ETV Bharat / city

Fly Ash Bricks: FAPMA का पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पर आरोप, लाल ईंट के उपयोग पर नहीं वसूल रहे पर्यावरण प्रतिकर... करोड़ों का हो रहा नुकसान - Guideline for using fly ash bricks

एफएपीएमए का कहना है कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 में नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसके तहत मिट्टी की ईंट से निर्माण करने वाले सभी मकानों पर 75 रुपए प्रति वर्ग फुट के अनुसार पर्यावरण के प्रति कर लगाने का प्रावधान किया (Tax on bricks per square feet) है. यह आदेश थर्मल पावर प्लांट के 300 किलोमीटर की दूरी तक के स्थित सभी एरिया पर लागू है. इसके बावजूद भी पोलूशन कंट्रोल बोर्ड लापरवाही बरत रहा है.

FAPMA allegations on Pollution Control Board
FAPMA का पोलूशन कंट्रोल बोर्ड पर आरोप, लाल ईंट के उपयोग पर नहीं वसूल रहे पर्यावरण प्रतिकर
author img

By

Published : Apr 13, 2022, 5:29 PM IST

Updated : Apr 13, 2022, 11:24 PM IST

कोटा. फ्लाई ऐश प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (FAPMA) ने पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड पर केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की गाइडलाइन की पालना नहीं करने का आरोप लगाया (FAPMA allegations on Pollution Control Board) है. एसोसिएशन का कहना है कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 में नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसके तहत मिट्टी की ईंट से निर्माण करने वाले सभी मकानों पर 75 रुपए प्रति वर्ग फुट के अनुसार पर्यावरण के प्रति कर लगाने का प्रावधान किया है. यह आदेश थर्मल पावर प्लांट के 300 किलोमीटर की दूरी तक के स्थित सभी एरिया पर लागू है. इसके बावजूद भी पोलूशन कंट्रोल बोर्ड लापरवाही बरत रहा है.

एसोसिएशन का कहना है कि मिट्टी के दोहन से बनने वाली ईंटों से भी पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह का कहना है कि 1999 से लेकर 2019 तक वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने कई बार आदेश जारी किए हैं. थर्मल पावर प्लांट से 300 किलोमीटर की परिधि में केवल फ्लाई ऐश ईंट का ही उपयोग होना चाहिए, लेकिन इसका प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हुआ. ऐसे में सितंबर 2021 में उन्होंने पर्यावरण प्रति कर लगाने के आदेश जारी कर दिए है.

FAPMA का पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पर आरोप, लाल ईंट के उपयोग पर नहीं वसूल रहे पर्यावरण प्रतिकर

पढ़ें: HZL कर रहा पर्यावरण नियमों की अवहेलना, ईटीवी भारत से बोले किसान जमीन हो रही बंजर... जिला प्रशासन पर लगाया मिलीभगत का आरोप

भवन निर्माण बायलॉज में भी नहीं किया शामिल: राजेंद्र सिंह का यह भी कहना है कि नगर निगम और यूआईटी के अलावा टाउन प्लानिंग को भी बिल्डिंग बायलॉज में इन्हें शामिल करना था, लेकिन ऐसे भी दिशा-निर्देश राज्य सरकार ने जारी नहीं किए. जबकि रूरल एरिया में तो लोगों को जानकारी भी नहीं है. ग्रामीण एरिया में अवेयरनेस के लिए पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कोई दिशा-निर्देश भी जारी नहीं किए. सभी निर्माण एजेंसी, बिल्डर, पालिका और अन्य सभी संस्थाओं को अपने निर्माणों में 100 फीसदी फ्लाई ऐश ब्रिक का ही उपयोग करने के लिए निर्देश (Guideline for using fly ash bricks) हैं.

पढ़ें: राजस्थान : 60 क्षेत्रों में बजरी खनन के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति जारी, रियल एस्टेट सहित निर्माण क्षेत्र को बड़ी राहत

अधिकारियों की मंशा नहीं, करोड़ों का वसूल सकते हैं पर्यावरण: कोटा के रीको पर्यावरण इंडस्ट्रियल एरिया के अध्यक्ष संजय शर्मा ने अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है. उनका कहना है कि सरकार और अधिकारियों की मंशा नहीं है. अधिकारी सही से काम करेंगे, तो यही स्थिति नहीं होगी, नहीं तो आने वाले समय में मिट्टी का पोलूशन काफी बढ़ जाएगा. जिससे खाने-पीने की वस्तुओं का संकट होगा, अनाज और अन्य खाद्यान्नों का उत्पादन प्रभावित होगा. केंद्र सरकार ने जो पेनल्टी का प्रावधान किया है. उसकी वूसली कर राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को केंद्रीय पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड के खाते में डालना है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. यह पर्यावरण प्रति कर वसूला जाए तो यह करोड़ों में होता है. 1000 वर्ग फीट के मकान से करीब 75 हजार रुपए का पर्यावरण प्रतिकर वसूल होगा.

कोटा. फ्लाई ऐश प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (FAPMA) ने पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड पर केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की गाइडलाइन की पालना नहीं करने का आरोप लगाया (FAPMA allegations on Pollution Control Board) है. एसोसिएशन का कहना है कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 में नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसके तहत मिट्टी की ईंट से निर्माण करने वाले सभी मकानों पर 75 रुपए प्रति वर्ग फुट के अनुसार पर्यावरण के प्रति कर लगाने का प्रावधान किया है. यह आदेश थर्मल पावर प्लांट के 300 किलोमीटर की दूरी तक के स्थित सभी एरिया पर लागू है. इसके बावजूद भी पोलूशन कंट्रोल बोर्ड लापरवाही बरत रहा है.

एसोसिएशन का कहना है कि मिट्टी के दोहन से बनने वाली ईंटों से भी पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह का कहना है कि 1999 से लेकर 2019 तक वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने कई बार आदेश जारी किए हैं. थर्मल पावर प्लांट से 300 किलोमीटर की परिधि में केवल फ्लाई ऐश ईंट का ही उपयोग होना चाहिए, लेकिन इसका प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हुआ. ऐसे में सितंबर 2021 में उन्होंने पर्यावरण प्रति कर लगाने के आदेश जारी कर दिए है.

FAPMA का पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पर आरोप, लाल ईंट के उपयोग पर नहीं वसूल रहे पर्यावरण प्रतिकर

पढ़ें: HZL कर रहा पर्यावरण नियमों की अवहेलना, ईटीवी भारत से बोले किसान जमीन हो रही बंजर... जिला प्रशासन पर लगाया मिलीभगत का आरोप

भवन निर्माण बायलॉज में भी नहीं किया शामिल: राजेंद्र सिंह का यह भी कहना है कि नगर निगम और यूआईटी के अलावा टाउन प्लानिंग को भी बिल्डिंग बायलॉज में इन्हें शामिल करना था, लेकिन ऐसे भी दिशा-निर्देश राज्य सरकार ने जारी नहीं किए. जबकि रूरल एरिया में तो लोगों को जानकारी भी नहीं है. ग्रामीण एरिया में अवेयरनेस के लिए पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कोई दिशा-निर्देश भी जारी नहीं किए. सभी निर्माण एजेंसी, बिल्डर, पालिका और अन्य सभी संस्थाओं को अपने निर्माणों में 100 फीसदी फ्लाई ऐश ब्रिक का ही उपयोग करने के लिए निर्देश (Guideline for using fly ash bricks) हैं.

पढ़ें: राजस्थान : 60 क्षेत्रों में बजरी खनन के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति जारी, रियल एस्टेट सहित निर्माण क्षेत्र को बड़ी राहत

अधिकारियों की मंशा नहीं, करोड़ों का वसूल सकते हैं पर्यावरण: कोटा के रीको पर्यावरण इंडस्ट्रियल एरिया के अध्यक्ष संजय शर्मा ने अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है. उनका कहना है कि सरकार और अधिकारियों की मंशा नहीं है. अधिकारी सही से काम करेंगे, तो यही स्थिति नहीं होगी, नहीं तो आने वाले समय में मिट्टी का पोलूशन काफी बढ़ जाएगा. जिससे खाने-पीने की वस्तुओं का संकट होगा, अनाज और अन्य खाद्यान्नों का उत्पादन प्रभावित होगा. केंद्र सरकार ने जो पेनल्टी का प्रावधान किया है. उसकी वूसली कर राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को केंद्रीय पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड के खाते में डालना है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. यह पर्यावरण प्रति कर वसूला जाए तो यह करोड़ों में होता है. 1000 वर्ग फीट के मकान से करीब 75 हजार रुपए का पर्यावरण प्रतिकर वसूल होगा.

Last Updated : Apr 13, 2022, 11:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.