कोटा. संभाग के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु जेके लोन अस्पताल में जहां पिछले साल नवजात बच्चों की मौत के मामले में पूरे देश में सुर्खियों में रहा. वहीं अबतक बीते 24 घंटे में नौ बच्चों की मौत हो गई, जिस पर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
सिविल लाइन गाड़ी से भर्ती महिला संजू के पति बंटी ने बताया कि चार साल पहले उसकी पत्नी को एक बच्ची पैदा हुई थी. उसके बाद में एक लड़का पैदा होने पर एक आस जगी थी. लेकिन अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई. वहीं दूसरी ओर मेरी पत्नी संजू अस्पताल में भर्ती है, जिसको सिजेरियन से बच्चा पैदा हुआ था. उसे भी बीती रात से पेट में तकलीफ थी, ऐसे में जब डॉक्टर को बुलाने गया तो उसके साथ बदतमीजी हुई.
यह भी पढ़ें: कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत, बीजेपी विधायक ने साधा सरकार पर निशाना
निमोनिया की शिकायत होने पर अपनी बच्ची को लेकर आए दुर्गेश ने बताया कि जब रात को बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने के लिए लेकर आए, तो यहां पर बेड खाली नहीं थे. इसके चलते जबरदस्ती स्टाफ में पहले से ही भर्ती मरीज के साथ में उसको लेटा दिया. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते एक बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती करने से संक्रमण का खतरा बना रहता है.