कोटा. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों का निःशुल्क ऑपरेशन करवाया गया. इस कार्यक्रम के तहत जन्मजात जो बच्चे दिल की बीमारी से पीड़ित होते हैं उनको चिन्हित कर उनका निशुल्क इलाज करवाया जाता है. मंगलवार को कोटा के एक निजी अस्पताल में दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित कंगना और आर्यन का निःशुल्क ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद अब दोनों बच्चे स्वस्थ हैं.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के जोन निदेशक डॉ.आरके लवानिया ने अस्पताल में पहुंच कर बच्चों के माता-पिता से ऑपरेशन के सम्बन्ध में बात की एवं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी (आरसीएचओ) डॉ. महेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सुल्तानपुर तहसील के रामडी गांव निवासी 13 वर्षीय कंगना और सांगोद के रोसलिया गांव निवासी छः वर्षीय आर्यन RBSK की मोबाइल हेल्थ टीम ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर स्क्रीनिंग के दौरान चिन्हित किया था. जिसके बाद दोनों बच्चों को जिला स्तर पर रेफर कर दिया गया. जहां जांच करने पर पता चला कि दोनों बच्चे दिल की बीमारी से ग्रसित हैं. जिनका ऑपरेशन RBSK के तहत किया गया.
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आरसीएचओ ने बताया कि दोनों बच्चों के दिल में छेद था जिसकी वजह से बच्चों का शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा था. कंगना और आर्यन के पिता दोनों किसान हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे इतने बड़े ऑपरेशन का खर्चा उठा पाते. प्राइवेट अस्पतालों में दिल के छेद का ऑपरेशन कराने में नॉर्मली दो से ढाई लाख रुपए का खर्च आता है. जिले में कार्यरत 12 मोबाइल हेल्थ टीमों की तरफ से ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जाता है और डीईआईसी स्टाफ द्वारा निःशुल्क जांच करवाकर सर्जरी की जाती है. अब तक राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 177 बच्चों की दिल की बीमारी का ऑपरेशन किया जा चुका है. जिले में इस वित्तीय वर्ष में सीएएचडी के 8 ऑपरेशन सफलता पूर्वक किए जा चुके हैं.