहसुन के भाव चढ़े हुए हैं. इससे जहां किसान बेहाल है वहीं व्यापारी मालामाल हो रहे हैं. खास ये है कि मंडी में लहसुन अपनी क्वालिटी के अनुसार दो रुपये किलो से लेकर 25 रुपये किलो तक में बिक रहे हैं. व्यापारी उसे मंडी से खरीदकर उसमें ट्रांसपोर्टेशन, मंडी टैक्स समेत अन्य खर्च जोड़कर सभी तरह के लहसुन एक भाव में बेच रहे हैं जिससे बाजार में इसकी कीमत 60 से 70 रुपये किलो पहुंच रही है. इस कारण मंडी और रिटेल में खासा अंतर हो जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर

Kota Mandi Garlic Prices
व्यापारी का बिक रहा 80 रुपए किलो
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Published : Jun 16, 2022, 8:56 AM IST

Updated : Jun 16, 2022, 3:58 PM IST

कोटा. कोटा की थोक फल सब्जी मंडी और देश के सबसे बड़े लहसुन वितरण केंद्र भामाशाह कृषि उपज मंडी में (Garlic Prices in Kota) इस बार लहसुन औने-पौने दाम पर ही बिक रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ सब्जी अन्य छिटपुट मंडी और रिटेल विक्रय में इसके दाम में कोई गिरावट नहीं दर्ज की गई है. शहर की अलग-अलग सब्जी मंडियों में लहसुन अभी भी 60-70 रुपए किलो के आसपास ही बिक रहा है. इससे ग्राहक भी परेशान हैं. एक तरफ जहां किसानों अपने लहसुन पूरे दाम नहीं मिल रहे (Garlic Price Concern) तो वहीं ट्रांसपोर्टेशन, लेबर, मंडी टैक्स, आढ़त और रिटेल व थोक व्यापारियों के मुनाफे में कोई कमी नहीं आ रही. इस कारण बाजार में लहसुन मंडी के मुकाबले कई गुना ज्यादा दाम में बिक रहे हैं. हालांकि मंडी के थोक विक्रेताओं का कहना है कि लहसुन की क्वालिटी के हिसाब से उसके रेट में अतंर आ रहे हैं जिसका व्यापारी लाभ ले रहे हैं.

फल-सब्जी मंडी के बाहर लहसुन खरीद रहे बूंदी निवासी कैलाश इस अबूझ पहेली को समझने की कोशिश करते दिखे. उन्होंने मंडी के बाहर एक दुकान से 2 किलो लहसुन 140 रुपये में खरीदा (Garlic Price Concern In Kota Mandi). बताते हैं कि यहां रिटेल में माल बेचा जा रहा है, इसलिए ज्यादा दाम बिक रहा है. ये दुकान मंडी के गेट से केवल 50 मीटर दूरी पर है. मतलब इतनी मामूली सी दूरी पर इतना बड़ा अंतर है.

किसान का लहसुन मंडी में औने पौने दाम

ग्राहक बोले- पहले और अब भाव में नहीं आया अंतर: विज्ञान नगर सब्जी मंडी में लहसुन खरीदने आए एमएज खान का कहना है कि लगातार वे सुन रहे हैं कि एक या दो रुपए किलो लहसुन मंडी में बिक रहा है जबकि मार्केट में तो कोई अंतर नहीं आया. पहले भी लहसुन 80 रुपए किलो के आसपास ही था. अभी भी यही दाम है ऐसे में इतना अंतर नहीं होना चाहिए. इस वेरिएशन की क्या वजह है, नहीं पता. बस इतना पता है कि मंडी में किसान लहसुन फेंक रहे हैं, ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा नहीं निकल रहा है और वे परेशान हैं. मंडी में लहसुन खरीद रहे बीडी तिवारी का कहना है कि 250 ग्राम लहसुन 20 का मिल रहा है. जबकि किसान मंडी में लहसुन 20 रुपये में 1 किलो भाव में बेचकर जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-अधिक उत्पादन से कौड़ी के भाव लहसुन, किसान परेशान...बाजार हस्तक्षेप योजना की मांग, सरकार पहले ही उठा चुकी है 191 करोड़ का घाटा

व्यापारी बोले- लोग अच्छा लेते हैं: सब्जी मंडी के मुख्य गेट के बाहर लहसुन बेच रहे रोहित सुवालका का कहना है कि वे खुद मंडी से 52 रुपए किलो का लहसुन खरीद कर लेकर आए थे. इसके बाद 7 प्रतिशत का खर्चा हुआ और ये लहसुन 60 किलो का पड़ा. अब मैं इसे 70 रुपए किलो बेच रहा हूं. ज्यादा लहसुन लेने पर उसे 65 रुपए भी लगा देता हूं. उनका कहना है कि रिटेल मार्केट से अच्छा लहसुन ही लोग लेकर जाते हैं, इसलिए हाई क्वालिटी का लहसुन ही खरीदना पड़ता है. सुवालका का यह भी कहना है कि ट्रांसपोर्टेशन, वर्जन और अन्य खर्चे लगभग बराबर ही हैं.

Kota Mandi Garlic Prices
2 रुपए का लहसुन 60 रुपए में

कम बिकता है, मार्जिन रखना जरूरी: विज्ञान नगर सब्जी मंडी में लहसुन 80 रुपए किलो बिक रहा है. वहां सब्जी बेच रहे रामलखन का कहना है कि वे खुद लहसुन को 60 रुपए किलो लेकर आए हैं और यहां पर 80 रुपये में बेच रहे हैं. उनका कहना है कि मंडी से माल लेकर आने के अलावा तौल में भी कुछ ज्यादा ही लोगों को चला जाता है. पॉलिथीन से लेकर अन्य खर्चा भी इसमें होता है. लहसुन की बिक्री भी इतनी नहीं होती है. दिन में एक से दो किलो लहसुन ही हर सब्जी वाले का बिकता है. इसीलिए 5 से 10 रुपए का मार्जिन रखना जरूरी है.

मंडी में लेबर, टैक्स आढ़त में खर्चा: भामाशाह कृषि उपज मंडी के सचिव जवाहर लाल नागर का कहना है कि मंडी में किसान का माल लेने के बाद करीब 5 प्रतिशत टैक्स और आढ़त का खर्चा होता है. इसमें 1.6 मंडी टैक्स, 2.25 आढ़त और 1 फीसदी खरीद पर आढ़त शामिल है. इसके बाद लेबर का खर्चा अलग होता है, यह करीब प्रति बैग 10 रुपए के आसपास है. मंडी सचिव नागर ने बताया खर्चे के अनुसार हमने लहसुन के दाम को जोड़ा तब सामने आया कि 25 रुपए किलो वाला लहसुन मंडी से खरीदा जाए तो 50 किलो का बैग करीब 1250 का होगा. इसमें मंडी आढ़त, लेबर से लेकर अन्य सब खर्च करीब 70 रुपए होगा. ऐसे में यह लहसुन 1320 रुपए में व्यापारी को पड़ेगा. इसके बाद उसे मंडी से बाहर ले जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन का करीब 15 रुपए का खर्चा होगा. ऐसे में यह लहसुन करीब 27 रुपए किलो के आसपास व्यापारी को पड़ता है.

Kota Mandi Garlic Prices
किसान को कम विक्रेता को ज्यादा दाम!

80 फीसदी लहसुन के दाम 25 रुपए से कम: सेठ भामाशाह कृषि उपज मंडी सचिव जवाहर नागर ने बताया कि मंडी में रोज करीब 10 से 15 हजार बैग लहसुन आ रहा है. माना जाए तो 5 से 7 हजार क्विंटल लहसुन की आवक हो रही है. मंडी में आ रहे लहसुन में से 20 प्रतिशत लहसुन एक से दस रुपए किलो में बिक रहा है. करीब 60 फीसदी लहसुन 10 से 25 रुपए किलो में जा रहा है. इसके बाद 10 फीसदी लहसुन 25 से 30 रुपए किलो और 10 प्रतिशत ही 30 रुपए किलो से ऊपर दाम पर बिक रहा है. जबकि रिटेल दाम काफी ज्यादा है. मंडी में 50 किलो लहसुन 1350 से 2950 रुपए के दाम में बुधवार को बिका है जिसका औसत दाम 1850 रुपए है.

2 रुपए का लहसुन पैक होकर बन गया 60 रुपए का : फल सब्जी मंडी में लहसुन के पैकेट मिल रहे हैं, जो कि 250 व 500 ग्राम और 1 किलो के हैं. ये लहसुन करीब 60 से 80 रुपए किलो में बिक रहा है. दुकानदारों का कहना है कि जो लहसुन मशीन से छीलकर आ रहा है, वह 60 रुपए किलो बिक रहा है. जिस लहसुन को हाथ से छीलते हैं उसमें 20 रुपए ज्यादा लगता है, ऐसे में वो लहसुन 80 रुपए किलो होता है. हालांकि जिस लहसुन को यह लोग पैक कर रहे हैं, वो मंडी में 2 रुपये किलो बिकने वाली छर्री या सस्ती लहसुन ही है. जबकि इस लहसुन के बारे में व्यापारियों का कहना है कि उन्हें और सप्लायर को दोनों को अलग अलग 5 से 10 रुपए का मार्जिन मिलता है.

कोटा. कोटा की थोक फल सब्जी मंडी और देश के सबसे बड़े लहसुन वितरण केंद्र भामाशाह कृषि उपज मंडी में (Garlic Prices in Kota) इस बार लहसुन औने-पौने दाम पर ही बिक रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ सब्जी अन्य छिटपुट मंडी और रिटेल विक्रय में इसके दाम में कोई गिरावट नहीं दर्ज की गई है. शहर की अलग-अलग सब्जी मंडियों में लहसुन अभी भी 60-70 रुपए किलो के आसपास ही बिक रहा है. इससे ग्राहक भी परेशान हैं. एक तरफ जहां किसानों अपने लहसुन पूरे दाम नहीं मिल रहे (Garlic Price Concern) तो वहीं ट्रांसपोर्टेशन, लेबर, मंडी टैक्स, आढ़त और रिटेल व थोक व्यापारियों के मुनाफे में कोई कमी नहीं आ रही. इस कारण बाजार में लहसुन मंडी के मुकाबले कई गुना ज्यादा दाम में बिक रहे हैं. हालांकि मंडी के थोक विक्रेताओं का कहना है कि लहसुन की क्वालिटी के हिसाब से उसके रेट में अतंर आ रहे हैं जिसका व्यापारी लाभ ले रहे हैं.

फल-सब्जी मंडी के बाहर लहसुन खरीद रहे बूंदी निवासी कैलाश इस अबूझ पहेली को समझने की कोशिश करते दिखे. उन्होंने मंडी के बाहर एक दुकान से 2 किलो लहसुन 140 रुपये में खरीदा (Garlic Price Concern In Kota Mandi). बताते हैं कि यहां रिटेल में माल बेचा जा रहा है, इसलिए ज्यादा दाम बिक रहा है. ये दुकान मंडी के गेट से केवल 50 मीटर दूरी पर है. मतलब इतनी मामूली सी दूरी पर इतना बड़ा अंतर है.

किसान का लहसुन मंडी में औने पौने दाम

ग्राहक बोले- पहले और अब भाव में नहीं आया अंतर: विज्ञान नगर सब्जी मंडी में लहसुन खरीदने आए एमएज खान का कहना है कि लगातार वे सुन रहे हैं कि एक या दो रुपए किलो लहसुन मंडी में बिक रहा है जबकि मार्केट में तो कोई अंतर नहीं आया. पहले भी लहसुन 80 रुपए किलो के आसपास ही था. अभी भी यही दाम है ऐसे में इतना अंतर नहीं होना चाहिए. इस वेरिएशन की क्या वजह है, नहीं पता. बस इतना पता है कि मंडी में किसान लहसुन फेंक रहे हैं, ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा नहीं निकल रहा है और वे परेशान हैं. मंडी में लहसुन खरीद रहे बीडी तिवारी का कहना है कि 250 ग्राम लहसुन 20 का मिल रहा है. जबकि किसान मंडी में लहसुन 20 रुपये में 1 किलो भाव में बेचकर जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-अधिक उत्पादन से कौड़ी के भाव लहसुन, किसान परेशान...बाजार हस्तक्षेप योजना की मांग, सरकार पहले ही उठा चुकी है 191 करोड़ का घाटा

व्यापारी बोले- लोग अच्छा लेते हैं: सब्जी मंडी के मुख्य गेट के बाहर लहसुन बेच रहे रोहित सुवालका का कहना है कि वे खुद मंडी से 52 रुपए किलो का लहसुन खरीद कर लेकर आए थे. इसके बाद 7 प्रतिशत का खर्चा हुआ और ये लहसुन 60 किलो का पड़ा. अब मैं इसे 70 रुपए किलो बेच रहा हूं. ज्यादा लहसुन लेने पर उसे 65 रुपए भी लगा देता हूं. उनका कहना है कि रिटेल मार्केट से अच्छा लहसुन ही लोग लेकर जाते हैं, इसलिए हाई क्वालिटी का लहसुन ही खरीदना पड़ता है. सुवालका का यह भी कहना है कि ट्रांसपोर्टेशन, वर्जन और अन्य खर्चे लगभग बराबर ही हैं.

Kota Mandi Garlic Prices
2 रुपए का लहसुन 60 रुपए में

कम बिकता है, मार्जिन रखना जरूरी: विज्ञान नगर सब्जी मंडी में लहसुन 80 रुपए किलो बिक रहा है. वहां सब्जी बेच रहे रामलखन का कहना है कि वे खुद लहसुन को 60 रुपए किलो लेकर आए हैं और यहां पर 80 रुपये में बेच रहे हैं. उनका कहना है कि मंडी से माल लेकर आने के अलावा तौल में भी कुछ ज्यादा ही लोगों को चला जाता है. पॉलिथीन से लेकर अन्य खर्चा भी इसमें होता है. लहसुन की बिक्री भी इतनी नहीं होती है. दिन में एक से दो किलो लहसुन ही हर सब्जी वाले का बिकता है. इसीलिए 5 से 10 रुपए का मार्जिन रखना जरूरी है.

मंडी में लेबर, टैक्स आढ़त में खर्चा: भामाशाह कृषि उपज मंडी के सचिव जवाहर लाल नागर का कहना है कि मंडी में किसान का माल लेने के बाद करीब 5 प्रतिशत टैक्स और आढ़त का खर्चा होता है. इसमें 1.6 मंडी टैक्स, 2.25 आढ़त और 1 फीसदी खरीद पर आढ़त शामिल है. इसके बाद लेबर का खर्चा अलग होता है, यह करीब प्रति बैग 10 रुपए के आसपास है. मंडी सचिव नागर ने बताया खर्चे के अनुसार हमने लहसुन के दाम को जोड़ा तब सामने आया कि 25 रुपए किलो वाला लहसुन मंडी से खरीदा जाए तो 50 किलो का बैग करीब 1250 का होगा. इसमें मंडी आढ़त, लेबर से लेकर अन्य सब खर्च करीब 70 रुपए होगा. ऐसे में यह लहसुन 1320 रुपए में व्यापारी को पड़ेगा. इसके बाद उसे मंडी से बाहर ले जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन का करीब 15 रुपए का खर्चा होगा. ऐसे में यह लहसुन करीब 27 रुपए किलो के आसपास व्यापारी को पड़ता है.

Kota Mandi Garlic Prices
किसान को कम विक्रेता को ज्यादा दाम!

80 फीसदी लहसुन के दाम 25 रुपए से कम: सेठ भामाशाह कृषि उपज मंडी सचिव जवाहर नागर ने बताया कि मंडी में रोज करीब 10 से 15 हजार बैग लहसुन आ रहा है. माना जाए तो 5 से 7 हजार क्विंटल लहसुन की आवक हो रही है. मंडी में आ रहे लहसुन में से 20 प्रतिशत लहसुन एक से दस रुपए किलो में बिक रहा है. करीब 60 फीसदी लहसुन 10 से 25 रुपए किलो में जा रहा है. इसके बाद 10 फीसदी लहसुन 25 से 30 रुपए किलो और 10 प्रतिशत ही 30 रुपए किलो से ऊपर दाम पर बिक रहा है. जबकि रिटेल दाम काफी ज्यादा है. मंडी में 50 किलो लहसुन 1350 से 2950 रुपए के दाम में बुधवार को बिका है जिसका औसत दाम 1850 रुपए है.

2 रुपए का लहसुन पैक होकर बन गया 60 रुपए का : फल सब्जी मंडी में लहसुन के पैकेट मिल रहे हैं, जो कि 250 व 500 ग्राम और 1 किलो के हैं. ये लहसुन करीब 60 से 80 रुपए किलो में बिक रहा है. दुकानदारों का कहना है कि जो लहसुन मशीन से छीलकर आ रहा है, वह 60 रुपए किलो बिक रहा है. जिस लहसुन को हाथ से छीलते हैं उसमें 20 रुपए ज्यादा लगता है, ऐसे में वो लहसुन 80 रुपए किलो होता है. हालांकि जिस लहसुन को यह लोग पैक कर रहे हैं, वो मंडी में 2 रुपये किलो बिकने वाली छर्री या सस्ती लहसुन ही है. जबकि इस लहसुन के बारे में व्यापारियों का कहना है कि उन्हें और सप्लायर को दोनों को अलग अलग 5 से 10 रुपए का मार्जिन मिलता है.

Last Updated : Jun 16, 2022, 3:58 PM IST
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