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कोटा बैराज ने बनाया सर्वाधिक पानी छोड़ने का रिकॉर्ड

कोटा कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने कोटा में बाढ़ की स्थिति पर कहा कि गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के चलते यह स्थिति बनी है. वहीं उन्होंने कहा कि पानी की आवक ज्यादा होने के चलते बांध का जलस्तर ओवरफ्लो हो गया है. ऐसे में वहां से लगातार निकासी की जा रही है.

kota news, कोटा न्यूज
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Published : Sep 16, 2019, 12:08 AM IST

कोटा. जिला बैराज ने निर्माण के 60 साल बाद सर्वाधिक निकासी का रिकॉर्ड बनाया है.1960 में निर्माण हुए कोटा बैराज से वर्ष 1986 में चंबल नदी में 6 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसके बाद अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए रविवार को बैराज से 7 लाख क्यूसेक पानी चम्बल नदी में छोड़ा जा रहा है.

गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के चलते कोटा में बाढ़ की स्थिति

पढ़ें: मोदी जी को देश के लोग भी जाने क्योंकि दुनिया तो जान गई : सतीश पूनिया

बैराज से इतनी भारी मात्रा में लगातार पानी छोड़े जाने के चलते शहर की डेढ़ दर्जन से ज्यादा बस्ती और आबादी क्षेत्रों में चंबल खौफनाक मंजर के साथ बढ़ रही है और करीब 5 हजार से ज्यादा घर और दुकानें डूब क्षेत्र में आ गए हैं. डूब क्षेत्र में करीब एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं. जिनमें से घरों में फंसे हुए 5 हजार लोगों को बचाव दलों ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला है.

गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने से कोटा में यह स्थिति-कलेक्टर

जिला कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के चलते कोटा में यह स्थिति बनी है. वहीं उन्होंने कहा कि गांधी सागर बांध जिसका फुल रिजर्वॉयर लेवल 1312 है, पानी की आवक ज्यादा होने के चलते बांध का जलस्तर 1318 पर पहुंच गया है. ऐसे में वहां से लगातार निकासी की जा रही है. गांधी सागर के जल स्तर को 1312 से नीचे लाया जाएगा. ऐसे में करीब 2 दिन तक इसी तरह से कोटा बैराज से पानी छोड़ा जाएगा. जिसके चलते डूब क्षेत्र की स्थिति जो वर्तमान में है. वैसी ही अगले दो दिन तक बनी रहेगी.

पढ़ेंः धौलपुर बजरी प्रकरण : तत्कालीन SP अजय सिंह और CO दिनेश शर्मा के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय

रेस्क्यू टीम लगातार कर रही लोगों की मदद
कोटा कलेक्टर अग्रवाल ने बताया कि पिछले 3 दिनों से कोटा में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. लोगों के लिए 40 आश्रय स्थलों पर ठहराया गया. जहां पर भोजन, पानी और आवास की सुविधा की गई है. रेस्क्यू के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, आरएसी, नगर निगम, एनजीओ की टीमें लगी हुई है. जिनके करीब 600 से ज्यादा जवान काम कर रहे हैं. इस दौरान पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, एडीएम प्रशासन वासुदेव, मालावत, एडीएम सिटी आरडी मीणा, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

कोटा. जिला बैराज ने निर्माण के 60 साल बाद सर्वाधिक निकासी का रिकॉर्ड बनाया है.1960 में निर्माण हुए कोटा बैराज से वर्ष 1986 में चंबल नदी में 6 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसके बाद अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए रविवार को बैराज से 7 लाख क्यूसेक पानी चम्बल नदी में छोड़ा जा रहा है.

गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के चलते कोटा में बाढ़ की स्थिति

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बैराज से इतनी भारी मात्रा में लगातार पानी छोड़े जाने के चलते शहर की डेढ़ दर्जन से ज्यादा बस्ती और आबादी क्षेत्रों में चंबल खौफनाक मंजर के साथ बढ़ रही है और करीब 5 हजार से ज्यादा घर और दुकानें डूब क्षेत्र में आ गए हैं. डूब क्षेत्र में करीब एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं. जिनमें से घरों में फंसे हुए 5 हजार लोगों को बचाव दलों ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला है.

गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने से कोटा में यह स्थिति-कलेक्टर

जिला कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के चलते कोटा में यह स्थिति बनी है. वहीं उन्होंने कहा कि गांधी सागर बांध जिसका फुल रिजर्वॉयर लेवल 1312 है, पानी की आवक ज्यादा होने के चलते बांध का जलस्तर 1318 पर पहुंच गया है. ऐसे में वहां से लगातार निकासी की जा रही है. गांधी सागर के जल स्तर को 1312 से नीचे लाया जाएगा. ऐसे में करीब 2 दिन तक इसी तरह से कोटा बैराज से पानी छोड़ा जाएगा. जिसके चलते डूब क्षेत्र की स्थिति जो वर्तमान में है. वैसी ही अगले दो दिन तक बनी रहेगी.

पढ़ेंः धौलपुर बजरी प्रकरण : तत्कालीन SP अजय सिंह और CO दिनेश शर्मा के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय

रेस्क्यू टीम लगातार कर रही लोगों की मदद
कोटा कलेक्टर अग्रवाल ने बताया कि पिछले 3 दिनों से कोटा में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. लोगों के लिए 40 आश्रय स्थलों पर ठहराया गया. जहां पर भोजन, पानी और आवास की सुविधा की गई है. रेस्क्यू के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, आरएसी, नगर निगम, एनजीओ की टीमें लगी हुई है. जिनके करीब 600 से ज्यादा जवान काम कर रहे हैं. इस दौरान पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, एडीएम प्रशासन वासुदेव, मालावत, एडीएम सिटी आरडी मीणा, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

Intro:जिला कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के चलते कोटा में यह स्थिति बनी है. वहीं उन्होंने कहा कि गांधी सागर बांध जिसका फुल रिजर्वॉयर लेवल 1312 है, पानी की आवक ज्यादा होने के चलते बांध का जलस्तर 1318 पर पहुंच गया है. ऐसे में वहां से लगातार निकासी की जा रही है. गांधी सागर के जल स्तर को 1312 से नीचे लाया जाएगा. ऐसे में करीब 2 दिन तक इसी तरह से कोटा बैराज से पानी छोड़ा जाएगा. जिसके चलते डूब क्षेत्र की स्थिति जो वर्तमान में है. वैसी ही अगले दो दिन तक बनी रहेगी.


Body:कोटा.
कोटा बैराज ने निर्माण के 60 साल बाद सर्वाधिक निकासी का रिकॉर्ड बनाया है. 1960 में निर्माण हुए कोटा बैराज से वर्ष 1986 में कोटा बैराज चंबल नदी में 6 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा था. इसके बाद अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए आज 7 लाख क्यूसेक पानी चम्बल नदी में छोड़ा जा रहा है.
बैराज से इतनी भारी मात्रा में लगातार पानी छोड़े जाने के चलते शहर की डेढ़ दर्जन से ज्यादा बस्ती और आबादी क्षेत्रों में चंबल खौफनाक मंजर के साथ बढ़ रही है और करीब 5000 से ज्यादा घर और दुकानें डूब क्षेत्र में आ गए हैं. जिनके घर व दुकान डूब एरिया में हैं, वे एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं. जिनमें से घरों में फंसे हुए 5000 लोगों को बचाव दलों ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला है.

जिला कलेक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के चलते कोटा में यह स्थिति बनी है. वहीं उन्होंने कहा कि गांधी सागर बांध जिसका फुल रिजर्वॉयर लेवल 1312 है, पानी की आवक ज्यादा होने के चलते बांध का जलस्तर 1318 पर पहुंच गया है. ऐसे में वहां से लगातार निकासी की जा रही है. गांधी सागर के जल स्तर को 1312 से नीचे लाया जाएगा. ऐसे में करीब 2 दिन तक इसी तरह से कोटा बैराज से पानी छोड़ा जाएगा. जिसके चलते डूब क्षेत्र की स्थिति जो वर्तमान में है. वैसी ही अगले दो दिन तक बनी रहेगी.


Conclusion:कोटा कलेक्टर अग्रवाल ने बताया कि पिछले 3 दिनों से कोटा में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. लोगों के लिए 40 आश्रय स्थलों पर ठहराया गया. जहां पर भोजन, पानी व आवास की सुविधा की गई है. रेस्क्यू के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, आरएसी, नगर निगम, एनजीओ की टीमें लगी हुई है. जिनके करीब 600 से ज्यादा जवान काम कर रहे हैं. इस दौरान पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, एडीएम प्रशासन वासुदेव, मालावत, एडीएम सिटी आरडी मीणा, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.


बाइट-- मुक्तानंद अग्रवाल, जिला कलेक्टर
बाइट-- मुक्तानंद अग्रवाल, जिला कलेक्टर
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