कोटा. जेके लोन अस्पताल में लगातार नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. 10 दिसंबर के दिन एक ही दिन में नौ बच्चों की मौत हुई थी. वहीं अब तक दो दिनों में 14 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है. साथ ही अस्पताल में दिसंबर महीने में 33 बच्चों की मौत हो गई है. वहीं पूरे साल में मौत का आंकड़ा 922 पहुंच गया है. इन नवजात शिशुओं की मौत के मामले के बाद कोटा के जेके लोन अस्पताल से लेकर पूरे सूबे में हड़कंप मचा हुआ है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने नवजात बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिय चार सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है. चार सदस्यीय जांच कमेटी शुक्रवार देर रात जेके लोन अस्पताल पहुंची, जिसमें चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार, आरसीएच डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला, एसएमएस के एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत और डॉ. रामबाबू शामिल हैं. देर रात कमेटी के सदस्यों ने पहले तो सर्किट हाउस में अधिकारियों की मीटिंग ली. उसके बाद जेके लोन अस्पताल का दौरा किया और वहां के हालात देखा. हालांकि उन्होंने किसी भी मीडिया कार्मिक से बातचीत से इनकार कर दिया.
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सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा आयुक्त जेके लोन की व्यवस्थाओं से कुछ असंतुष्ट दिखाई दी. ये चार सदस्यीय कमेटी शनिवार को मृतक नवजातों के परिजनों से भी बयान ले सकती है. वहीं इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि टीम ने मीडिया से अभी तक किसी भी तरह की बातचीत से इनकार कर दिया है. उन्होंने मीडिया को अंदर भी नहीं जाने दिया. वहीं जेके लोन अस्पताल में महज 24 घंटे में 12 नवजातों ने दम तोड़ दिया था, जिसके बाद मामले पर सियासत शुरू हो गई थी.